*मदरसा मुस्लिम आक्रामकों द्वारा कब्जाई हुई हिन्दू इमारतें* मदरसा :- मध्यकालीन स्मारकों के खुले प्रांगण, वार्तालाप-कक्ष भाग यात्रियों को ‘मदरसे’ बता दिए जाते है। विचार करने की बात है कि मध्यकालीन इस्लामी शासन जे अंतर्गत, जब अशिक्षित शासकों का राज्य था और सम्पूर्ण शैक्षिक-योग्यता का अर्थ केवल कुरान का पूर्ण पाठ करने की क्षमता भर […]
महीना: जून 2020
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद कांग्रेस का देश विरोधी चेहरा खुलकर सामने आने लगा। देश और मोदी सरकार विरोधी ताकतों से कांग्रेस और राहुल गांधी की किस तरह की सांठगांठ है, उसकी परतें लगातार खुलती जा रही हैं। शुक्रवार को सांठगांठ की एक और परत खुली जब राहुल […]
____________________________________________ ओ३म् द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: । वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥ ओ३म् शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥ #हिन्दी_रूपांतरण____ शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में, अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में, सकल विश्व में अवचेतन […]
प्राचीन भारत कि तालाब संरक्षण संवर्धन व्यवस्था का उल्लेख कौटिल्य अर्थात आचार्य चाणक्य के रचित अर्थशास्त्र ग्रंथ में मिलता है | प्रथम अध्याय के अध्यक्ष प्रचार भाग में तालाबों का वर्गीकरण किया गया है..| मुख्य तौर पर तालाबों को दो वर्गों में बांटा गया है(1) नित्य जल वाले ( 2) अनित्य जल वाले तालाब| प्रथम […]
इस प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने के लिए हमें अपने पूर्वजों ,ऋषियों ,ज्ञानियों , ध्यानियों द्वारा स्थापित कुछ परंपराओं का निर्वहन करना होगा। हमें अपनी पुरातन व सनातन संस्कृति एवं सभ्यता में लौटना होगा। हमें वेदों की ओर चलना होगा । वेदों में बताए गए रास्ते पर चल कर ही जीवन और जगत में […]
ललित गर्ग – ललित गर्ग- राज्यसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में जो राजनैतिक तोड़फोड़ और उठापटक देखने को मिल रही है, उसे एक आदर्श एवं स्वस्थ लोकतन्त्र के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। जनता द्वारा चुने गये विधायकों की चरित्र एवं साख इतनी गिरावट से ग्रस्त है कि आर्थिक एवं सत्ता के प्रलोभन […]
भारत में ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य और शूद्र इन चार वर्णों की व्यवस्था की गई है । चारों ही वर्ण अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं । प्राचीन काल में भारत वर्ष में गुण – कर्म – स्वभाव के अनुसार व्यक्ति को उसका वर्ण प्राप्त होता था । इनमें से पहले वर्ण ब्राह्मण को […]
विगत दो दशकों से गृह-निर्माण में ‘वास्तुशास्त्र’ का प्रचलन बढ़ा है। नया घर बनवाते समय अथवा मरम्मत करवाते समय या घर की इंटीरियर डिजायनिंग के समय पेशेवर वास्तुविद की मदद ली जा रही है. प्रयास यह रहता है कि घर वास्तुशास्त्र के अनुकूल हो। पेशेवर वास्तुविद यह दावा करते हैं कि उन्हें वास्तु की पूर्ण […]
किसी भी समाज में किसी भी स्त्री का बलात्कार होना केवल उस स्त्री के साथ अन्याय नहीं वरन उस समाज के सभ्य होने पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है । हाल में हुई दिल्ली में एक लड़की का अमानवीय बलात्कार और फिर उसकी मौत देश में स्त्रियों की हालत बयाँ करते हैं , ऐसा […]
ओ३म् ========= हम अपने शरीर व संसार को देखते हैं तो विवेक बुद्धि से यह निश्चय होता है कि यह अपौरुषेय रचनायें हैं जिन्हें ईश्वर नाम की एक सत्ता ने बनाया है। वह ईश्वर आकारवान या साकार तथा एकदेशी वा स्थान विशेष में रहने वाला कदापि नहीं हो सकता। ईश्वर सर्वज्ञ एवं सर्वशक्तिमान सिद्ध होता […]