नागरिकता छीनने संबंधी कानून 2005 में हुए विस्फोटों के बाद उपजी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए 2006 में लागू किया गया था। इन विस्फोटों में 52 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 700 लोग घायल हो गए थे। लागू होने के बाद के चार वर्षों में इसका केवल चार बार उपयोग किया गया, […]
Month: February 2017
सर्वोच्च न्यायालय ने शशिकला नटराजन को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दे दिया है। शशिकला को चार साल की सजा तो भुगतनी ही होगी, आगामी 10 साल तक वे तमिलनाडू की मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाएंगीं। पहले यही सजा जयललिता समेत शशिकला व 3 अन्य लोगों को निचली अदालत ने सुनाई […]
मुस्लिम मतों का साम्प्रदायिकीकरण
भारत की राजनीति में मुसलमानों को केवल ‘वोट बैंक’ के रूप में प्रयोग करते रहने की परंपरा कांग्रेस ने डाली थी। 1947 में जो मुसलमान भारत में रह गये थे-उनमें से अधिकांश के भीतर एक भय व्याप्त था कि पाकिस्तान की मांग मजहब के आधार पर की गयी थी-जिसे 1945-46 में हुए नेशनल असेम्बली के […]
पिछले दिनों संसद में हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में कहा कि गुसलखाने में भी रेनकोट पहन कर नहाने की कला कोई डा० मनमोहन सिंह से सीखे । इससे सोनिया कांग्रेस के सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ नेता बहुत ग़ुस्से में आ गए । परम्परागत तरीक़े से हाहाकार करते हुए सभा […]
यह काल नि:संदेह भारत में मुस्लिम शासन में ही आया था। अन्यथा हमारी तो मान्यता थी कि- ‘यंत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है। हमने माता को निर्माता माना। व्यष्टि से समष्टि तक में उसकी प्रधानता को और उसकी महत्ता को स्वीकार किया। […]
अलवर का प्राचीन इतिहास राजस्थान के अलवर क्षेत्र ने भी समय आने पर भारत की अस्मिता की रक्षार्थ अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके विषय में मान्यता है कि महाभारत कालीन शाल्व नामक राजा ने इसे बसाया था। राजा शाल्व कार्तिकावल्क का शासक था। उस समय अलवर का नाम कार्तिकावल्क ही रखा गया था। इसे […]
पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-47
भावना मिट जायें मन से पाप अत्याचार की गतांक से आगे……… तब ऐसी बुद्घि व्यक्ति से पवित्र कार्य कराती है, व्यक्ति की धैर्य शक्ति में वृद्घि करती है, उसे सहनशील बनाती है। ठिकाने पर आयी बुद्घि से जो अनुष्ठान किया जाता है-उसमें आस्था और श्रद्घा के साथ जुड़ी बुद्घि ही विवेकशील होती है। उसी बुद्घि […]
आशा से ही मनुष्य कर्म करता है
बिखरे मोती-भाग 173 गतांक से आगे…. महर्षि सनत्कुमार ने कहा-ध्यान से बड़ा विज्ञान है। विज्ञान द्वारा ही ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद आदि, द्यु, पृथ्वी, आकाश, वायु, जल, अग्नि तथा धर्म-अधर्म सत्य-असत्य इत्यादि का ज्ञान होता है। इसलिए हे नारद! तू विज्ञान की उपासना कर। नारद ने फिर पूछा, विज्ञान से बढक़र क्या है? भगवन। महर्षि […]
तुलसीदास के राम कहते हैं… तुलसीदास जी ने रामचंद्र जी के मुख से ‘परशुराम-राम संवाद’ के समय कहलवाया है :- छत्रिय तनु धरि समर सकाना, कुल कलंकु तेहिं पावर आना, कहऊं सुभाऊ न कुलहि प्रसंसी, क ालहु डरहिं न रन रघुबंसी अर्थात क्षत्रिय का शरीर धरकर जो युद्घ में डर गया, उस नीच ने अपने […]
पूजनीय प्रभो हमारे……भाग-46
भावना मिट जायें मन से पाप अत्याचार की कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को स्वाभिमान का प्रश्न बना लेता है, और उन्हीं में बह जाता है। बात-बात पर कहने लगता है कि-यह बात तो मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंचा गयी, और कोई भी व्यक्ति मेरे स्वाभिमान को चोटिल नहीं कर […]