अशोक प्रवृद्धअर्थ अर्थात धन की महता से कौन परिचित नहीं है । अर्थ जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, और मनुष्यों के लिए धन का अभाव असह्य है। यद्यपि मानव जीवन का लक्ष्य निरन्तर उन्नति के पथ पर आरूढ़ होना है, और उसकी प्राप्ति का साधन ऐसा प्रयोगात्मक ज्ञान है, जिस पर चलकर मनुष्य मोक्ष तक […]
महीना: अक्टूबर 2015
भारतीय बाजार में जल्द ही 24 मेगापिक्सेल कैमरा के साथ एक नया स्मार्टफोन लॉंच होने की तैयारी मे है। बाजार सूत्रों में मुताबिक 8 अक्टूबर में जियोनी ईलाइफ ई8 स्मार्टफोन को उतरने की बात कही जा रही है। बहरहाल कंपनी की तरफ से अधिकारिक तौर पर ई8 से जुड़े फीचर्स को लेकर कोई जानकारी उपलब्ध […]
मयंक चतुर्वेदी राजनीति में रहकर राजनीतिक पार्टी से ऊपर उठकर देशहित में विचार करते हुए राजनीति के जरिए केंद्र में मोदी सरकार की देश को स्वच्छ बनाने और सभी घरों में आवश्यक रूप से शौचालयों के निर्माण को हकीकत में बदलने के लिए जिस प्रकार का अनोखा प्रयोग करने का निर्णय उत्तराखण्ड की हरीश रावत […]
पीयूष द्विवेदी विगत दिनों एक तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पर्यावरण संरक्षण के लिए मशहूर कैलिफोर्निया के गवर्नर के बीच भारत में वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निपटने पर चर्चा हो रही थी, तो वहीँ दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली के छ: से चौदह महीने तक के तीन दुधमुंहे बच्चे सर्वोच्च न्यायालय […]
चाहे ब्रिटिश सत्ताधीशों ने भारत के विक्षोभ और विद्रोह की हवा निकालने के लिए कांग्रेस जैसा संगठन भी खड़ा कर लिया था, परंतु भारतीयों का विक्षोभ और विद्रोह था कि शांत होने का नाम नही लेता था। अपने महान क्रांतिकारियों के महान कृत्यों का अवलोकन करने से और उनके विषय में पढऩे से ही स्पष्ट […]
जब आंख खुली तो अम्मा कीगोदी का एक सहारा थाउसका नन्हा सा आंचल मुझकोभूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देखचेहरा फूलों सा खिलता थाउसके स्तन की एक बूंद सेमुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचापैरों से खूब प्रहार कियाफिर भी उस मां ने पुचकाराहमको जी भर के प्यार किया मैं उसका […]
बुढिय़ा तथा रसीले आमों का पेड़
किसी गांव में गरीब बुढिय़ा रहती थी। सारे गांव में वह अम्मा के नाम से मशहूर थी। अम्मा विष्णु की भक्त थी। गरन्ीब होने परभी वह दयालु थी। सारा गांव उसकी इज्जत करता था। एक दिन अम्मा को सपने में भगवान विष्णु के दर्शन हुए। उन्होंने प्रसन्न होकरन् अम्मा से कहा-मैं तुम्हारी भक्ति से बहुत […]
एक संत का जीवन और परोपकार
एक संत हुए जो बड़े ही सदाचारी और लोकसेवी थे. उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य परोपकार था. एक बार उनके आश्रम के निकट से देवताओं की टोली जा रही थी. संत आसन जमाये साधना में लीन थे. आखें खोली तो देखा सामने देवता गण खड़े हैं. संत ने उनका अभिवादन कर उन सबको आसन दिया. […]
पूज्य, महात्मा ,संत अशोक।हर्षित, प्रमुदित, कभी न शोक।। 1 एक लक्ष्य है, नेक ध्येय है।सर्वोपरि, निज राष्ट्र श्रेय है।चरैवेति बेरोक टोक।।पूज्य महात्मा…… 2 माँ विद्या से लेकर आशिष।भारत माँ को किया समर्पित।धन्य बना दीं दोनों कोख।।पूज्य महात्मा…… 3 संगठन दृढ, विश्व हिन्दु।हिन्द के परिपूर्ण सिंधु।वीरता के पुंज श्रोत।पूज्य महात्मा…… 4 रक्त का, हर बिंदु अर्पण।राष्ट्र […]
गतांक से आगे… जाटों ने इस युद्घ में मराठा पेशवा सेना का पूरा साथ दिया। यही कारण था कि पानीपत की तीसरी लड़ाई अब्दाली के हाथों हार जीने पर भी केवल दस वर्ष बाद ही दिल्ली तथा संपूर्ण उत्तर भारत में तथा सिंधु पार अटक तक हिंदुओं की सेनाएं अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल […]