देवेंद्र जोशी भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह […]
महीना: मार्च 2018
गीता का सत्रहवां अध्याय मनुष्य के पतन का कारण कामवासना होती है। बड़े-बड़े सन्त महात्मा और सम्राटों का आत्मिक पतन इसी कामवासना के कारण हो गया। जिसने काम को जीत लिया वह ‘जगजीत’ हो जाता है। सारा जग उसके चरणों में आ जाता है। ऐसे उदाहरण भी हमारे इतिहास में अनेकों हैं जिन्होंने कामवासना को […]
टीआरपी की ख़बरों का मिडिया
जब समाज की तरफ से आवाज आती है कि मीडिया से विश्वास कम हो रहा है या कि मीडिया अविश्वसनीय हो चली है तो सच मानिए ऐसा लगता कि किसी ने नश्चत चुभो दिया है. एक प्रतिबद्ध पत्रकार के नाते मीडिया की विश्वसनीयता पर ऐसे सवाल मुझ जैसे हजारों लोगों को परेशान करते होंगे, हो […]
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन को भारत में गणतंत्र दिवस रूप में मनाया जाता है और भारत द्वारा प्रत्येक गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी व्यक्ति को मुख्य अथिति के रूप में आमंत्रित किया जाता है तो आइये जानते हैं अब तक गणतंत्र दिवस पर रहे मुख्य अतिथियों की सूची 2017 – शेख […]
अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवन्तिका। पुरी द्वारा चैव सप्तैता मोक्षदायिका।। -अयोध्या, मथुरा, मायानगरी (हरिद्वार) काशी, कांची जगन्नाथपुरी व द्वारिका नगरी ये (पुराणों के अनुसार) सात मोक्षदायिनी नगरी मानी गयी हैं। जिनमें अयोध्या का नाम प्रथम स्थान पर अंकित है, जो मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली है। प्राचीन इतिहास के अनुसार जगद्गुरू भारतवर्ष की राजधानी […]
नये भारत के निर्माण की नींव में बैठा इंसान सिर्फ हिंसा की भाषा में सोचता है, उसी भाषा मेें बोलता है और उससे कैसे मानव जाति को नष्ट किया जा सके, इसका अन्वेषण करता है। बदलते परिवेश, बदलते मनुज-मन की वृत्तियों ने उसका यह विश्वास और अधिक मजबूत कर दिया कि हिंसा हमारी नियति है, […]
गीता का सोलहवां अध्याय काम, क्रोध और लोभ इन तीनों को गीता नरक के द्वार रहती है। आज के संसार को गीता से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि वह जिन तीन विकारों (काम, क्रोध और लोभ) में जल रहा है-इनसे शीघ्र मुक्ति पाएगा। आज के संससार में गीता से दूरी बनाकर अपने मरने का अपने […]
चीनी भाषा अध्ययन है, कठोर परिश्रम: भा. (१)
डॉ. मधुसूदन: मौलिक सारांश: संसार की कठिनतम भाषा है चीनी. कठोर परिश्रम से ही, चीनी अपनी भाषा सीखते हैं. शालेय शिक्षा के दस वर्ष प्रति-दिन ३०% से अधिक समय चीनी भाषा सीखने में लगाते हैं. इस भाषा में भूत, भविष्य और वर्तमान काल दर्शाए नहीं जा सकते. नवीन शब्द रचना भी अति कठिन है. ऐसी […]
बिखरे मोती-भाग 224 गतांक से आगे…. सत्संग की महिमा सूर्य उगे तो दीप सब होते कान्तिहीन। सत्संग जिनको हो गया, हो गये व्यसन विहीन।। 1161।। व्याख्या:-उपरोक्त दोहे की व्याख्या करने से पूर्व सत्संग का अर्थ समझना प्रासंगिक रहेगा। सत्य के संग को सत्संग कहते हैं। सत्य का संग तभी होता है, जब आप अपना आत्मावलोकन […]
वरूण क्वात्रा यूं तो डॉक्टर हमेशा ही लोगों को मौसमी फलों का सेवन करने की सलाह देते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग इनके फायदों से अनजान ही होते हैं। चूंकि अब सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है और बाजार में संतरे भी दिखने लगे हैं तो क्यों न अब संतरों का सेवन भी […]