हिंदू महासभा का अपना गौरवमयी अतीत है। 10 अप्रैल 1875 ई. में आर्यसमाज की स्थापना महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा मुंबई में की गयी थी। उसके पश्चात हिंदू सभा पंजाब (1882 ई.) का जन्म हुआ। 1909ई. में बंगाल हिंदू सभा की स्थापना की गयी थी। इससे पूर्व 1906 ई. में ढाका में मुस्लिम […]
महीना: सितम्बर 2014
सच्चे मित्र की पहचान
बिखरे मोती भाग-67 गतांक से आगे….भय शंका से रहित हो,पिता तुल्य विश्वास।ये लक्षण जिसमें मिले,मित्र समझना खास ।। 750 ।। भाव यह है कि मित्र वह नही है, जिससे तुम्हें डर लगता हो अथवा जिस पर तुम्हें संदेह रहता हो अपितु सच्चा मित्र तो वह है जिससे तुम्हें शक्ति मिलती है जिसका आचरण संदेह से […]
नवरात्रि हो या और कोई समय, हम सभी लोग दैवी मैया की आराधना में ऎसे जुटेरहते हैं जैसे कि दैवी मैया साक्षात प्रकट होकर अपने सारे काज कर देंगीऔर हमें कुछ नहीं करना पड़ेगा। अधिकांश धर्मभीरूओं का यही मत होता है किभगवान को भजने से वह किसी पौराणिक मिथक की तरह अचानक प्रकट हो जाएगा […]
गोडसे ने गांधी को क्यों मारा-5
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सिल बट्टा का विज्ञान
प्राचीन भारत के ऋषियों ने भोजन विज्ञानं, माता और बहनों की स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए सिल बट्टा का अविष्कार किया ! यह तकनीक का विकास समाज की प्रगति और परियावरण की रक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया। आधुनिक काल में भी सिल बट्टे का प्रयोग बहुत लाभकारी है.१. सिल बट्टा पत्थर […]
जयललिता को सजा के मायने
संदर्भ- जे. जयललिता को सजाः- प्रमोद भार्गव आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को चार साल की सजा के साथ सौ करोड़ का जुर्माना करना एक अह्म फैसला है। इस सजा के डर से राजनीति में शुचिता की दृष्टि से पवित्रता की शुरूआत के लिए राजनेताओं को बाध्य होना पड़ेगा। […]
बड़ों की बड़ी बातें
मेरी अरथी को कोई कंधा भी न दे प्रो. राजेन्द्र जिज्ञासु लाला लाजपतराय के बलिदान के पश्चात पंजाब कांग्रेस के पास कोई ऐसा नेता नही था जो उनका स्थान ले सके। पंजाब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं का एक शिष्ट मंडल देवता स्वरूप भाई परमानंद जी के पास गया और उनसे विनम्र प्रार्थना की कि आप […]
आर्थिक संसाधनों पर पहला हक किसका?
यज्ञोपरांत हम शांति पाठ करते हैं। जिसमें प्रार्थना की जाती है कि जिस प्रकार द्यौ, अंतरिक्ष, पृथ्वी, जल, औषधियों, औषधियों, वनस्पतियों विश्व, ब्रह्म, स्वयं शांति में शांति व्याप्त है, उसी शांति को मुझे भी प्रदान कर। वस्तुत: शांति एक व्यवस्था का नाम है जिसके अंतर्गत द्यौ आदि से लेकर वनस्पति पर्यन्त सभी अपने-अपने नियमों से […]
दैवी साधना नवरात्रि का मुख्य ध्येय है जिसमें युगों से ब्रह्माण्ड कासंचालन करने वाली जगदम्बा की पूजा-आराधना विविध उपचारों से की जाती रहीहै और हर कोई चाहता है कि दैवी मैया प्रसन्न होकर वह सब कुछ उसकी झोलीमें डाल दें जिसकी कामना वह अर्से से करता रहा है।दैवी साधना सभी लोग अपने-अपने लक्ष्यों की प्राप्ति […]
ध्रुव सहानी द्वारा लिखित ….आनंद गुप्ता द्वारा अग्रेषित मित्रो गाय आवारा नहीं है ,आवारा वो होता है जिसका खुद का घर होफिर भी बाहर घूमता हो , गायों के हिस्से की 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ ज़मीन गोचर भूमि भूमि पिछले कुछ वर्षो मे भ्रष्ट नेताओ और अधिकारियों ,ग्राम पंचायतों द्वारा हड़प ली […]