ग्रेटर नोएडा । ( अजय आर्य ) यहां पर चल रहे चतुर्वेद पंचम पारायणयज्ञ के 25 वें दिन बोलते हुए आर्य जगत के मूर्धन्य विद्वान और सुप्रसिद्ध सन्यासी स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने कहा कि आज भी लोग पाखंड और अज्ञान के अंधकार में भटक रहे हैं । उन्होंने कहा कि सत्यवान और सावित्री की […]
Month: August 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र प्रतिष्ठा में, श्रीमान नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार , नई दिल्ली महोदय सादर प्रणाम । आपके यशस्वी और तेजस्वी नेतृत्व के कारण भारतवर्ष का नाम संसार में बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाने लगा है , जिस पर हम सभी देशवासियों को बहुत ही गर्व […]
स्वतंत्रता और भारती का संबंध गहन है बड़ा , स्वतंत्रता का संदेश विश्व ने भारत से है पढ़ा । उपदेश हमको आज जो दे रहे हैं संविधान का , अस्तित्व उनका भी हमारे वेद के कारण है खड़ा ।। विश्व को स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाने वाला भारत है । अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है […]
9 अगस्त 1925 की घटना है । जब हमारे क्रांतिकारियों ने रेल डकैती की योजना बनाकर उसको अंजाम तक पहुंचाया था । रामप्रसाद बिस्मिल , चंद्रशेखर आजाद , अशफाक उल्ला खान और उनके कई साथियों ने मिलकर इस क्रांतिकारी कार्य को संपन्न किया था । इस डकैती के पीछे उनका उद्देश्य केवल यह था कि […]
यह बहुत ही कष्ट का विषय है कि आज के बच्चे अपने माता-पिता के प्रति सेवाभावी नहीं हो पा रहे हैं । जब माता-पिता के प्रति सेवाभावी या कहना मानने वाले नहीं है तो वह समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं , सेवा भाव का तो प्रश्न ही समाप्त हो जाता है। […]
हिंदुत्व आरएसएस और कम्युनिस्ट
साम्यवाद की विचारधारा क्या भारतीय संस्कृति के अनुकूल है? या साम्यवाद का भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास से भी कोई संबंध है? यदि इन जैसे प्रश्नों के उत्तर खोजे जाऐं तो ज्ञात होता है कि वास्तविक साम्यवाद भारतीय संस्कृति में ही है। संसार का कम्युनिस्ट समाज भारतीय साम्यवाद को समझ नहीं पाया है और ना […]
जब सुभाष के मार्गदर्शक बने वीर सावरकर जब क्रांतिवीर सावरकर ने 26 फरवरी 1966 को अपना नाशवान शरीर त्यागा तो उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा था-‘‘सावरकर जी की मृत्यु से विद्यमान भारत के एक महान व्यक्ति को हमने खो दिया।’’ बात स्पष्ट है कि इंदिराजी की दृष्टि में […]
सुषमा स्वराज : स्वराज्य की साधिका
यक्ष युधिष्ठिर संवाद में यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा कि किमाश्चर्यम ?- अर्थात आश्चर्य क्या है ? यक्ष के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए तब धर्मराज युधिष्ठिर ने बड़े संतुलित , सटीक और तार्किक ढंग से कहा कि — ” महाराज ! हम प्रतिदिन अपनी इन नग्न आंखों से देखते हैं कि हजारों लोग […]
आवश्यकता भारत जोड़ो आंदोलन की
भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के अवसर पर आज हम महात्मा गांधी द्वारा 1942 में चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मना रहे हैं । वैसे हमारा मानना है कि यदि 1857 की क्रांति के इतिहास का और उस समय घटे घटनाचक्र का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए तो पता चलता है कि भारतवासियों […]
7 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि पर विशेष भारत की पावन धरती पर कितनी ही महान विभूतियों ने जन्म लिया है, कितने ही विदेशी महापुरूषों ने इस पावन धरती को अपनी कर्म स्थली बनाया है। प्राचीन काल से ही भारत की पावन धरा ने मातृवत मानवता को अपने पुनीत पयोधर से पावन पयपान कराकर उसे सत्कृत्यों […]