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राजनीति

संसदीय अवरोधों की त्रासदी

कुलदीप नैयर लेखक संसद में इस तरह की अव्यवस्थाएं किसी भी कोण से जायज नहीं ठहराई जा सकतीं। मुझे डर लगने लगा है कि इस तरह से कहीं मानसून सत्र पूरी तरह से धुल न जाए। अगर ऐसा होता है, तो लंबे समय तक इस नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी। संसद के ये अवरोध […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

पूरे देश को रुला गए कलाम

सुरेश हिन्दुस्थानी भारत भूमि पर पैदा हुए जाज्वल्यमान नक्षत्रों में शुमार भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आज शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं। उनके चले जाने से पूरे देश में शोक की ऐसी लहर दौड़ी कि हर कोई गमगीन दिखाई दिया। डॉ. कलाम के जाने के जाने से पूरा भारत रो दिया। उनके […]

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अन्य कविता

ठंडे दिल से तू सोच जरा, भाग-2

सतपुड़ा, विंध्य, पामीर देख, पड़ रही बुढ़ापे की सलवट।त्राहि-त्राहि होने लगती, जब ज्वालामुखी लेता करवट। परिवर्तन और विवर्तन का क्रम, कितना शाश्वत कितना है अटल?…..जीवन बदल रहा पल-पल, सब गतिशील नश्वर यहां पर। जाती है जहां तक भी दृष्टि,अरे मानव! तू किस भ्रम में है? चलना है निकट प्रलय वृष्टि। पैसा पद जायदाद यहां, नही […]

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संपादकीय

महान कलाम को सलाम

संपूर्ण मानवता के लिए दुख और शोक की घड़ी है कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नही रहे। एक ऐसा महान व्यक्तित्व जिसे किसी प्रकार की संकीर्णताएं बांध नही सकीं, जिसे भाषा ने रोका नही और संप्रदाय ने टोका नही, जिसकी मानवता सदा ऊपर रही और जो आत्मिक प्रेरणा […]

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आओ कुछ जाने

माउंटेन मैन दशरथ मांझी सुलगते सवाल ?

तनवीर जाफऱी देश के हरियाणा राज्य में चौधरी बंसी लाल के शासन से जुड़ी एक घटना बेहद प्रचलित है। एक बार चौधरी बंसी लाल के मुख्यमंत्रित्व काल में पड़ोसी राज्य पंजाब से भूमि संबंधी विवाद उत्पन्न हो गया। बताया जाता है कि पंजाब सरकार ने चेतावनी दी कि यदि पंजाब चाहे तो हरियाणा के शासकों […]

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संपादकीय

अमितशाह की ‘फीलगुड’ और भाजपा, भाग-दो

अमितशाह की भाजपा अपने प्रचण्ड बहुमत के नशे में चूर ‘फीलगुड’ की बीमारी से ग्रसित थी इसलिए यह भूल गयी कि सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाना पार्टी का काम होता है। खरगोश की भांति अपनी गति पर भरोसा कर पार्टी आराम से सोती रही और विपक्ष का कछुआ भूमि विधेयक विरोधी प्रचार में […]

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अन्य कविता

ठंडे दिल से तू सोच जरा

ढूंढ़ रहे पदचिन्ह मिले नही, यत्र तत्र सर्वत्र। मजार, मूर्ति बुत के रूप में, रह गयी शेष निशानी।नारे और संदेश गूंजते, चाहे घटना युगों पुरानी। अरे हिमालय तेरी गोदी में, तपे अनेकों संत।थे घोर तपस्वी मृत्युंजय, हुआ कैसे उनका अंत? बचपन में तू भी सागर था, है आज तेरा सर्वोच्च शिखर।अरे काल थपेड़ों के आगे, […]

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संपादकीय

अमितशाह की ‘फीलगुड’ और भाजपा

भाजपा को ‘फीलगुड’ की पुरानी बीमारी है। बेचारी इसी बीमारी के कारण 2004 का लोकसभा चुनाव हार गयी थी। उसके पश्चात भी पार्टी में ‘फीलगुड’ के अलम्बरदारों ने सच कहने वालों की एक भी नही सुनी थी। फलस्वरूप पार्टी अपने पुराने ढर्रे पर ही चलती रही। नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह पार्टी के ऐसे नेता […]

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अन्य स्वास्थ्य

पीपल और हमारा स्वास्थ्य

आचार्य बालकृष्ण 1.यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। 2.इसके पत्तों से जो दूध निकलता है उसे आँख में लगाने से आँख का दर्द ठीक हो जाता है। 3.पीपल की ताज़ी डंडी दातून के लिए बहुत अच्छी है। 4.पीपल के ताज़े पत्तों का रस नाक में टपकाने से नकसीर में आराम मिलता है। 5.हाथ -पाँव फटने […]

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अन्य

योग का इतिहास….

योग की उत्पत्ति संस्कृत शब्द युजष् से हुई है, जिसका अर्थ जोडऩा है। योग शब्द के दो अर्थ हैं और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। पहला है. जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते तब तक समाधि तक पहुंचना असंभव होगा। योग का अर्थ परमात्मा से मिलन है। भारत के छह […]

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