वहां कहा गया है-”ओ३म् अग्निमीडे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम्। होतारं रत्नधातमम्।।” (ऋ. 1/1/1) यहां पर अग्नि को सर्वत: हित करने में अग्रणी मानते हुए उसकी स्तुति करने की बात कही गयी है। इसका अभिप्राय है कि वेद का ऋषि अग्नि के गुणों से परिचित था। तभी तो उसने उसकी स्तुति का उपदेश दिया है। अग्नि तत्व […]
Month: October 2017
शिवाजी नाम की महिमा जब कभी भी भारतवर्ष के निष्पक्ष स्वातंत्र्य समर का इतिहास लिखा जाएगा तब भारत के महान सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज को उस समर के महानायकों में अवश्य ही स्थान मिलेगा। छत्रपति शिवाजी भारत के इतिहास के उस महान नक्षत्र का नाम है, जिससे औरंगजेब सबसे अधिक भय खाता था। उसे रात […]
मोदी जलवे की परीक्षा
हालिया सर्वेक्षण का निष्कर्ष यह है कि यदि आज चुनाव हो जाएं, तो भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में तो उभरेगी, लेकिन वह निर्धारित 360 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाएगी। वह 320 सीटों के आसपास सिमट जाएगी। सर्वेक्षण के निष्कर्ष एक चेतावनी मात्र हैं जिसका अर्थ है कि नारों के साथ-साथ काम के […]
बिखरे मोती-भाग 200 गतांक से आगे…. केकैयी ने अपना स्वार्थ सिद्घि के लिए भगवान राम को वनवास दिलाया और अपने पुत्र भरत को अयोध्या का राज दिलाया। इतना ही नहीं, अपने पति दशरथ की प्राणघातिनी का आरोप भी उस पर लगता है। यह उसकी नकारात्मक सोच और स्वार्थ-सिद्घि की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है? […]
पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-73
हाथ जोड़ झुकाये मस्तक वन्दना हम कर रहे गुरू ने शिष्य से एक दांव छुपाकर रखा-यह उनका ‘यथायोग्य वत्र्ताव’ था। उन्होंने उसे सब कुछ सिखाने का प्रयास किया-यह उनका ‘प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार किया गया आचरण’ था। भारत का राष्ट्रीय अभिवादन ‘नमस्ते’ है। नमस्ते की सही मुद्रा है -व्यक्ति के दोनों हाथों का छाती के सामने आकर […]
रसायनों से जहरीली होती जमीन
हाल ही में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कीटनाशक की चपेट में आकर अठारह किसानों और खेत में काम कर रहे मजदूरों की मौत हो गई है। बीते बीस दिनों के दौरान कोई पांच सौ किसान और श्रमिक अस्पताल में भर्ती हुए हैं। असल में, इस इलाके में कपास की खेती होती है। इस बार […]
ऋग्वेद (10/85/47) ने पति-पत्नी को जल के समान मिलने की बात तो कही ही है, साथ ही इनके मिलन को और भी अधिक सुंदर और उपयोगी बनाते हुए एक उपदेश और दिया है। जिसमें ‘सं मातरिश्वा’ की बात कही गयी है। इसका अभिप्राय है कि तुम दोनों परस्पर मिलकर ऐसे रहो जैसे दो वायु परस्पर […]
समय की जरूरत है पानी बचाना
अतुल कनक पिछले दिनों जब मुंबई शहर में मानसून की पहली बारिश के बाद सडक़ें दरिया बन कर उफन रही थीं- सुदूर दक्षिण से आई यह खबर विचलित करने वाली थी कि तमिलनाडु इस दशक के सबसे भीषण जल संकट से जूझ रहा है। जून के तीसरे सप्ताह में चेन्नई में पेयजल की आपूर्ति घटा […]
स्वर्णकाल नहीं था शाहजहां का शासनकाल शाहजहां को भारत में स्वर्णयुग का निर्माता माना जाता है। हम पूर्व पृष्ठों में कई स्थानों पर यह कह आये हैं कि उसका काल ‘स्वर्णयुग’ कहे जाने के योग्य नहीं था, क्योंकि उसमें ‘स्वर्णयुग’ कहे जाने के लिए अपेक्षित योग्यताएं नहीं थीं। शाहजहां ने जितने भर भी युद्घ किये-उनमें […]
साइनस की अनुभूत औषधि
1-सितोपलादि चूर्ण 2ग्राम 2-श्रृंग भस्म 250 मि,ली 3-त्रिभुवन कीर्ति रस 125मिलीग्राम 4-नारदीय लक्ष्मी विलासरस-125 मि,ग्रा0 5- रससिंदूर 100मिलीग्राम 6-गोदंती भस्म 250मिलीग्राम विधि- इन सबको को अच्छी प्रकार से खरल करें । और तीन खुराक बनाएं। एक सुबह एक शाम और दोपहर शहद के साथ ले । इसके साथ हरिद्राखंड चित्रक […]