सरकारी पुरस्कारों, जैसे पद्मश्री, पद्मभूषण, विभूषण आदि पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग शरद यादव ने की है। शरद जनता दल के नेता हैं, समाजवादी हैं । वे अगड़ों से भी अगड़े हैं लेकिन उनका जातिवाद उनपर इतना हावी है कि वे सही तर्क भी गलत ढंग से पेश कर देते हैं । वे इन सरकारी […]
Month: April 2015
शिव-सेना और मुसलमान
शिव सेना के मुखपत्र ‘सामना’ में उसके एक सांसद का लेख छपा है। वह जल्दबाजी में दिया गया बयान नहीं है, बल्कि एक लेख है याने उसमें जो कुछ भी कहा गया है, वह सोच-समझकर कहा गया है। उस लेख में कहा गया है कि कई नेता और पार्टियाँ मुसलमानों को वोट बैंक की तरह […]
डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी आप पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, जाहिर सी बात है कि जीवन यापन की चिन्ता से ग्रस्त होंगे। यह तो अच्छा है कि अभी तक अकेले हैं, कहीं आप शादी-शुदा होते तो कुछ और बात होती। पढ़े-लिखे हैं और चिन्ताग्रस्त हैं, ऐसे में रातों को नींद नहीं आती होगी, आप एक काम करिए […]
आरएसएस, एल्विन टॉफलर और मोदी
पुण्य प्रसून वाजपेयी अगर आपने एल्विन टॉफलर को नहीं पढा है तो पढ़ लीजिये। शुरुआत थर्ड वेब से कीजिये। क्योंकि आने वाले दिनो में मोदी सरकार भी उसी तरह टेक्नालाजी को परिवर्तन का सबसे बडा आधार बनायेगी जैसे एल्विन टाफलर की किताबों में पढ़ने पर आपको मिलेगा। डिजिटल भारत की कल्पना मोदी यू ही नहीं […]
जम्मू कश्मीर में नगर विस्तार पर बवाल
जम्मू कश्मीर में मीडिया ने एक नया शोशा छोड़ा है । कश्मीरी हिन्दू सिक्खों के लिये सरकार एक नया शहर बसाने जा रही है , जिसमें केवल वही हिन्दू सिक्ख रहेंगे , जिनको आतंकवादियों ने वहाँ से निकाल दिया था । लेकिन इससे पहले दो टिप्पणियां करना जरुरी है । क्योंकि इन टिप्पणियों की […]
पटरी से उतरी भारत-पाक गाड़ी
पटरी से उतरी भारत-पाक गाड़ी*मुंबई हमले के सरगना आतंकी जकीउररहमान लखवी की जेल से की गई रिहाई ने सारी दुनिया में पाकिस्तान की इज्ज़त को पैंदे में बिठा दिया है। हालांकि पाकिस्तानी अदालत ने अभी तक कोई फैसला नहीं दिया है । लखवी और उसके साथियों को अदालत ने अभी बरी नहीं किया है । […]
नारी-अस्मिता वोट बैंक नहीं जिसे…..
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी कौन कहता है कि महिलाएँ सशक्त नहीं हैं। मेरा अपना मानना है कि आदिकाल से ही महिलाओं की ही चलती आ रही है। ‘स्त्री-शक्ति’ की पूजा की जाती है। देवता भी इस शक्ति के आगे नतमस्तक थे। महिलाओं के बारे में नकारात्मक सोच वाले ही ऐसा कह सकते हैं कि नारी […]
पुण्य प्रसून वाजपेयी सात रुपये का चेक। किसी किसान को मुआवजे के तौर पर अगर सात रुपये का चेक मिले तो वह क्या करेगा। 18 मार्च को परी ने जन्म लिया। अस्पताल से 3 अप्रैल को परी घर आई। हर कोई खुश । शाम में पोती के होने के जश्न का न्योता हर किसी को। […]
सुभाष बाबू पर नया विवाद
इधर भारत सरकार के जो कुछ गुप्त दस्तावेज़ सामने आए हैं, उनसे पता चलता है कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के दो भतीजों पर केंद्र सरकार कड़ी निगरानी रखती थी। यह सिलसिला 20 साल तक चलता रहा, 1948 से 1968 तक ! इस खबर के फूटते ही लोग कहने लगे हैं कि यह कितना घृणित काम […]
सिंह का बयान व मर्यादा का सवाल
विदेश राज्यमंत्री जनरल विजयकुमार सिंह ने पत्रकारों को´ ‘प्रेस्टीट्यूट’ कह दिया। इस शब्द पर पत्रकारों का तिलमिला जाना स्वाभाविक है। यूं तो ‘प्रेस्टीट्यूट’ का शाब्दिक अर्थ जरा भी आपत्तिजनक नहीं है,क्योंकि उसका अर्थ यही होगा- प्रेस नामक संस्था! लेकिन कई पत्रकार संगठनों ने जनरल सिंह की कड़ी भर्त्सना की है। क्यों की है? क्योंकि यह […]