उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर और गोवा की पांचों विधानसभाओं के चुनाव परिणाम आ गये हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403, उत्तराखण्ड के 70, पंजाब विधानसभा के 117, मणिपुर के 60 और गोवा के 40 सदस्यों को जनता ने चुना है। चुनाव परिणामों पर यदि दृष्टिपात किया जाए तो स्पष्ट होता है कि […]
Month: March 2017
ऐसे पिता को नमन
आई.एस. आतंकी सैफुल्लाह की लाश को उसके पिता सरताज ने यह कहकर लेने से इंकार कर दिया है कि वह एक गद्दार बेटे की लाश नहीं लेंगे। एक पिता के लिए ऐसा निर्णय लेना सचमुच बहुत बड़ी बात है। क्योंकिजब बेटे की लाश सामने हो तो उस समय सामान्यतया विवेक मर जाता है और व्यक्ति […]
काशी से प्रधानमंत्री ने दिया मजबूत संदेश
एक प्रधानमंत्री का अपने चुनाव क्षेत्र में तीन दिन रूककर मतदाताओं से मिलना, चर्चा में है। जाहिर तौर पर ऐसा नरेंद्र मोदी ही कर सकते हैं। वे कर रहे हैं, आलोचनाओं के बाद भी कर रहे हैं। दिल्ली और बिहार के चुनाव परिणामों के बाद, कोई भी प्रधानमंत्री विधानसभा चुनावों में अपनी मौजूदगी को न […]
दुर्रानी का साहस
पाकिस्तान का मीडिया जगत कभी भी भारत के प्रति ईमानदार नहीं रहा है। उस पर भी पाकिस्तानी कठमुल्लों की भारत विरोधी सोच और वहां के सत्ताधीशों की भारत विरोधी मानसिकता ही हावी रहती है। यही कारण है कि वहां के दैनिक समाचार पत्र भी भारत के विरूद्घ विषवमन करने का ही कार्य करते रहते हैं। […]
किसमें कितना है दम
पांच राज्यों के चुनावों की प्रक्रिया अब अपने अंतिम पड़ाव में है। सभी राजनीतिक दलों ने इन चुनावों में वैसे तो हर प्रांत में अपनी शक्ति का भरपूर प्रयोग किया है और जहां जिसका जितना दम है उसको दिखाने में कोई कसर नही छोड़ी है। परंतु उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जिस पर हर […]
मानवाधिकारों पर भारतीय चिंतन
यूरोप में मानवाधिकारों की संकल्पना भारत से गयी है। जबकि तथाकथित प्रगतिशील लेखकों और इतिहासकारों ने हमें कुछ इस प्रकार समझाने का प्रयास किया है कि यूरोप से चलकर मानवाधिकार की संकल्पना भारत पहुंची है। यूरोप ने 15 जून 1215 को अपने ज्ञात इतिहास की ऐसी पहली तिथि स्वीकार किया है जब मानवाधिकारों की ओर […]
अमेरिकी सोच में परिवर्तन
आज का अमेरिका पहले वाला अमेरिका नहीं है। एक समय था जब अमेरिका भारत को संदेह की दृष्टि से देखता था और इसका कारण यह था कि वह हमें रूस का पिछलग्गू माना करता था। यद्यपि भारत ने अपनी ओर से अमेरिका को ऐसा विश्वास दिलाने का हरसंभव प्रयास किया था कि वह विश्व की […]
भारत के छात्रों की राजनीति एक बार फिर गरमा रही है। जे.एन.यू. में कुछ दिनों पूर्व जो कुछ देखने को मिला था अब कुछ वैसा ही डी.यू. में देखने को मिला है-जहां कुछ छात्रों ने देशविरोधी नारे लगाये हैं, जिसका ए.बी.वी.पी. ने विरोध किया है। कम्युनिस्ट दलों के नेताओं सहित सभी धर्मनिरपेक्ष दलों ने न्यूनाधिक […]
कब्रिस्तान और श्मशान की राजनीति
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के चलते राजनीतिज्ञों की ओर से मतदाताओं को लुभाने हेतु कई प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया गया है। बेचारेे सीधे-सीधे तो संप्रदाय या जाति के आधार पर वोट मांग नहीं सकते। अत: घुमा-फिराकर अपनी बात को कहने के लिए शब्दों को ढूंढऩे का प्रयास हमारे राजनीतिज्ञ करते दिखाई दिये […]
ये षडय़ंत्रकारी मिथक भी अब टूटना चाहिए कि भूमि को लेकर विश्व लड़ता आया है। इसके स्थान पर भारतीय संस्कृति की यह क्षात्र-परम्परा अब पुन: प्रतिष्ठित हो कि दूसरों की भूमि को लेकर हड़पना, उन पर अपना वर्चस्व स्थापित करना दुष्टता है, जिसके विरोध में हम सदा युद्घ करते आये हैं और करते रहेंगे। संक्षेप […]