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विधि-कानून

श्रम कानूनों पर बदलाव पर राजनीति कितनी सही कितनी गलत

  अजय कुमार हिन्दुस्तान में श्रमिकों के हितों की बात और सियासत तो खूब की जाती है, लेकिन आजादी के बाद से आज तक केन्द्र या राज्यों की तमाम सरकारें श्रमिक हितों का ढिंढोरा पीट कर पूंजीपतियों, औद्योगिक घरानों, उद्योगपतियों को ही पालती-पोसती रही हैं। उस श्रम कानून के बदलने पर किसी को भी हो-हल्ला […]

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उगता भारत न्यूज़

मोदी सरकार का 20 लाख का पैकेज जनहितकारी नीतियों का प्रतीक, हिंदू महासभा करती है समर्थन : संदीप कालिया

माइग्रेशन राशन कार्ड भी बताया सरकार की दूरदर्शिता का प्रतीक । नई दिल्ली । ( अजय आर्य ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री संदीप कालिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा अभी हाल ही में 20 लाख के जिस पैकेज की घोषणा की गई है वह उनकी सरकार की […]

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भारतीय संस्कृति

बुरा जो देखन मैं चला…..

जीवन प्रबंधन मनुष्य के जीवन के लिए प्रत्येक प्रकार का प्रबंधन, नियमों का अनुपालन करना बहुत आवश्यक होता है। प्रबंधन का तात्पर्य उचित प्रकार से जीवन को व्यवस्थित बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से करना होता है। मनुष्य को चाहिए कि वह सर्वप्रथम यह सुनिश्चित करे कि उसे अपनी आत्मा के लिए क्या करना है […]

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आर्थिकी/व्यापार

केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र को मज़बूत करने की क़वायद

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अहम भूमिका अदा करता है। एमएसएमई क्षेत्र की देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पादन में 45 प्रतिशत और निर्यात में 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कृषि क्षेत्र के बाद, एमएसएमई क्षेत्र में रोज़गार के सबसे अधिक अवसर निर्मित […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास का ठुकराया हुआ हीरा : वीर छत्रपति संभाजी महाराज

(14 मई को जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रचारित) डॉ विवेक आर्य वीर शिवाजी के पुत्र वीर शम्भा जी को अयोग्य आदि की संज्ञा देकर बदनाम करते हैं= जबकि सत्य ये है कि अगर वीर शम्भा जी कायर होते तो वे औरंगजेब की दासता स्वीकार कर इस्लाम ग्रहण कर लेते। वह न केवल अपने प्राणों […]

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स्वर्णिम इतिहास

देहत्याग के समय भीष्म के पास क्या अकेले पांडव और श्री कृष्ण जी ही उपस्थित थे ?

अभी टी0वी0 चैनल पर महाभारत धारावाहिक समाप्त हुआ है । जिसमें दिखाया गया है कि अंतिम समय में भीष्म पितामह के पास पांचों पांडव और श्रीकृष्ण जी गए थे । उनके अतिरिक्त वहाँ पर अन्य कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं था । यहाँ पर प्रश्न यह खड़ा होता है कि भीष्म पितामह जैसे महामानव का जिस […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देशी उत्पादों को अपनाना ही होगा

देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने दिनांक 12 मई 2020 को सायं 8 बजे देश को सम्बोधित करते हुए अपने उदबोधन में कहा है कि दुनिया को कोरोना संकट से मुक़ाबला करते हुए अब 4 महीने से ज़्यादा का समय हो गया है। इस दौरान सभी देशों के 42 लाख से ज़्यादा लोग […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख

कोरोना महामारी के बाद स्वदेशी मॉडल ही भारतीय अर्थव्यवस्था का सहारा

आज पूरे विश्व में कोरोना महामारी की जो स्थिति है उससे हम सभी भलीभाँति वाक़िफ़ हैं। केंद्र सरकार ने इस महामारी को भारत में फैलने से रोकने के लिए कैसे-कैसे गम्भीर प्रयास किए इसके भी आप साक्षी हैं। जब भारत में कोरोना का एक भी मरीज़ नहीं था तब देश में बाहर से आने वाले […]

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वैदिक संपत्ति

धार्मिक एवं सामाजिक साहित्य में सत्यार्थ प्रकाश का अग्रणीय स्थान है

ओ३म् =========== संसार में धर्म व नैतिकता विषयक अनेक ग्रन्थ हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। इन सब ग्रन्थों की रचना व परम्परा का आरम्भ सृष्टि के आदिकाल में ही ईश्वर प्रदत्त वेदों का ज्ञान देने के बाद से हो गया था। सृष्टि को बने हुए 1.96 अरब वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में […]

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भारतीय संस्कृति

तामसिक भोजन एवं मांसाहार करने वाला मनुष्य ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता

ओ३म् =========== हम और हमारा यह संसार परमात्मा के बनाये हुए हैं। संसार में जितने भी प्राणी हैं वह सब भी परमेश्वर ने ही बनाये हैं। परमेश्वर ने सब प्राणियों को उनके पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने के लिये बनाया है। परमात्मा ने मनुष्यों के शरीर की जो रचना की […]

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