Categories
गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-39

गीता का छठा अध्याय और विश्व समाज श्री कृष्णजी की बात का अभिप्राय है कि बाहरी शत्रु यदि बढ़ जाते हैं तो योगी भी भयभीत हो उठते हैं। ये बाहरी शत्रु ऐसे लोग होते हैं, जो दूसरों को शान्तिपूर्ण जीवन जीने नहीं देते हैं। उनके भीतर उपद्रव होता रहता है तो उनके जीवन में भी […]

Categories
संपादकीय

कश्मीर के हिन्दू विस्थापितों को लौटाओ उनका घर और देश

जिस समय देश स्वतन्त्र हुआ उस समय सरदार पटेल के प्रयासों से देश की 563 रियासतों में से 560 ने भारत के साथ अपने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये थे, जो शेष तीन रियासतें बची थीं वे थीं कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद की रियासतें। सरदार पटेल जिस समय हैदराबाद को सैनिक कार्यवाही के माध्यम […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

प्लास्टिक कचरे से मुक्ति कब तक

वर्तमान में प्लास्टिक कचरा बढऩे से जिस प्रकार से प्राकृतिक हवाओं में प्रदूषण बढ़ रहा है, वह मानव जीवन के लिए तो अहितकर है ही, साथ ही हमारे स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी विपरीत स्थितियां पैदा कर रहा है। हालांकि इसके लिए समय-समय पर सरकारी सहयोग लेकर गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा जागरण अभियान भी चलाए […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

धार्मिक आस्था के विरुद्ध नहीं है वंदेमातरम्

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है। अदालत ने कहा है कि राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है, इसलिए राष्ट्रगान गाना और झंडा फहराना सभी शिक्षण संस्थाओं और अन्य संस्थाओं के लिए भी अनिवार्य है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीष […]

Categories
गौ और गोवंश स्वास्थ्य

गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी, भेड़, हथिनी के दूध से होने वाले लाभ

भारतीय संस्कृति में खान-पान का बहुत महत्व है और भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है दूध। शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसने इसका प्रयोग कभी न किया हो। बढ़ते बच्चों के विकास के लिए दूध की उपयोगिता से कोई अनजान नहीं है इसके अलावा दूध में अनेक ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो […]

Categories
समाज

चिंतित करता है गांवों से पलायन

घनश्याम सिंह हिमाचल प्रदेश में यदि खेतीबाड़ी की दशा सुधारने के लिए प्रयास किए जाएं, तो यह क्षेत्र प्रदेश की तरक्की में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके विपरीत यदि समय रहते हमने इस पर उचित ध्यान न दिया, तो खाद्यान्न संकट के साथ-साथ कई और गंभीर समस्याएं देश-प्रदेश को सताना शुरू कर देंगी। […]

Categories
गीता का कर्मयोग और आज का विश्व संपादकीय

गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-38

गीता का छठा अध्याय और विश्व समाज आत्म कल्याण कैसे सम्भव है  संसार के लोग अपने आप पर अपनी ही नजरें नहीं रखते। मैं क्या कर रहा हूं? मुझे क्या करना चाहिए? ऐसी दृष्टि उनकी नहीं होती। वह ये सोचते हैं कि मैं जो कुछ कर रहा हूं-उसे कोई नहीं देख रहा और मैं उसे […]

Categories
संपादकीय

भारत को लेकर अमेरिका का बदलता दृष्टिकोण

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भारत के प्रति दृष्टिकोण प्रारम्भ से ही लचीला रहा है। इसका अभिप्राय यह कतई नहीं है कि अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों को भुलाकर भारत के सामने आरती का थाल लेकर आ खड़ा हुआ हो। अमेरिका के लिए अपना व्यापार पहले है। इसलिए वह अपने राष्ट्रीय हितों के प्रति पहले […]

Categories
गौ और गोवंश

पशुपालन से टूटता जा रहा है लोगों का मोह

रीता सिंह पशुओं की घटती संख्या का सर्वाधिक प्रतिकूल असर कृषि पर पड़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि और पशुपालन का कितना विशेष महत्त्व है, यह इसी से समझा जा सकता है कि सकल घरेलू कृषि उत्पाद में पशुपालन का 28-30 प्रतिशत का सराहनीय योगदान है। इसमें भी दुग्ध एक ऐसा उत्पाद है जिसका योगदान […]

Categories
राजनीति

सुस्त शासन से मोदी के मिशन को खतरा

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि नोटबंदी तथा जीएसटी अर्थव्यवस्था में बड़े सुधार हैं, लेकिन इन पर अमल सुचारू ढंग से होना चाहिए। अव्यवस्थित तरीके से इन्हें लागू करने से जनता को असुविधा ही होगी। सबसे बड़ी कष्टप्रद समस्या यह है कि जीएसटी को कुछ लोग ही जानते-समझते हैं, जबकि व्यापारी, जिन पर […]

Exit mobile version