बोल सको तो विटप भी बोलो, कहां गये तुम्हारे पात?आता पतझड़ धरती पर क्यों, उसे कौन बुलाने जाता है? सजी संवारी धरती के, सारे गहने ले जाता है।दुल्हन धरती को विधवा कर, तू जरा तरस नही खाता है।लगता बसंत रोता गम में, जब मेघ बरसता आता है। मेघ गर्जना बसंत का गुस्सा, है चपला भी […]
Month: August 2015
मांसाहारियों को काफी हद तक उनके भोजन से पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती हैं। लेकिन इस मामले में कई बार शाकाहारी पीछे छूट जाते हैं। कई ऐसे पोषक तत्वों की इनमें कमी पाई जाती है। ऐसा नहीं है कि शाकाहारी भोजन से पूर्ण पोषण नहीं पा सकते, बस जरूरत होती है अपने भोजन को […]
कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और […]
याकूब मेमन की फांसी पर सियासत
विजय कुमार गुप्ता याकूब मेमन को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी दी है और यहां तक की राष्ट्रपति द्वारा भी मेनन के याचिका को ठुकराया जा चुका था। ऐसे में अगर मेनन को फांसी की सजा होती है तो इसमें उस व्यक्ति को बोलने का कतई अधिकार नहीं जो कानून और साक्ष्य के प्रति अपरिचित […]
लोकल कलाकारों के लुटने का मौसम आया
सुरेश कुमार जो हमारी संस्कृति को सहेजते हैं उन्हें हम कितना सम्मान देते हैं, कितना सस्ता समझते हैं और जो सिर्फ सीडी सुनाकर चलते बनते हैं, उनके लिए पलक पांवड़े बिछाते हैं। हैं तो ये भी कलाकार ही, फिर ये अपने ही घर में घर की मुर्गी दाल बराबर क्यों समझे जाते हैंज्समाचारों में ही […]
मध्य-पूर्व में बढ़ीं नाटो की मुश्किलें
एस. निहाल सिंह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्डोगन ने हाल ही में आईएसआईएस से लडऩे के लिए अपने देश की नीति में बदलाव करके बहुत बड़ा दांव खेला है। अमेरिका के नेतृत्व में गठबंधन सेनाओं द्वारा आईएस के खिलाफ किए जाने वाले हवाई हमलों में भाग लेने से अब तक तुर्की खुद को शामिल […]
जितेन्द्रिय ब्राहणत्व का मार्ग
देवेन्द्र सिंह आर्य वेद का संदेश कि मनुष्य जितेन्द्रिय बने अर्थात अपनी इंद्रियों पर विजय पाए, लेकिन इंद्रियों को जीतने की बात करने से पहले इंद्रियों के बारे में जानलेना भी अच्छा होगा। प्राय: सभी जानते हैं कि इंद्रियां दस प्रकार की हैं-पांच ज्ञानेन्द्रियां एवं पांच कमेन्द्रियां। कमेन्द्रियों के भिन्न-भिन्न कार्य हैं। वाक अर्थात वचन […]
कसौटी पर पंथनिरपेक्षता
कुलदीप नैयर यह भी कि देश के विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी पहचान को जाति और पंथ के दायरे तक सीमित कर लिया है। जनता को उदारवादी संगठनों एवं राजनेताओं के जरिए दृढ़ता के साथ कहना होगा कि देश में जाति या पंथ के नाम पर नफरत न फैलाई जाए। अगर देश ऐसा करने में […]
अंतहीन लालच के बीच त्याग की मिसाल
विश्वनाथ सचदेव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के संपन्न लोगों से अपील की है कि वे गोबर या लकड़ी के धुएं में भोजन पकाने के लिए शापित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सब्सिडी वाली गैस का त्याग करें। ऐसी ही एक अपील कुछ प्रबुद्ध नागिरकों ने अपने सांसदों-विधायकों से की है कि वे अपनी […]
कण-कण में है व्याप्त तू, फिर भी निर्विकार कैसे?प्रवासी तू मानव मन का, फिर भी मन में छह विकार कैसे? सत्यं शिवं सुंदरम तू, करता दुर्गुणों का बहिष्कार कैसे?ओ सृष्टि के स्रष्टा बता, हुआ तेरा आविष्कार कैसे? मानव संसार का प्राणी है, प्रभु तू भी तो संसारी है।फिर भी तू अलौकिक शक्ति है, विस्मित बुद्घि […]