देश के अन्य बहुत से लोगों की तरह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रारम्भ से ही लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के पक्षधर रहे हैं। प्रधानमंत्री की यह सोच उचित ही है और इसे प्रधानमंत्री की सोच न कहकर इस देश के बहुसंख्यक मतदाताओं की भी सोच कहा जा सकता है। अधिकतर […]
महीना: दिसम्बर 2017
वर्तमान समय में मनुष्य बीमारियों का घर बनता जा रहा है। मॉर्डन लाइफस्टाइल व खान-पान के कारण न सिर्फ व्यस्क बल्कि बच्चे भी बहुत सी बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं। थॉयराइड भी ऐसी ही एक बीमारी है। वैसे तो यह बीमारी गर्भवती मां से भी बच्चे को मिल जाती है लेकिन अगर […]
बिखरे मोती-भाग 211 गतांक से आगे…. इसके अतिरिक्त तीन शरीर-स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर जो स्वप्न में हमारे साथ रहते हैं। अति सूक्ष्म शरीर अथवा कारण शरीर जिसमें जीव का स्वभाव बसता है। जीवात्मा के पास भोग के साधन उन्नीस हैं अर्थात उन्नीस मुख हैं-पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कमेन्द्रियां पांच प्राण ये पन्द्रह वाह्य कारण हैं तथा […]
गीता का छठा अध्याय और विश्व समाज योगेश्वर श्रीकृष्णजी ऐसे पाखण्डियों के विषय में कह रहे हैं कि ऐसे लोग किसी रूप में ना तो योगी हैं ना ही संन्यासी हैं और उनके भगवान होने का तो कोई प्रश्न ही नहीं है। श्रीकृष्णजी योगी या संन्यासी होने के लिए कह रहे हैं कि वह व्यक्ति […]
भारत में राष्ट्र की सर्वप्रथम कल्पना की गयी। सम्पूर्ण भूमण्डल पर भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो अपने राष्ट्रवाद में सम्पूर्ण वसुधा के कल्याण को समाहित करके चलता है। हमारा राष्ट्रवाद संकीर्ण नहीं है। हमारे ऋषियों ने सबके कल्याण की भावना से प्रेरित होकर ही राष्ट्र की संस्था की खोज की थी। अथर्ववेद के […]
गुजरात की कुल 182 सीटों में से 99 भाजपा को, 80 कांग्रेस को और 3 अन्य को मिलीं। भाजपा ने लगातार छठी बार गुजरात में सरकार बनाने का इतिहास रचा। जबकि हिमाचल प्रदेश में कुल 68 सीटों में से 44 भाजपा को, 21 कांग्रेस को व 3 अन्य दलों को मिली हैं। इस प्रकार हिमाचल […]
गुजरात के चुनाव परिणामों ने जहां भारतीय जनता पार्टी के कान खड़े कर दिए हैं, वहीं बर्फीले प्रदेश हिमाचल में कांग्रेस को बहुत बड़ा सबक दिया है। इन दोनों चुनावों के परिणामों के नेपथ्य से कुल मिलाकर यह संदेश तो प्रवाहित हो रहा है कि कांग्रेस धीरे-धीरे ही सही, परंतु सत्ता मुक्त पार्टी की ओर […]
गीता का छठा अध्याय और विश्व समाज गीता का छठा अध्याय कर्म के विषय में महर्षि दयानन्द जी महाराज ने ‘आर्योद्देश्यरत्नमाला’ में लिखा है- ”जो मन, इन्द्रिय और शरीर में जीव चेष्टा करता है वह कर्म कहाता है। शुभ, अशुभ और मिश्रित भेद से तीन प्रकार का है।” कर्म के विषय में वैदिक सिद्घान्त यह […]
गुरू हरिराय का अपने पुत्र रामराय के प्रति व्यवहार गुरू हरिराय के लिए यह असीम वेदना और कष्ट पहुंचाने वाली बात थी कि उनका पुत्र बादशाह औरंगजेब की चाटुकारिता करने लगे। जबकि उन्होंने अपने पुत्र रामराय को दिल्ली जाने से पूर्व भली प्रकार समझाया था कि बादशाह के समक्ष कोई भी ऐसी बात ना तो […]
आजकल के लाइफस्टाइल को मैंटेन करने के लिये महिलाओं का कामकाजी होना आज एक शौक ही नही बल्कि मजबूरी भी बन गया है। अब एक कमाई में घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है इसलिये घर के खर्चो को पूरा करने के लिये अपने पार्टनर का हाथ बंटाने वाली महिलायें हैं वर्किंग वूमेन। लेकिन ये […]