राकेश आर्य (बागपत) गतांक से आगे……. 28. जो दुष्टों का ताडऩ और अव्यत्क तथा परमाणुओं का अन्योअन्य संयोग या वियोग करता है, वह परमात्मा ‘जल’ संज्ञक कहाता है। 29. जो सब ओर से सब जगत् का प्रकाशक है, इसलिए उस परमात्मा का नाम ‘आकाश’ है। 30,31,32. यह व्यासमुनिकृत शारीरक सूत्र है। जो सब को भीतर […]
Month: May 2018
सहिष्णुता और असहिष्णुता की बहसबाजी के इस दौर में किसी का क्या धर्म और कर्म हो इसका उदाहरण महायोद्धा तक्षक से बेहतर शायद ही मिले.. एक महान हिन्दू योद्धा जिसके पराक्रम से अरब सेनाएं पीछे हटी थीं और भगवान श्री कृष्ण के बाद पहली बार भारत ने जैसे को तैसा उत्तर देने की ठानी थी […]
राकेश आर्य (बागपत) महर्षि दयान्द सीधे-सीधे वेदों के मंत्रो से अर्थ करके बताते है कि परमेश्वर के जितने नाम है उन सबका अर्थ ओंकार से होता है। क्योंकि परमेश्वर उसको कहते है जो अपने गुण, कर्म, स्वभाव और सत्य-सत्य व्यवहार में न सिर्फ सब से अधिक हो, सबसे श्रेष्ठ भी हो तथा उसके तुल्य भी […]
आरंभिक दिनों में अंग्रेजों की भारत में स्थिति प्रो. केडिया की पुस्तक ‘रूट्स ऑफ अण्डर डेवलपमेंट’ से हमें ज्ञात होता है कि जिस समय महारानी एलिजाबेथ के पत्र के साथ उसका प्रतिनिधि अकबर से (सन 1600 ई. में) मिला था, उस समय उसने बादशाह को 29 घोड़े भी उपहार स्वरूप भेंट किये थे। बादशाह ने […]
देश जल रहा है और ………
महाभारत से हमें पता चलता है कि यादव, कुकुर, भोज, अंधक और वृष्णि नामक गणराज्य उस समय परस्पर लड़ते- झगड़ते रहते थे। उन गणराज्यों ने अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता और पृथक सत्ता को कायम रखते हुए अपने को एक संघ के रूप में संगठित किया हुआ था। इस संघ में दो मुख्य दल थे, जिनके नेता […]
देश की संसद के प्रति पक्ष-विपक्ष की लापरवाही बढ़ती ही जा रही है। सत्ता पक्ष का कहना है कि संसद में विपक्ष अपनी सही भूमिका का निर्वाह नहीं कर रहा है, और वह संसदीय कार्यवाही में अनावश्यक व्यवधान डाल रहा है, तो विपक्ष का कहना है कि संसद को चलाना सत्ता पक्ष का कार्य है […]
भारत में चुनावी व्यय दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। भारत जैसे गरीब देश के लिए यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां आज भी देश की आधी जनसंख्या के लिए जहां तन ढकने के लिए वस्त्र और पेट की भूख मिटाने के लिए रोटी भी उपलब्ध ना हो वहां कुछ लोग चुनावों में अपनी […]
भारत की जनगणना को लेकर लोगों में इस समय काफी चर्चा बनी हुई है। ‘सुदर्शन न्यूज़ चैनल’ के चीफ एडिटर श्री सुरेश चव्हाणके द्वारा भारत की जनसंख्या में हो रही मुस्लिमों की अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर एक यात्रा भी निकाली गई है। जिसमें उन्होंने एक वर्ग द्वारा अपनी जनसंख्या बढ़ा कर भारत के जनसांख्यिकीय आंकड़े […]
राकेश आर्य (बागपत) महर्षि दयानन्द का तात्पर्य बिलकुल साफ है सबसे पहले वेदानुसार वे परमेश्वर को निराकार अजर, अमर, अजन्मा, सर्वशक्तिमान तो बताते ही है साथ ही साथ ईश्वर एक है और सर्व व्यापक यानि कण-कण में विद्ममान मानते है अत: उसकी कोई प्रतिमा नहीं हो सकती है। विभिन्न नामों का वर्णन जैसे भाग-3 में […]
भारत में प्रचलित खाप पंचायतों के विरुद्ध शिक्षित वर्ग और देश के न्यायालयों की कड़ी आपत्ति समय-समय पर आती रही है। इसके उपरांत भी खाप पंचायतों के अन्यायपूर्ण और निर्दयता से भरे निर्णय को हम बार-बार सुनते रहते हैं। ऐसे में खाप पंचायतों की स्थिति के बारे में हमें गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता […]