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मुद्दा

समय की आवश्यकता : घाटी में प्रेम मार्ग अपनाए सरकार

पीके खुराना जिन इलाकों में चरमपंथी गतिविधियां न हों, वहां आम्र्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट की जरूरत नहीं है। समय की मांग है कि प्रशासन लोगों से ज्यादा रू-ब-रू हो, उनके सुख-दुख में शामिल हो और अलगाववादियों की गतिविधियों, खासकर सोशल मीडिया की गतिविधियों पर गहरी निगाह रखी जाए। यदि हम ऐसा कर पाए तो […]

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समाज

ध्वनि प्रदूषण न हिन्दू न मुस्लिम,केवल हानिकारक

अनेकता में एकता जैसी विशेषता के लिए जो भारतवर्ष पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता था वही भारतवर्ष इन दिनों जातिवादी तथा क्षेत्रवाद जैसी विडंबनाओं का शिकार हो रहा है। वर्ग विशेष के लोग अपने ही समाज के किसी दूसरे वर्ग के लोगों पर निशाना साधने के कोई न कोई बहाने तलाश कर रहे […]

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राजनीति

गाँव, गरीब और किसानों के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार

उप्र में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की सरकार ने एक माह पूरा कर लिया है। साथ ही मीडिया में उप्र सरकार के कामकाज की चर्चा भी होने लग गयी है । प्रदेश विधानसभा में 325 सीटे जीतने के बाद भाजपा सरकार ने अपना काम संकल्पपत्र के अनुरूप ही शुरू किया हैं। हालांकि […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

गांधीवाद की परिकल्पना-10

गांधीजी का कहना था कि- ”अगर पाकिस्तान बनेगा तो मेरी लाश पर बनेगा” परंतु यह उनके जीते जी ही बन गया। हां! ये अलग बात है कि वह उनकी लाश पर न बनकर देश के असंख्य लोगों की लाशों पर बना। क्या ही अच्छा होता कि यदि वह केवल उनकी ही लाश पर बनता तो […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

गांधीवाद की परिकल्पना-9

महात्मा की अपेक्षाएं महात्मा तो वह होता है जिसकी आत्मा संसार के महत्व को समझकर विषमताओं, प्रतिकूलताओं और आवेश के क्षणों में भी जनसाधारण के प्रति असमानता का व्यवहार न करते हुए समभाव का ही प्रदर्शन करती है, किंतु जिसका व्यवहार हठीला हो, दुराग्रही हो, सच को सच न कह सकता हो, इसलिए एक पक्ष […]

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विशेष संपादकीय

योगी जी : ऐसे सुधरेगी सडक़ों की दयनीय दशा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीव्रगति से लिये जाने वाले निर्णयों के कारण इस समय विशेष चर्चा में हैं। उन्होंने दिखा दिया है कि वह ‘सबसे अलग’ मुख्यमंत्री हैं। उनकी कार्यशैली राजनीति के उस कुसंस्कार से मुक्त है जिसे जो पिछली सरकारों ने प्रदेश में विकसित कर दिया था। यह कुसंस्कार सपा -बसपा […]

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विशेष संपादकीय

राहुल गांधी का डर

राहुल गांधी के प्रति हमारी सहानुभूति है। वह एक सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के सबसे अधिक अनुभवहीन नेता है। उन्होंने राजनीति में अपना पर्दापण अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री के एक विधेयक के कागजों को सार्वजनिक रूप से फाडक़र अपनी जग हंसाई करते हुए किया था। तब देश के लोग ही नहीं अपितु कांग्रेसी भी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

गांधीवाद की परिकल्पना-8

गांधीजी के नैतिक मूल्यों ने इन समस्याओं को और उलझा दिया। आज परिणाम हम देख रहे हैं कि मानव-मानव से जुड़ा नहीं है, अपितु पृथक हुआ है। आज मानव दानव बन गया है। संप्रदाय आदि के झगड़े राष्ट्र में शैतान की आंत की भांति बढ़े हैं। क्योंकि हमने मजहब संप्रदाय, वर्ग, पंथ, भाषा, जाति आदि […]

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विशेष संपादकीय

जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश ही नहीं पूरे देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। श्री योगी ने ‘एक देश-एक कानून’ का समर्थन करते हुए अपना उपरोक्त मत व्यक्त किया। मुस्लिम समाज में तलाक जैसी असामाजिक और क्रूर व्यवस्था पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था द्रौपदी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

गांधीवाद की परिकल्पना-7

गांधीजी की धर्मनिरपेक्षता गांधीजी की धर्मनिरपेक्षता को गांधीवाद का एक महान लक्षण बताकर महिमामंडित किया गया है। हिंदू उत्पीडऩ, हिंदू दमन, हिन्दू का शोषण और विपरीत मजहब वालों का तुष्टिकरण गांधीवाद में धर्मनिरपेक्षता की यही परिभाषा है। इस पर हम पूर्व लेखों में पर्याप्त प्रकाश डाल चुके हैं। अपनी इसी धर्मनिरपेक्षता के कारण गांधीजी ने […]

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