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शिक्षा पर मेरे सात सुझाव

भारत की शिक्षा—प्रणाली को सुधारने के लिए यह सरकार कृत–संकल्प दिखाई पड़ रही है लेकिन पूरा साल निकल गया और यह पत्ता भी नहीं हिला सकी जबकि इसके तेवर ऐसे हैं, जैसे कि यह पहाड़ हिलाने जा रही है। यह पूरा साल उसने सिर्फ सोच—विचार में काट दिया, इसका मतलब क्या यह नहीं कि शिक्षा […]

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी रासबिहारी बोस

विशाल अग्रवाल की कलम से… देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले क्रांतिकारियों का जब जब जिक्र होगा, 1911 से 1945 तक अनवरत अपने आपको भारत की आज़ादी की लड़ाई के लिए तिल तिल गलाने वाले महान क्रांतिकारी रासबिहारी बोस (Ras Bihari Bose) का नाम हमेशा आदर के साथ लिया जाता […]

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“अलग -थलग ” कैसे

सेवा मेंसंपादक जी महोदयअल्पसंख्यक मंत्रालय की  मंत्री डॉ  नजमा हेपतुल्लाह ने कहा है कि मुसलमान 1947 से ही “अलग-थलग ” पड़ा हुआ है, यह कहना अत्यंत दुःखद व निंदनीय है । परंतु जब देश का 1947 में ही  विभाजन हुआ था तब लगभग 99% मुसलमानो ने अलग मुस्लिम देश की मांग की और  लाखो लोगो […]

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कविता

दुध मे मलाई का , जाड़े मे रिजाई का बड़ा ही महत्व हैघर मे लुगाई का , प्यार मे बेवफाई का बड़ा ही महत्व है !!घर मे मेहमान का , मंदिर मे भगवान का बड़ा ही महत्व हैअस्पताल मे डॉक्टर का , स्कूल मे मास्टर का बड़ा ही महत्व है !!चोरी मे चोर का , […]

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” काव्य-मुक्तक” (वन्देमातरम)

काश्मीर की बातों पे जो मुँह को ताकने लगते हैं,भारत माँ के जयकारे पे बगल झाँकने लगते हैं,कैसे उनसे त्याग समर्पण वाली बातें कर लें हम,वन्देमातरम कहने पर जो होंठ कांपने लगते हैं, जिनको अमृत का भी ढंग से पान नहीं करना आया,जिनको अपनी मात्रभूमि का गान नहीं करना आया,उनके मुख से राष्ट्र्वंदना का कैसे […]

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बिखरे मोती

मन ही शरीर और आत्मा में सेतु का काम करता है

बिखरे मोती-भाग 9८ गतांक से आगे….कर्म करे जैसे मनुष्य,मन भुगतै परिणाम।प्रकृति-पुरूष निरपेक्ष हैं,मत कर उल्टे काम।। 929।। व्याख्या :-प्राय: लोग यह प्रश्न करते हैं कि कर्म देह का विषय है अथवा आत्मा का? इस प्रश्न का सीधा सा उत्तर हमारे ऋषियों ने वेद, उपनिषद और गीता में इस प्रकार दिया है-कर्म न तो देह का […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

सदमें से किसान की मौत : मरता है कोई तो मर जाए………

-रीता विश्वकर्मा अपने देश में प्राकृतिक(दैवीय) आपदा से त्रस्त लोग मानवजनित आपदाओं के प्रकोप की पीड़ा सहज नहीं कर पा रहे हैं-परिणाम यह हो रहा है कि वह आत्महत्या करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश सूबे में गत महीनों चक्रवातिक बरसात से किसानो की फसल बरबाद हो गयी थी। सरकार ने रहम कर पीड़ितों को क्षतिपूर्ति […]

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विदेश में दिखावा ज्यादा, नीति कम

विदेश नीति के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला साल कैसा रहा,यह प्रश्न सभी पूछ रहे हैं। सच कहा जाए तो यही माना जाएगा कि उनका यह साल विदेश नीति का साल ही रहा है। अपने पहले साल में मोदी ने जितनी विदेश-यात्राएं की हैं, अब तक किसी अन्य प्रधानमंत्री ने नहीं की […]

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जात-पात की यह व्यवस्था हमारे समाज के लिए एक बड़ा नासूर बन चुकी है।

निर्मल रानी हमारे देश की सामाजिक न्याय व्यवस्था भी क्या अजीबो-गरीब है कि यहां गंदगी फैलाने वालों को तो उच्च जाति का समझा जाता है जबकि उनके द्वारा फैलाई जाने वाली गंदगी को साफ करने वाले को नीच अथवा दलित जाति का समझा जाता है। धर्मशास्त्रों में सदियों से दुष्प्रचारित की गई इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था […]

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भाजपा के लिए आसान नहीं मिशन- 2017

मृत्युंजय दीक्षित केंद्र में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग गठबंधन की सरकार अपने एक साल का जश्‍न उप्र के मथुरा जिले में प्रधानमंत्री मोदी की महारैली का आयोजन करके मनाने जा रही है। पीएम मोदी की रैली का आयोजन मथुरा में अकारण ही नहीं किया जा रहा है। मथुरा में महारैली का आयोजन […]

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