हमारे देश में जब भी आतंकवादियो से संबंधित सूचनाये आती है या कोई आतंकी घटना घट जाती है तुरंत रेड एलर्ट व हाई एलर्ट घोषित हो जाता है और नगर के मुख्य विभिन्न स्थानों पर पुलिस सतर्क हो जाती है ? परंतु कोई सार्थकता नहीं लगती क्योकि वे संभवतः यह भूल जाते है कि उनको […]
Month: August 2015
अपने कर्तव्य से दूर भागते राजनितिक दल
यह अब सर्वविदित हो चुका है कि संसद चर्चा के बजाय लड़ाई का मैदान बन गई है। एक ओर संसद सदस्य जनता और देश से सम्बंधित मुद्दों ,समस्याओं और मामलों पर संसद में चर्चा करने अर्थात अपने कर्तव्य से दूर भाग अपनी अकर्मण्यता सिद्ध कर रहे हैं , वहीँ दूसरी ओर वे अपने पर कोई […]
सेहत से जुड़े लेखों में आपने इम्युनिटी शब्द कई बार पढ़ा होगा। इम्युनिटी यानी शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता। वह रक्षा कवच, जो खांसी-जुकाम और पेट व लिवर के संक्रमण से तो दूर रखता ही है, साथ ही कैंसर जैसे रोगों से भी शरीर का बचाव करता है। कैसे बढ़ा सकते हैं शरीर […]
शाकाहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा ही कम नहीं होती, दूसरे जरूरी पोषक तत्व भी हैं, जो पर्याप्त मात्रा में शरीर को नहीं मिल पाते। अगर शाकाहारी हैं तो आपके लिए डाइट में थोड़ा-सा बदलाव करके पोषक तत्वों का संतुलन बनाना जरूरी हो जाता है। आयरन: शरीर में आयरन की जरूरत हीमोग्लोबिन के निर्माण के […]
महर्षि दयानन्द के इतिहास विषयक एक उपदेश जिसमें उन्होंने महाभारत काल व उसके बाद देश में धर्म व अध्ययन अध्यापन पर प्रकाश डाला है, को हमनें अपने पूर्व लेख में प्रस्तुत किया था। उसी क्रम में उसके बाद देश में वेदाध्ययन को छोडक़र मूर्तिपूजा के प्रचलन विषयक घटी घटनाओं के इतिहास पर उनके उपदेश को […]
आओ, हिंदी की भी सोच लें भाई
-संजय द्विवेदी सितंबर का महीना आ रहा है। हिंदी की धूम मचेगी। सब अचानक हिंदी की सोचने लगेंगें। सरकारी विभागों में हिंदी पखवाड़े और हिंदी सप्ताह की चर्चा रहेगी। सब हिंदीमय और हिंदीपन से भरा हुआ। इतना हिंदी प्रेम देखकर आंखें भर आएंगी। वाह हिंदी और हम हिंदी वाले। लेकिन सितंबर बीतेगा और फिर वही […]
श्रीराम तिवारी आजकल गुजरात के पाटीदार -पटेल समाज में हार्दिक-हार्दिक की बड़ी धूम है। खबर है कि पांच-दस लाख लोग तो उसके एक इशारे पर ही सडक़ों पर निकल पड़ते हैं। उसकी लोकप्रियता से न केवल कांग्रेस के नेता परेशान हैं बल्कि भाजपा भी परेशान है। खबर तो यह भी है कि गुजरात की मुख्यमंत्री […]
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा दो दशक पहले सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे से अनेकानेक असंवैधानिक और मनमाने फैंसले जारी हुए। जिनके कारण अजा एवं अजजा के आरक्षण को मृतप्राय कर दिया गया था। हमने अजा/अजजा संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के बैनर पर देशभर में जनान्दोलन करके, संसद और सु्प्रीम कोर्ट का घेराव करके अधिकांश फैसलों को […]
तेरी काली करतूतों से तो, भरा पड़ा इतिहास।मंथरा दासी बनके राम को, दिलवाया बनवास। तू ही तो घाती जयचंद था, गोरी को दिया विश्वास।डच, यूनानी, गोरे आये, जिनका रहा तू खास। तुझको तो हत्या से काम, बूढा हो चाहे किशोर।जय हो चमचे चुगलखोर। घर दफ्तर विद्यालय, चाहे बैठा हो मंदिर में।किंतु कतरनी चलती रहती, तेरे […]
‘सारी दाल ही काली है’
देश के राजनीतिक दलों और राजनीतिज्ञों को केन्द्र सरकार के उस शपथपत्र से वास्तव में ही राहत मिली होगी जिसे उसने सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर कहा है कि राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून की सीमाओं में नही लाया जा सकता। केन्द्र का मानना है कि ऐसा करने से राजनीतिक दलों का कामकाज प्रभावित होगा। […]