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महीना: अगस्त 2014
नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल!बोझ समझ माँ-बाप को, घर से रहा निकाल!!पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!मंदिर में […]
-मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द की यथार्थ जन्मतिथि 12 फरवरी सन् 1825 है। इस दिन शनिवार था। हिन्दी तिथि के अनुसार इस दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी थी। इस तिथि के निर्धारण में ऋषि भक्त डॉ. ज्वलन्त कुमार शास्त्री का प्रमुख योगदान है। यद्यपि पूर्व तिथियों में पं. भीमसेन जी शास्त्री द्वारा […]
‘ये प्रथ्वी एक नगीना है,जिसमें सबको जीना है !इसमें सबको खाना है,इसी मे सबको पीना है !!’ ‘इस पीने की प्यास ने हमसे,बहुत बहुत कुछ छीना है !जीवन रूपी इस उपवन का,हर इक पंक्षी रीना है !! ‘ ‘वृक्ष काटकर हमने इस पर,जुल्मों को जो ढाया है !किया उत्खनन इसका हमने,इसको बहुत सताया है !!’ […]
– डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com किसी भी इंसान की जन्मकुण्डली और परिवार की जानकारी न भी हो तब भी उसके चिंतन, कर्म और व्यवहार के बारे में सटीक जानकारी उसके संगी-साथियों से प्राप्त की जा सकती है। आमतौर पर व्यक्ति का संपर्क किसी से भी हो सकता है लेकिन निकटता उन्हीं लोगों के साथ होती है जैसी उसकी […]
महात्मा गांधी के बाद संभवत: पहली बार किसी बड़ी राजनैतिक शख्सियत ने हम हिंदुस्तानियों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए अपने व्यापक राजनैतिकए आर्थिकए सामाजिक दृष्टिकोण का ऐलान तो किया हीए कुछ बुनियादी समस्याओं की भी नब्ज पकडऩे की कोशिश […]
जर्जर ईटो से तुम कब तक,भला रोक सकोगे आँधी को सच बोलुँगा अब मैं यारो,बुरा लगे चाहे गाँधी को । क्यूँ इतिहास छिपा रखा है, बोलो सन् सत्तावन कागाँधी का फोटो छापा क्यूँ नोटो पर मरणासन्न का रस्सी तुमने ढूँढ निकाली बकरी वाली गाँधी की,भगत की रस्सी कब ढूँढोगे, जिसपर उसको फाँसी दी गाँधी-नेहरू के […]
गतांक से आगे….. 28 मार्च 1965 को वह चीन गये और प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई से मिले। यह सर्वविदित है कि 1962 में चीन के भारत पर किये गये आक्रमण से दोनों देशों के संबंध कटु हो गये थे। इस समय शेख का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया और चीन से वापिसी पर उन्हें गिरफ्तार […]
मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन पदार्थ अनादि हैं ईश्वर जीव व सृष्टि। जीवात्मा का स्वरूप सत्यए चेतन अल्पज्ञ एकदेशी सूक्ष्म आकार रहित जन्म.मरण धर्म शरीर को धारण करना अपने ज्ञान व अज्ञान के अनुसार अच्छे व बुरे कर्म करना ईश्वर उपासना अग्निहोत्र करना माता.पिता.आचार्यों व अतिथियों की सेवा सत्कार आज्ञा पालन आदि का करना […]
गतांक से आगे….. कल्पना करो कि संसार में सबसे प्रथम आज एक विवाह हुआ। किंतु सवाल यह है कि उसी वक्त विवाह शब्द कहां से आ गया, जो इस पहलेपहल आज ही आरंभ होने वाले विवाह के लिए प्रकट किया गया? बात तो असल यह है कि विवाह तब से है जब से विवाह शब्द […]