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सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की आधारशिला पर खड़ा होता भारत

         -डा.सौरभ मालवीय          “राष्ट्र सर्वोपरि” यह कहते नहीं बल्कि उसे जीते है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। पिछले कुछ दशकों में भारतीय जनमानस का मनोबल जिस प्रकार से टूटा था और अब मानों उसमें उड़ान का एक नया पंख लग गया है और अपने देश ही नहीं दुनिया भर में […]

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क्रीमीलेयर एक धोखा है-अजा एवं अजजा वर्गों में क्रीमी लेयर सम्भव नहीं!

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ मोहनदास कर्मचन्द गांधी द्वारा देश के सभी वंचित वर्गों को हमेशा के लिये पंगू बनाये रखने के लिये जबरन थोपे गये पूना पैक्ट को लागू करने के लिये भारत के संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक न्याय का उल्लेख किया गया है। जिसके क्रियान्वयन के लिये संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में […]

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विकास के मनमोहन-मोदी मॉडल से तौबा !

पुण्य प्रसून बाजपेयी साल भर पहले मनमोहन सिंह अछूत अर्थशास्त्री थे । साल भर पहले पहले जातीय राजनीति करने वाले बीजेपी के लिये अछूत थे । साल भर पहले कश्मीरी पंडितों की घरवापसी बीजेपी के लिये सबसे अहम थी । साल भर पहले किसानों के दर्द पर बीजेपी जान छिड़कने को तैयार थी । साल […]

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मोदी-ममता का ढाका जाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 जून को बांग्लादेश जा रहे हैं। उनके साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी जा रही हैं। यह अपने आप में इस खबर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बांग्लादेश से केंद्र सरकार अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करे, उसमें कोलकाता की सहमति न हो तो उसका हश्र क्या होगा, इसका अंदाज़ […]

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गोमांस और सूअर का मांस

गृह राज्य मंत्री किरन रिजीजू ने गोमांस—भक्षण पर जो विवाद छेड़ा है, उसमें से अनेक गहरे और रोचक पहलू उभरे हैं। रिजीजू ने अपनी ही सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के विचार का खंडन किया है।यह एक ही सरकार के दो मंत्रियों की सीधी मुठभेड़ है। इस मुठभेड़ पर भाजपा […]

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