डा. राजीव बिंदल मोदी ने वन रैंक, वन पेंशन दी है, यह ऐतिहासिक सत्य है। नरेंद्र मोदी को इसके लिए सब ओर से खुली बधाई मिलनी चाहिए। कांग्रेस के तमाम नेताओं को इसका बढ़-चढक़र स्वागत करना चाहिए और इस पर राजनीति बंद होनी चाहिए। आखिरकार यह हमारी सेनाओं के मनोबल का भी सवाल हैज्1947 में […]
महीना: सितम्बर 2015
डा. मुमुक्षु आर्य प्रोफेसर भारती एवं उनके एक मुस्लिम विद्यार्थी जावेद की भेंट आज बाज़ार में हो गई, जावेद जल्दी में था और बोला सर ! ईद आने वाली है इसलिए क़ुरबानी देने के लिए बकरा खरीदने जा रहा हूँ, प्रो0 साहिब के मन में तत्काल उन लाखों निर्दोष बकरों, बैलों, ऊँटों आदि का ख्याल […]
एस. सी. जैन गतांक से आगे… भारत में कालीकट ढाका और सूरत मालवा में इतना महीन कपड़ा बनता है कि पहनने वाले का शरीर ऐसे दिखता है कि मानो वे एक दम नग्न है। इतनी अदभुत बुनाई भारत के कारीगर जो हाथ से कर सकते हैं, वह दुनिया के किसी भी देश से कल्पना करना […]
जिन लोगों ने इस देश में हिंदू मुस्लिमों के मध्य घृणा का परिवेश बनाकर एक दूसरे को साम्प्रदायिक पालों में खड़ा करने का प्रयास किया है, इस देश के वास्तविक शत्रु वही हैं। इस्लाम की व्याख्या करने वालों ने अपने लिये हिंदू समाज की धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के विपरीत चलना ही उचित माना। कहने […]
गुनगुने पानी के साथ शहद और नींबू के नियमित सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकता है। गुनगुने पानी में शहद के फायदे इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा […]
एस. सी. जैन भारत का एक अतीत है जो बहुत पुराना है जो वेदों के समय से लेकर दसवीं शताब्दी तक का है। भारत के उस अतीत के बारे में बात करेंगे जो हाल में हमारे सामने रहा। 100-200 साल पहले 18 शताब्दी, 17 शताब्दी व 15 शताब्दी तक आज से लगभग 100-150 साल पहले […]
डा. भरत झुनझुनवाला यूरोप तथा उत्तरी अमरीका के देशों की कृषि के लिए ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव सकारात्मक होगा। वर्तमान में यहां ठंड ज्यादा पड़ती है। तापमान में कुछ वृद्धि से इन देशों का मौसम कृषि के अनुकूल हो जाएगा। अत: विकसित देशों का पलड़ा भारी हो जाएगा। उनके यहां खाद्यान्न उत्पादन बढ़ेगा, जबकि हमारे […]
मृत्युजंय दीक्षित हिंदी साहित्य के माध्यम से नवजागरण का शंखनाद करने वाले भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म काशी में 9 सितम्बर 1850 को हुआ था। इनके पिताश्री गोपालचन्द्र अग्रवाल ब्रजभाषा के अच्छे कवि थे। घर के काव्यमय वातावरण का प्रभाव भारतेंदु जी के जीवन पर पड़ा और पाँच वर्ष की अवस्था में उन्होनें अपना पहला दोहा लिखा। […]
आज भारत की राजनीति जिस दौर में प्रविष्ट हो चुकी है, उसे देखकर दुख होता है। कभी-कभी तो राजनीतिज्ञों के व्यवहार और कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है कि देश में राजनीतिक विरोध को व्यक्तिगत विरोध में परिवर्तित कर देश के नेता देश में लोकतंत्र की ही हत्या करने जा रहे हैं। ऐसा नही है […]
1.धर्म का आधार ईश्वर और मजहब का आधार मनुष्य है,धर्म उस ज्ञान का नाम है जिसे मनुष्यों और प्राणिमात्र के कल्याण के लिए परमात्मा ने आदि स्रष्टि में प्रदान किया, मजहब वह है जिसे मनुष्यों ने समय समय पर अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए स्वीकार किया और पुन: स्वार्थ सिद्धि के लिए उसका […]