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संपादकीय

डा. स्वामी सच ही तो कह रहे हैं

‘मेरा भारत वो भारत है…जिसके पीछे संसार चला!’ ये शब्द निश्चय ही भारतवासियों के लिए गर्व करने योग्य हैं। पर आज भारत में कथित प्रगतिशील लोगों का एक  ऐसा वर्ग पनपा है, जो भारत को ‘गारत’ करने पर तुला है। उस वर्ग ने भारत की  परिभाषा, भाषा और आशा को ही परिवर्तित करने का बीड़ा […]

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विशेष संपादकीय

नवसंवत्सरोत्सव : भारतीय हिन्दू नववर्ष

‘नवसंवत्सरोत्सव’सृष्टि की उत्पत्ति का प्रकरण हर मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का विषय सृष्टि के प्रारंभ से ही रहा है। इसके लिए कोई भी ऐसा प्रामाणिक साक्ष्य वेदों के अतिरिक्त संसार में प्राप्त होना असंभव है जिससे इस जिज्ञासा की पूर्ण तृप्ति हो सके। वेद तो है ही सब सत्य विद्याओं की पुस्तक। अत: […]

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संपादकीय

शिवाजी हमारे नेतृत्व के लिए आज भी प्रेरक हैं

शिवाजी भारतीय राष्ट्रवाद के उन्नायक थे। उनके हर निर्णय और हर कार्य में राष्ट्रवाद झलकता था। अक्टूबर 1664 ई. में उन्होंने बीजापुर से खवासखान की सहायता के लिए आये बाजी घोर पड़े की सेना को परास्त कर भगा दिया था। बाजी घोरपड़े को अपने भी प्राण गंवाने पड़ गये। भारत का राष्ट्र निर्माता शिवाजी इस […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

तुगलक वंश के अंतिम क्षणों तक सल्तनत को मिली हिंदू-चुनौती

हमारे दुर्भाग्य का दु:खद पहलू हम भारतीयों के दुर्भाग्य का सबसे दु:खद पहलू यह है कि हमारे देश का प्रचलित इतिहास इस देश की माटी से हमें नही जोड़ता। विदेशी इतिहासकारों ने इस पावन देश की पावन माटी से किसका संबंध है, यह प्रश्न भी उलझा दिया है-ये कह कर कि यहां जो भी लोग […]

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महत्वपूर्ण लेख

भीम राव आम्बेडकर और उनके शिक्षा सम्बंधी विचार

भीम राव आम्बेडकर ने देश के निर्धन और बंचित समाज को प्रगति करने का जो सुनहरी सूत्र दिया था , उसकी पहली इकाई शिक्षा ही थी । इससे अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि वे गतिशील समाज के लिये शिक्षा को कितना महत्व देते थे । उनका त्रि सूत्र था- शिक्षा,संगठन और संघर्ष । वे […]

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अन्य कविता

बेटियाँ

सारे जहाँ के रिश्तों से भी प्यारी है बेटी,दो दो घरों की होती जिम्मेदारी है बेटी,सौभाग्य से खिलते हैं ऐसे पुष्प बाग़ में,आँगने से बगिया की फुलवारी है बेटी, वो जिन्दगी में खुशियाँ कभी पाते नहीं हैं,आरामो-चैन उनके पास आते नहीं हैं,जो बेटियों को रखते नहीं प्यार से यहाँ,भगवान भोग उनके हाँथ खाते नहीं हैं, […]

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महत्वपूर्ण लेख

आतंकवाद को बढ़ावा देता भ्रष्टाचार

निर्भय कर्ण आतंकवाद को रोकने के लिए पूरी दुनिया प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हमेशा प्रतिबद्ध नजर आती है और इसके लिए एक से बढ़कर एक दावा भी किया जाता रहता है। इसके बावजूद आतंकवाद की घटना समय दर समय होती ही रहती है। एशिया की ही बात करें तो भारत विभीत्ष रूप से आतंकवाद […]

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विविधा

  सपना जगाने वाले आंदोलन और सपने तोड़ने वाली सत्ता

पुण्‍य प्रसून वाजपेयी मैं पीएम नही सेवक हूं। मैं सीएम नही सेवक हूं। याद कीजिये बीते दस महीने में कितनी बार प्रधानमंत्री और बीते एक महीने में कितनी बार केजरीवाल ने दोहराया होगा। और अब तो यूपी की सड़कों पर चस्पा मंत्रियों के पोस्टर में भी सेवक लिखा जाता है। तो क्या वाकई राजनीतिक बदल […]

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विविधा

महानतम में एक नरसिंहराव

नरसिंहरावजी का पूरा नाम था− पामलपूर्ति वेंकट नरसिंहराव! उनके सम्मान में नरेंद्र मोदी सरकार शांति−स्थल पर स्मारक बना रही है तो वह बधाई की पात्र है। उसके इस कदम से कांग्रेस शर्मिंदा हो रही है तो जरुर हो। यदि आप अपने पिता का श्राद्ध न करें और वह पवित्र कार्य आपका पड़ौसी करे तो लोग […]

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विविधा

भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबी प्राथमिक शिक्षा ?

मृत्युंजय दीक्षित वर्ष 2015-16 के नये शैक्षिक सत्र का आगाज हो गया है। प्रदेश  का शिक्षा विभाग हर वर्ष लम्बे-चौड़े  वायदों व नारों के साथ षैक्षणिक कार्यो का प्रारम्भ करवाता है। स्कूल जाने वाले बच्चों व नये प्रवेष लेने वाले बच्चों के लिये तमाम तरह की योजनाओं की घोषणा की जाती है व सरकार हर […]

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