नई दिल्ली। मोबाइल गेम्स खेलने पर मिलेगा पैसा। ये दावा किया है येपैसा डॉट कॉम ने। वेबसाइट का दावा है कि इसके एप के जरिए गेम्स खेलकर आप न केवल मनोरंजन कर सकते हैं, बल्कि रिवार्ड पाइंट्स के बदले फ्री मोबाइल रिचार्ज, मूवी टिकट, शॉपिंग, पिज्जा और कॉफी का मजा भी ले सकते हैं। जयपुर […]
महीना: अक्टूबर 2015
हीरा दत्त शर्मा सामाजिक नियमों का पालन करना उस समाज के सदस्यों पर निर्भर करता है। इन सद्गुणों को समाज तभी ग्रहण कर पाएगा, जब स्कूली स्तर से ही बच्चों में सदाचार के इन नियमों का पालन करने की आदत डाल दी जाए। इन अच्छी आदतों के विकास में योग एक अहम भूमिका निभा सकता […]
वैश्विक मंदी से बचाव के उपाय
डॉ भरत झुनझुनवाला भविष्य में विकसित एवं विकासशील देशों के बिल गेट्स जैसे अमीरों के पास क्रय शक्ति संचित हो जाएगी। इन्हें खिलौना, टेलीविजन और साधारण कपड़े नहीं चाहिए। इन्हें हाई-फाई डिजायनर कपड़े, विडियो गेम्स, कस्टम मूवी, स्पेस टै्रवल इत्यादि सेवाएं चाहिए। हमारा ध्येय इन सेवाओं के निर्यात के विस्तार का होना चाहिए। इन निर्यातों […]
मुख्यमंत्री के ‘चचा आजम खां’
दादरी फिर चर्चा में है। मीडिया ने मीडिया धर्म निभाया और दादरी को अखबारों की सुर्खियों में ला दिया है। मीडिया और नेताओं ने दादरी का ‘दर्द भरा सच’ समझने का प्रयास नही किया। अपनी-अपनी व्याख्याएं, अपने-अपने तर्क और अपने-अपने बयान दिये जा रहे हैं। गौतमबुद्घ नगर से भाजपा सांसद और केन्द्रीय मंत्री डा. महेश […]
वजन बढ़ाना और सही प्रकार से वजन बढ़ाना, दोनों बिलकुल अलग बाते हैं। अगर आपका वजन कम है और आप उसे सही प्रकार से बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ कारगर उपायों को आजमाना होगा। अधिकतर लोग वजन कम करने की चुनौती से जूझते हैं। लेकिन, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनकी […]
मोदी की महत्वाकांक्षी यात्रा की उपलब्धि
एस. निहाल सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही की विदेश यात्रा में हमने उन्हें संसार की शक्तिशाली और मशहूर हस्तियों से कसकर गले मिलते देखा, लेकिन अमेरिका की इस पांच दिन लंबी यात्रा से सच में क्या हासिल हुआ? उनकी पहली उपलब्धि यह है कि उनकी और देश की छवि पहले से ज्यादा दिखाई […]
प्रवीन गुगनानी सम्पूर्ण भारत में दादरी की धूम है. नेता दादरी के पहाड़े पढ़ रहें हैं तो उनके चमचे दादरी की गिनती को अनगिनत तक गिनें जा रहे हैं. धर्मनिरपेक्षता की मोक्ष भूमि बन गया है दादरी. दु:ख तो सभी को है, सम्पूर्ण भारत को है. अंतत: हमारें संस्कार और हमारा देश सर्वे भवन्तु सुखिन: […]
सियासत का अखाड़ा बनी दादरी
पीयूष द्विवेदी इसे इस देश की सियासत की क्रूर व्यापकता कहें या हमारे सियासतदारों की संवेदनहीनता कि यहाँ भूखे आदमी की रोटी से लेकर मुर्दा आदमी के कफऩ तक कहीं भी सियासत शुरू हो जाती है। जहाँ कहीं भी वोटों की गुंजाइश दिखी नहीं कि हमारे सियासतदां मांस के टुकड़े पर गिद्धों के झुण्ड की […]
व्यापार में दूसरों का साथ
आज का दौर ‘ग्लोबल विलेज’ का दौर है जिसमें संपूर्ण विश्व एक ग्राम ईकाई के रूप में परिवर्तित हो चुका है। कुछ लोगों की क्षमताएं रहती हैं कि विदेशी कंपनियों को बुलाने का अर्थ फिर भारत को गुलाम कराने की तैयारी करना है। ऐसे लोग ईस्ट इंडिया कंपनी का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि […]
‘नेपाल पर मोदी का मौन’
नेपाल हमारा सर्वाधिक विश्वसनीय साथी रहा है। आजकल यह देश अपनी परंपरागत ‘हिंदू राष्ट्र’ की छवि को नीलाम कर एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने की तैयारी कर चुका है। इसने अपने नये संविधान में अपनी यह इच्छा प्रकट कर दी है कि अब उसे ‘हिंदू राष्ट्र’ ना समझा जाए और एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में […]