नरेद्रर मोदी जी के भाषण की दस मुख्य बातें… 1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनता जानती है धमकियों की भाषा किसकी है, 14 साल तक मुझे जेल भेजने की धमकी देते रहे. 2. यूपीए ने एनडीए सरकार की योजनाओं के नाम बदले. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की अंत्योदय योजना को खाद्य सुरक्षा योजना […]
Month: March 2015
प्रकृति सबसे बड़ी सर्जक है इसकी सबसे सुन्दर रचना है मनुष्य एक से एक अदितीय अंग है हमारे पास और सबसे अनमोल है हमारे पास वो है सेक्स , नर हो नारी हो या फिर पशु ही क्यों न हो सबको जरुरत है इसकी इसके बिना हम अधूरे है ,जिस तरह हम भोजन करते है […]
बड़ी हिम्मत करके आज मुस्कुराते हुवे राहुल ने सुहैल से पूछ ही लिया “यार ये बताओ.. आखिर तुम लोग ऐसा क्यूँ समझते हो कि मोदी दंगों के लिए ज़िम्मेदार हैं, जबकि कोर्ट में अभी तक ये साबित नहीं हो पाया है?” सुहैल की नसों में बहता खून गर्म हो गया मगर फिर भी उसने गंभीर […]
ईटीवी के कैमरे के सामने खुली मदरसों की पोल
रांची , झारखंड झारखंड में चल रहे 500 से ज्यादा मदरसों में से अधिकतर का हाल बुरा है। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का हाल ऐसा है कि आप सिर पिटने पर मजबूर हो जाएंगे। रविवार को रांची के मौलाना आजाद भवन में मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता विषय पर सेमिनार का आयोजन […]
तौबा करिए ऐसे छपास रोगियों से
-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी आप लेखक, विचारक पत्रकार रिपोर्टर हैं। आप को छपास रोग है, अपने ऊल-जुलूल आलेख एक साथ चार-पाँच सौ लोगों लोगों को ई-मेल करते हैं। आपका वही मेल मुझे भी मिला है। धन्यवाद कहूँ या फिर अपना सिर पीटूँ। बहरहाल! इसको आप अपनी प्रॉब्लम न समझें- यह मेरी समस्या है मैं निबट […]
(भारत की जनता को मारने का प्लान) क्या पूरी दुनिया में सिर्फ भारत के लोग ही मिले है एक्सपेरिमेंट करने के लिए लिए?? मित्रो, आज एक ऐसा मुद्दा उठा रहा हूँ जो भारत की जनता के स्वस्थ्य को तै करेगा | जेनेटिक-मॉडिफाइड फसल हमारे देश में बेचने की पूरी साजिश रची जा चुकी है और […]
बजट में दिखी अच्छे दिनों की आशा
सुरेश हिन्दुस्थानी मात्र नौ मास पुरानी मोदी सरकार का बहुप्रतीक्षित आर्थिक बजट देश में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 28 फरवरी को देश की महा पंचायत लोकसभा में प्रस्तुत कर दिया गया। यदि हम बजट के मूल रूप का आकलन करें तो हम यह पाएंगे कि देश के वित्त मंत्री ने ध्वंस अर्थव्यवस्था के भग्नावशेषों […]
क्या गजब लोकतंत्र है
मनीराम शर्मा दवा और डॉक्टर पेशे के क्या मानक हों –यह खुद भारतीय चिकित्सा परिषद् करती है जिसके सदस्य डॉक्टर हैं | और सरकारी डॉक्टरों के पास छोटे से ऑपरेशन के लिए जाएँ तो कहते हैं अनेस्थेसिया विशेषज्ञ नहीं होने के कारण वे ऑपरेशन नहीं कर सकते किन्तु टारगेट प्राप्त करने के दबाव में वे […]
दिल्ली-कश्मीर के बीच तालीम की कड़ी टूटने से बचाएं मोदी-मुफ्ती पुण्य प्रसून वाजपेयी घाटी संगीनों के साये से मुक्त कैसे हो सकती है। कैसे उन हाथों में दुबारा कलम थमा दी जाये जो बंदूक और पत्थर से अपनी तकदीर बदलने निकले थे। कैसे युवा पीढी रश्क करें कि पहली बार पीडीपी-बीजेपी की सरकार घाटी में […]
भूमि−कानून : लचीला रवैया जरुरी
भूमि−अधिग्रहण कानून को लेकर देश में जबर्दस्त हलचल मची हुई है। अपने आपको किसानों का प्रतिनिधि बतानेवाले कई संगठनों ने काफी प्रभावशाली प्रदर्शन कर दिए हैं। कांग्रेस ने, अपना लचर−पचर ही सही, विरोध तो जाहिर किया है। प्रदर्शनों और संसद में चाहे मां−बेटा कुछ न बोलें लेकिन कई हारे−थके कांग्रेसी नेता जतंर−मंतर पहुंच गए। भाजपा−गठबंधन […]