मेरठ, जिन हरी सब्जियों व फलों को हम स्वास्थ्यवर्धक समझ खा रहे हैं।इनसे कैंसर, गुर्दा रोग, टीबी, दमा जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। फलों-सब्जियों में जहरीले रसायनों की मात्रा निर्धारित सीमा (एमआरएल) को पार कर गई है। जी हां, यह खुलासा भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इन […]
Month: August 2015
देश की परतन्त्रता में मूर्तिपूजा की भूमिका
‘देश की परतन्त्रता में मूर्तिपूजा की भूमिका पर महर्षि दयानन्द का सन् 1874 में दिया एक हृदयग्राही ऐतिहासिक उपदेश’ हमने विगत तीन लेखों में महर्षि दयानन्द के सन् 1874 में लिखित आदिम सत्यार्थ प्रकाश से हमारे देश आर्यावर्त्त में महाभारत काल के बाद अज्ञान व अन्धविश्वासों में वृद्धि, मूर्तिपूजा के प्रचलन, मन्दिरों के विध्वंश व इनकी […]
मैं और मेरा आचार्य दयानन्द
देश व संसार में अनेक मत-मतान्तर हैं फिर हमें उनमें से ही किसी एक मत को चुन कर उसका अनुयायी बन जाना चाहिये था। यह वाक्य कहने व सुनने में तो अच्छा लगता है परन्तु यह एक प्रकार से सार्थक न होकर निरर्थक है। हमें व प्रत्येक मनुष्य को यह ज्ञान मिलना आवश्यक है कि […]
देश के लिए खतरनाक है नौकरी में आरक्षण
सुरेश हिंदुस्थानी देश में किसी भी समाज को प्रगति करने से रोकना है तो उसे आरक्षण की वैसाखियों का सहारा प्रदान कर दीजिये। वह समाज अपने आप ही पतन की ओर अपने कदम बढ़ा देगा। वास्तव में देखा जाये तो आरक्षण समाज की धरातलीय प्रगति और विकास का आधार कभी बन ही नहीं सकता। जो […]
श्रीराम तिवारी एक उत्साही युवा हार्दिक पटेल भी उन्ही सरदार पटेल की जाति -समाज के नाम पर गुजरात में कोहराम मचाने को आतुर है। पटेल -पाटीदार समाज के आरक्षण आंदोलन की अगुआई कर रहे हार्दिक पटेल का नारा है – “पटेलों-पाटीदारों को आरक्षण दो या आरक्षण को ही समाप्त करो ,वरना आइन्दा गुजरात में कमल […]
नोलाक्ष विक्रम जापान देश में विगत चौदह शताब्दियों से संस्कृतअध्ययन-अध्यापन की अखण्ड परम्परा चली आ रही है। प्रो. हाजी-मे-नाका-मुरा के अनुसार तो भारतको छोडक़र संसार में सबसे अधिक संस्कृत का अध्ययन-अध्यापन जापान में ही होता रहा है और एक बड़ी संख्या में वहां के विद्यार्थी संस्कृत पढ़ते रहे हैं। जापान में संस्कृत की पुरातन परम्परा […]
॥ श्रीसुरभ्यै नम:॥ गावो विश्वस्य मातर:॥ ॥ अति महत्वपूर्ण बिन्दु॥ गोघातियों एवं गो- अपराधियों का परोक्ष- अपरोक्ष समर्थन करना भी गोघातरूपी महापाप ही है। इस सम्बन्ध में शास्त्रों द्वारा उल्लेखित बिन्दु- (01.)जो मूर्ख लोग, गोवंश को डॉटते तथा मारते- पीटते है वे गौओं के दु:खपूर्ण नि:श्वास से पीङित होकर घोर नरकाग्नि में पकाये जाते है। […]
महर्षि च्यवनकी गो-निष्ठा
पूर्वकाल की बात है कि एक बार महर्षि च्यवन अभिमान, क्रोध, हर्ष और शोक का त्याग करके महान व्रत का दृढ़तापूर्वक पालन करते हुए बारह वर्ष तक जलके अंदर रहे। जल जंतुओं से उनका बड़ा प्रेम हो गया था और वे उनके आसपास बड़े सुख से रहते थे। एक बार कुछ मल्लाहों ने गंगाजी और […]
संसार एक सागर है संसार एक सागर है, जिसमें अनंत लहरें उठती रहती हैं। ये लहरें कितने ही लोगों के लिए काल बन जाती हैं, तो कुछ ऐसे शूरवीर भी होते हैं जो इन लहरों से ही खेलते हैं और खेलते-खेलते लहरों को अपनी स्वर लहरियों पर नचाने भी लगते हैं। ऐसा संयोग इतिहास के दुर्लभतम क्षणों […]
राष्ट्रवादी राजनीति
जब 1947 में मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बन गया था तो यह कहना कि आज हिन्दुओं से ही भारत है, अनुचित नहीं होगा।भारत है तो हिन्दू है और हिन्दू है तो भारत है व तभी भारतीय जनता पार्टी है ।अतः धर्म से ऊपर उठ कर पार्टी की बात करना बेमानी है। जिस देश में जातियों […]