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बिखरे मोती

मन हो जावै सुमन तो, समझो प्रभु समीप

बिखरे मोती-भाग 214 गतांक से आगे…. वाणी व्यवहार का आधार होती है। यह ऐसा प्रभु-प्रदत्त गहना है जिसका कोई सानी नहीं। इसे न तो कोई चुरा सकता है और न ही कोई छीन सकता है। वाणी में विवेक और विनम्रता यश की सुगंध भरते हैं। वाक्पटुता और व्यवहार कुशलता तो व्यक्ति के हृदय पर राज […]

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संपादकीय

कोरेगांव की जातीय हिंसा

भारत के विषय यह एक दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि आजादी के 70 वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त भी हम जातीय हिंसा के बार-बार शिकार होते हैं। बार-बार कुछ अनमोल जानें चली जाती हैं और हम उनके चले जाने के पश्चात यहां छाती पीट-पीटकर राजनीति अपना विधवा विलाप करती रह जाती है। हम बार-बार यह शपथ […]

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अन्य धर्म-अध्यात्म महत्वपूर्ण लेख

श्रेय और प्रेय का मार्ग

पृथ्वी के उत्तर और दक्षिण में दो ध्रुव – उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव हैं। दोनों ध्रुवों को ही पृथ्वी की धुरी कहा जाता हैं और दोनों में ही असाधारण शक्ति केन्द्रीभूत मानी जाती हैं। इसी भान्ति चेतन तत्त्व के भी दो ध्रुव हैं जिन्हें माया और ब्रह्म कहा जाता है। जीव इन्हीं दोनों के […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-51

गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज परमपुरूष अर्थात परमात्मा को पाने का सच्चा साधन योगेश्वर श्रीकृष्ण ‘अभ्यास योग’ को ही बताते हैं। वह कहते हैं कि जो साधक ‘अभ्यास योग’ के माध्यम से चित्त को एकाग्र कर उसे कहीं दूसरी जगह भागने नहीं देता है-वह निरन्तर चिन्तन करते रहने से दिव्य परमपुरूष को पा […]

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विशेष संपादकीय

प.उ.प्र. में हाईकोर्ट की खण्डपीठ की स्थापना : एक भटका हुआ आन्दोलन

मैं अधिवक्ता समाज व पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता का ध्यान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूत्र्ति मुख्य न्यायाधीश (तत्कालीन) डा. डी.वाई. चन्द्रचूड़ के उस पत्र की ओर दिलाना चाहता हूं जिसे उन्होंने 8 जनवरी 2015 को विधि मंत्रालय भारत सरकार को यह स्पष्ट करते हुए लिखा था कि राज्य सरकार का कोई प्रस्ताव पश्चिमी उत्तर […]

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राजनीति

असम क्यों सुलग रहा है

बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी का पहला प्रारूप आते ही सीमावर्ती राज्य असम में तनाव बढ़ गया है। सूची में घोषित आतंकी व लंबे समय से विदेश में रहे परेश बरुआ, अरुणोदय दहोटिया के नाम तो हैं लेकिन दो सांसदों व कई विधायकों के नाम इसमें नहीं हैं। अपना नाम देखने के लिए केंद्रों […]

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गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-50

गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज एकाक्षर ब्रह्म गीता के आठवें अध्याय में ब्रह्म, कर्म, अध्यात्म, अधिभूत, अधिदैव, अधियज्ञ तथा अन्तकाल की सुन्दर व्याख्या की गयी है। अर्जुन ने गीता के आठवें अध्याय के आरम्भ में प्रश्न कर लिया है कि पुरूषोत्तम वह ब्रह्म क्या है? अध्यात्म क्या है? कर्म क्या है? अधिभूत किसे […]

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संपादकीय

पाकिस्तान को लेकर भारत सोये नहीं

ईसाई नये वर्ष 2018 की शुरूआत पाकिस्तान के लिए कष्टकारी रही है। इस देश की वास्तविकता को सारा संसार अब समझ रहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को ‘नया साल मुबारिक’ बोलते हुए अपने इस मित्र को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोक दी है। अब पहली बार ‘ट्रम्प प्रशासन’ […]

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राजनीति

भारत की लाचार संसदीय प्रणाली

नोटबंदी का फैसला हो, जीएसटी लागू करने की बात हो या फिर तीन तलाक का मामला, सब जगह संसद की अवहेलना की गई। कानून बनाने में विपक्ष की भूमिका सिर्फ आलोचना करने तक सीमित है। वह न कोई कानून बनवा सकता है और न रुकवा सकता है। ऐसे में यह धारणा कि संसद कानून बनाती […]

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अन्य

नेट निरपेक्षता और साइबर अपराध

हाल में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) द्वारा अपने अनुशंसा-पत्र में यह सुनिश्चित किया जाना कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आइएसपी) को अपने मुनाफे के लिए अथवा किसी खास वेब ट्रैफिक को रोकने, धीमा करने या उसकी गुणवत्ता को प्रभावित करने का हक नहीं है, एक तरह से इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की मनमानी पर अंकुश लगाने […]

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