ओ३म् =====x=====x===== सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से चार वेदों का आविर्भाव हुआ था। वेद ज्ञान व सत्य विद्याओं को कहते हैं। चार वेदों में ज्ञान, कर्म और उपासना सहित विज्ञान विषयों का वर्णन है। वेदों के प्रमुख विद्वान 6 दर्शनकार, 11 व अधिक उपनिषदकार, महर्षि पाणिनी, महर्षि यास्क एवं ऋषि दयानन्द जी हुए हैं। […]
महीना: जून 2020
प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक हैरिस सुलतान की पुस्तक ‘द कर्स ऑफ गॉड: ह्वाय आई लेफ्ट इस्लाम’ में वैज्ञानिक तर्कों से इस्लामी विचारों और परंपराओं की समालोचना है। उन की पड़ताल के बिन्दु हैं – 1. क्या अल्लाह के होने का कोई सबूत है? 2. क्या इस्लाम में बताई गई नैतिकता अच्छी है? 3. […]
…………. ………………………………… राकेश छोकर / नई दिल्ली ………………………………………………. विज्ञान एवं भारतीय दर्शन केंद्र के प्रमुख एवं विज्ञानवेत्ता प्रभु नारायण के अनुसार आगामी 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सबसे ज्यादा प्रभाव भारत पर डाल सकता है और निसंदेह भूकंप जैसी आपदा की संभावना सबसे ज्यादा प्रबल है। कई छोटे मध्यम दर्जे का भूकंप बड़े […]
……………………………………………….. राकेश छोकर / नई दिल्ली …………………………………………… अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर, अखंड भारत गुर्जर महासभा के द्वारा आयोजित वेबीनार में विश्व के विद्वत जनों ने योग महिमा का बखान किया। योग को विश्व जनमानस के जीवन के लिए आवश्यक करार दिया गया । “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और भारतीय संस्कृति” नामक विषय पर […]
जमशेदपुर । ( विशेष संवाददाता ) शहीद का ना कोई मजहब होता है ना कोई जाति होती है । उसकी शहादत पर हर आंख में आंसू होते हैं और हर दिल में उसके प्रति श्रद्धा का एक सैलाब उमड़ पड़ता है । यही स्थिति बताती है कि जाने वाला कितना शानदार था और अब जब […]
संसार का सुख क्षणभंगुर है।लेकिन मुक्ति का आनंद वर्णनातीत है जो केवल अनुभव किया जा सकता है । उस परमानंद के सामने सांसारिक सुख कदापि महत्व नहीं पा सकते ।मानव के जीवन का उद्देश्य एकमात्र यही है कि वह परम आनंद को पाता रहे। परमानंद को पाकर उसकी पूर्ण आयु ,महाकाल पर्यंत रमण करता रहे […]
शिव शरण त्रिपाठी साल 2004 में कांग्रेस नीत संप्रग की सरकार ने पूर्व के कानून में संशोधन करके यह प्रावधान कर दिया था कि यदि कोई ‘एक दिन’ के लिये भी सांसद बन जायेगा तो वह पेंशन का हकदार होगा और तब से यही होता चला आ रहा है। कोरोना महामारी के संकट से खासतौर […]
संजय सक्सेना कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि गांधी परिवार सुबह उठकर जब तक मोदी-योगी को कोस नहीं लेता है तब तक उसकी दिनचर्या शुरू नहीं होती है। न जाने क्यों गांधी परिवार अपने आप को हिन्दुस्तान का बेताज बादशाह समझता है। करीब छह वर्ष पूर्व देश की जनता ने कांग्रेस से दिल्ली का ‘राजपाठ’ […]
प्रह्लाद सबनानी चीन से आयात की जाने वाली बहुत-सी वस्तुएँ ऐसी हैं जिनका निर्माण भारत के गांवों में कुटीर एवं लघु उद्योग स्थापित कर बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। दरअसल, कुटीर एवं लघु उद्योगों के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने उत्पाद को बेचने की रहती है। कोरोना महामारी के कारण लगभग दो […]
भारत में गुरु शिष्य परम्परा प्राचीन काल से है । हमारे प्राचीन वैदिक साहित्य में गुरुओं का भी गुरु परमपिता परमेश्वर को कहा गया है । वेद ने हमें यह शिक्षा दी है कि गुरुओं का भी गुरु परमपिता परमेश्वर है , क्योंकि ईश्वर ने सृष्टि के प्रारंभ में ही यह ज्ञान जिन ऋषियों को […]