सुकून देता है दीवाली आणा – कल्पना डिण्डोर जीवन के हर पहलू को वासंती उल्लास देने में पर्व-त्योहारों का ख़ास महत्व है। हर उत्सव के साथ जुड़ी हुई लोक रस्म जन मन से लेकर परिवेश तक में आनंद का दरिया बहा देती है। दीपावली भी ऎसा ही त्योहार है जब पूरा परिवेश लोक लहरियों पर […]
महीना: अक्टूबर 2014
– कल्पना डिण्डोर लक्ष्मी पाने के फेर में हम सदियों से कुछ न कुछ करते ही आ रहे हैं। सदियों पहले उतना धूमधड़ाका नहीं था। पटाखों का शोर नहीं था, माईक दानवों का अस्तित्व तक भी नहीं। श्रद्धालु आराम से लक्ष्मी मैया की पूजा-अर्चना करते, और लक्ष्मी मैया भी पूरी उदारता के साथ वह सब […]
सभी प्रकार के वातरोगों में लहसुनका उपयोग करना चाहिए।इससे रोगी शीघ्र ही रोगमुक्त हो जाता है तथाउसके शरीर की वृद्धि होती है।’ कश्यप ऋषि के अनुसारलहसुन सेवन का उत्तम समय पौष व माघ महीना(दिनांक 22 दिसम्बर से 18 फरवरी 2015 तक) है।प्रयोग विधिः 200 ग्राम लहसुन छीलकर पीस लें। 4 लीटर दूध में ये लहसुन […]
संदर्भ : स्वच्छता अभियान तनवीर जाफ़री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत् 2 अक्तूबर को गांधी-शास्त्री जयंती के अवसर पर प्रतीकात्मक रूप से स्वयं अपने हाथों से झाड़ू लगाकर पूरे देश में स्वच्छता अभियान शुरु किए जाने की औपचारिक घोषणा की गई। देश के सभी सरकारी विभागों,शिक्षण संस्थाओं आदि को इस अभियान में भाग लेने […]
सूखे पेड़ पर बैठा पक्षी भी बुरा लगता है। यहां तक कि यात्री भी सूखे पेड़ की अपेक्षा हरे-भरे पेड़ को तलाशता है, और अपनी थकान मिटाता है। इस घटना को समझने के दो पहलू हो सकते हैं, एक तो यह कि संसार स्वार्थी होता है, जहां तक आपके पास कुछ है, तब तक लोग […]
बहुत हो चुका, खूब भटकते रहे हैं हम, हर बार रोशनी का दरिया उमड़ाते रहते हैं फिर भी जाने क्यों ये अंधेरा पसरने लगता है हमारे भीतर, आस-पास, और दूरदराज तक। जिधर नज़र दौड़ाएं अंधेरों का कोई न कोई कतरा किसी न किसी परछाई के साथ उभर कर सामने आता-जाता रहता है। कभी डरावना लगता […]
– आचार्य योगिता दीपावली के उपलक्ष्य में श्रीलक्ष्मी माता की विशेष उपासना की जाती है उनकी उत्पत्ति का विषय यामल ग्रन्थों में वर्णित है। श्री लक्ष्मी को कमला एवं सौभाग्य लक्ष्मी भी कहते हैं। मुख्य श्री तो श्रीविद्या महात्रिपुर सुन्दरी ही है। जब समुद्र मन्थन हुआ तब कमलात्मिका लक्ष्मी उत्पन्न हुई। उन्होंने श्री महात्रिपुर सुन्दरी […]
रूप-रंग लावण्य और सौन्दर्य न कहीं बाहर से आता है, न थोंपा जा सकता है। इसका सीधा रिश्ता होता है अपने ही भीतर से। हर इंसान के भीतर ही विद्यमान रहता है अपने रूप-रंग को निखारने और अप्रतिम सौन्दर्य का वह महाप्रपात, जो हमेशा अक्षुण्ण बना रहता है। यह इंसान पर निर्भर है कि वह […]
पुण्य प्रसून वाजपेयी पवार का खुला समर्थन बीजेपी को सरकार बनाने के लिये गया क्यों। क्या बीजेपी भी शिवसेना से पल्ला झाड कर हिन्दुत्व टैग से बाहर निकलना चाहती है। या फिर महाराष्ट्र की सियासत में बालासाहेब ठाकरे के वोट बैंक को अब बीजेपी हड़पना चाहती है, जिससे उसे भविष्य में गठबंधन की जरुरत ना […]
प्याज को काट कर बल्ब या ट्यूब लाईट के साथ बाँधने से मच्छर व छिपकिली और मोर का पंख घर में कहीं भी लगाने से केवल छिपकिली नही आती यह आजमाए हुए हैं. दही को जल्दी और अच्छी जमाने के लिए रात को जमाते वक्त दूध में हरी मिर्च का डंठल तोड़ कर […]