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पर्यावरण

एटमी हथियारों से मुक्ति का सपना

समय सिंह मीना हाल ही में नाभिकीय हथियारों को प्रतिबंधित करने के लिए बाध्यकारी समझौते के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा के तत्त्वावधान में आयोजित बहुपक्षीय वार्ता जून–जुलाई २०१७ तक समझौते का प्रारूप विकसित कर लेने की उम्मीदों के साथ समाप्त हो गई। यह वार्ता संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम समिति, जो कि नि:शस्त्रीकरण तथा […]

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विशेष संपादकीय

आशाओं की सुरंग

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार अर्थात 2 अप्रैल को चेनानी नाशरी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया। यह सुरंग 2519 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई है। इस सुरंग की लंबाई 9 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कश्मीर के युवाओं से आतंक का रास्ता छोडक़र राष्ट्र की मुख्यधारा […]

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राजनीति

दिल्ली एमसीडी चुनाव एक महासंग्राम है

साल 2017 के दिल्ली के तीन नगर निगम चुनाव की सरगर्मिया तेज हो गयी है। चुनाव में दिल्ली की तीन राजनीतिक पार्टियों के लिये ये चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न ही नहीं बल्कि एक महासंग्राम बने हुए हंै। यूपी, उत्तराखंड की जीत से गदगद बीजेपी इस चुनाव में तकनीक, मैन पॉवर और यूथ पॉवर का गजब […]

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विशेष संपादकीय शिक्षा/रोजगार

स्कूलों की मनमानी संविधान का अपमान है

मार्च का महीना चला गया है और अप्रैल आ गया है। कहने का अभिप्राय है कि स्कूलों की मनमानी का समय आ गया है। अब नये बच्चों के प्रवेश पर और पुराने बच्चों को अगली कक्षा में भेजने के नाम पर हर स्कूल वाला अपनी मनमानी करेगा और अभिभावकों की जेब पर खुल्लम-खुल्ला डकैती डालेगा। […]

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पर्यावरण

क्या हो सकते हैं नदियों की नागरिकता के मायने

हमारा तो पूरा प्राचीन संस्कृत साहित्य वेद, उपनिषद्, रामायण, महाभारत और पुराण, सभी नदियों की बहती संगीतमयी स्वरलहरियों की गूंज में ऋषि-मुनियों ने रचे। आज हमारे नीति और प्रकृति को बचाने के जितने भी उपाय हैं, उनके संस्कार हमने इन्हीं ग्रंथों से लिए हैं। इनके प्रति समाज का जो भी सम्मान भाव है, वह इसी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

भारत में अल्पसंख्यकों की समस्या, भाग-2

ऐसी परिस्थितियों में अल्पसंख्यक लोगों की विशेष समस्या बनकर उभरी कि इनके जीवन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्या उपाय किया जाए? सामान्यत: देखा गया है कि बाहरी देश नस्ल और संप्रदाय के लोगों को किसी दूसरे देश के निवासी अधिक सम्मान नहीं देते हैं। युगांडा जैसे कई अफ्रीकी देशों से एशियाई मूल के […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

भारत में अल्पसंख्यकों की समस्या, भाग-2

ऐसी परिस्थितियों में अल्पसंख्यक लोगों की विशेष समस्या बनकर उभरी कि इनके जीवन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्या उपाय किया जाए? सामान्यत: देखा गया है कि बाहरी देश नस्ल और संप्रदाय के लोगों को किसी दूसरे देश के निवासी अधिक सम्मान नहीं देते हैं। युगांडा जैसे कई अफ्रीकी देशों से एशियाई मूल के […]

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संपादकीय

नेहरू और लोकतंत्र पर दाग

बात पहले आमचुनावों की है। तब उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ मुस्लिम नेता मौलाना अबुल कलाम आजाद पार्टी के प्रत्याशी थे। मौलाना आजाद नेहरू के निकटतम मित्रों में से थे। नेहरू अपने मित्र को हृदय से चाहते थे। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पं. गोविन्द वल्लभ पंत थे। पंत एकसुलझे […]

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राजनीति

2019 में और प्रखर हो सकती है मोदी सुनामी

डा. रवि प्रभात राजनीति करना और राजनीति को समझना दो अलग-अलग बातें हैं। भारतीय राजनीति में इन दोनों विधाओं में सामंजस्य रखने वाले अनेक नेता हुए हैं , जिन्होंने राजनीति करते हुए राजनीति को अच्छे से समझा, तदनुसार रणनीति बनाई और सफलता प्राप्त की ।इंदिरा गांधी, जयप्रकाश नारायण पर अटल बिहारी वाजपेई इस सामंजस्य को […]

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राजनीति

मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी

संसद सत्र के दौरान सांसदों के अनुपस्थित रहने का मामला इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। मंगलवार को कुछ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई, जब राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले पूरक प्रश्नों के जवाब देने के लिए संबंधित विभागों के कई मंत्री उपस्थिति नहीं थे। इस पर सभापति हामिद […]

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