हिरोशिमा नागासाकी में, कोप की देखी थी दृष्टि।तुझे यौवन में मदहोश देख, आज कांप रही सारी सृष्टि। मानता हूं कोप तेरे से, हर जर्रा मिट जाएगा।किंतु अपने हाथों तू, आप ही मिट जाएगा। क्या कभी किसी को मिल पाएंगे, जीवन के कहीं निशान?अरे ओ आधुनिक विज्ञान! तेरी चमक -दमक में उड़ गये, जीवन के वे […]
Month: August 2015
18 अगस्त 2015 का दिन भारत के इतिहास के लिए एक स्मरणीय दिवस बन गया है। इस दिन न्यायपालिका के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ते हुए देश में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना आदेश देते हुए कहा है कि जनप्रतिनिधियों, नौकरशाहों और अन्य उच्च […]
दो मुख्यमंत्रियों का ‘बेमेल विवाह’
राजनीति में यूं तो हमेशा ही नये-नये प्रयोग होते रहने की संभावनाएं प्रबल रहती हैं, पर भारत की राजनीति में तो ‘बेमेल के विवाह’ होने की पुरानी परंपरा है। यहां जिनमें विचारधारा का और नीतियों का कोई मेल नही होता वह भी किसी अपने ‘सांझे शत्रु’ को मारने के लिए अक्सर एक होते देखे गये […]
जीएसटी की कसौटी पर भारत की अर्थव्यवस्था
पार्थ उपाध्याय अर्थव्यवस्था को एकीकृत रूप दिए जाने और केंद्र-राज्यों के बीच कई स्तरों पर कर संबंधी जटिलताओं को समाप्त करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम का मूर्त रूप लेना बेहद जरूरी है। दुनिया के करीब डेढ़ सौ देश अपने यहां इस तरह की कर व्यवस्था लागू कर चुके हैं। हमारे देश में […]
भारतीय राष्ट्रवाद के मिथक और यथार्थ
सत्य प्रकाश चौधरी अभी जब हमने एक और स्वतंत्रता दिवस मनाया है, मैं भारतीय राष्ट्रवाद के तीन पहलुओं पर एक नजर डालना चाहूंगा। पहला है भारतीय नक्शे का मानवीकृत रूप, जैसा कि हमें बताया-पढ़ाया गया है। यह भारत माता की तसवीर है जो नक्शे की लकीरों से बनी है और राष्ट्र को साड़ी पहने एक […]
हवाओं के रुख को बताता मोदी का भाषण
के. बेनेडिक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण यूं तो हमेशा की तरह उनकी वक्तृत्व शैली और श्रोताओं से जुडऩे की उनकी क्षमता की ही एक और बानगी था, लेकिन इस बार का भाषण उनके कई समर्थकों को शायद इसलिए निराशाजनक लगा हो, क्योंकि उसमें पर्याप्त सामग्री नहीं थी। कइयों […]
वेदवसु आर्य 1858 में Indian Education Act बनाया गया। इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकोले’ ने की थी। लेकिन उसके पहले उसने यहाँ (भारत) के शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था, उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत के शिक्षा व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Litnar और दूसरा […]
यूएई हमारे साथ, सुधर जाए पाक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को दिल्ली में लालकिले से भाषण के दौरान विदेश नीति को लेकर रही कसर दुबई के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पूरी कर दी। सोमवार को मरहबा नमो कार्यक्रम में लगभग 50 हजार भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को सुधर जाने का संदेश दे दिया। […]
झूँठा और फरेबी देखो, बड़ी शान से जिन्दा है। भारत माता बिलख रही है, आजादी शर्मिन्दा है। नाच रहे हैं देखो नंगे, संसद के गलियारों में। शामिल कितने नेता मिलते, क़त्ल और हत्यारों में। झूँठे वादे यहाँ सभी के, सच से नाता तोड़ रहे। गैरों की क्या बात करें जब, अपने भ्राता छोड़ रहे। […]
इसलिए मनाई जाती है नागपंचमी
किसी राज्य में एक किसान रहता था। किसान के दो पुत्र एक पुत्री थी। जमीन में हल जोतते समय किसान से नागिन के अंडे कुचल कर नष्?ट हो गए। नागिन पहले तो विलाप करने लगी लेकिन जब उसे होश आया तो उसने बदला लेने की ठानी। रात होते ही उसने किसान उसकी पत्नी और उसके […]