भारत के नौजवान, ऐ गांधी सुभाष की संतान,जब देश पुकारे जगना है, हिम्मत कर आगे बढऩा है। 1. भ्रष्टाचार का जब बोल बाला हो, सत जन का मुंह काला हो।नेताओं में मंत्रिपद की सौदेबाजी हो, दलालों का बोलबाला हो।।यश-अपयश की बात नही, देश धर्म की बात नही।अपनी कुर्सी अपना पेट नेताओं की बात यही।।भारत को […]
Month: July 2014
नहरें नहरें हमको पानी देकर, सबकी प्यास बुझाती हैं।इनका पानी पीकर ही तो, फसलें भी लहराती हैं। चंदा मामा पापा! हम भीचंदा मामा, से मिलने को जाएंगे।आसमान की सैर करेंगे, तोड़ के तारे लाएंगे। साईकिल पापा! एक साईकिल ला दो, उस पर पढऩे जाएंगे।छुट्टी वाले दिन पार्क में, उसको खूब चलाएंगे। -धर्मेन्द्र गोयल अमन आर्य
सूफी शांति और शिया-सुन्नी क्रांति
प्रेम शुक्ल मध्य एशिया समेत पूरा ‘इस्लामी डायसपोरा’ हिंसा की जद में है। पाकिस्तान से लेकर फिलिस्तीन और इजिप्ट तक ऐसा कोई कोना नहीं, जो हिंसा की आग में जल नहीं रहा हो। पाकिस्तान में आए दिन बम धमाके हो रहे हैं। वहाबी सुन्नी को मार डालना चाहता है। सुन्नी शिया के खिलाफ […]
डा0 इन्द्रा देवीस्वांगों में पौराणिक ऐतिहासिक एवं लौकिक सभी कथाओं का समावेश होता है। तथा इनका समाज से सीधा सम्बन्ध होता है। कथानक में जमीदारों के अत्याचार पारिवारिक कलह व्यभिचार जातिभेद और सामाजिक विषमता को उभारा जाता है। जन से सम्बन्धित रीति रिवाजों प्रथाओं और मान्यताओं का बोलबाला रहता है। कथा में प्रवाह होता है […]
शुगर एक ऐसा मर्ज़ है, जिससे व्यक्ति की ज़िंदगी बहुत बुरी तरह प्रभावित हो जाती है… वह अपनी पसंद की मिठाइयां, फल, आलू, अरबी और कई तरह की दूसरी चीज़ें नहीं खा पाता… इसके साथ ही उसे तरह-तरह की दवाएं भी खानी पड़ती हैं… दवा कोई भी नहीं खाना चाहता, जिसे मजबूरन खानी पड़ती हैं, […]
कश्मीर: आजादी हां, अलगाव ना
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक मैं आजकल के जिस टीवी चैनल पर जाता हूं, कश्मीर का सवाल जरूर उठा दिया जाता है। जब मैं एंकरों और दूसरे साहबान से पूछता हूं कि आप बताइए कश्मीर का हल क्या है तो उनके पास कोई ठोस, सगुण, साकार जवाब नहीं होता है। हां, आजकल एक नई बात सबके […]
विवेकानंद और उनका हिन्दुत्व-दर्शन
गतांक से आगे……धर्म महासभा की महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती पाटर पॉमर ने इस भाषण का आयोजन जैक्सन स्ट्रीट शिकागो के महिला भवन में किया था। स्फुट विचारों का अवलोकन करें-किसी भी राष्ट्र की प्रगति का सर्वोत्तम थर्मामीटर है, वहां की महिलाओं के साथ होने वाला व्यवहार।भारत में स्त्री जीवन के आदर्श का आरंभ और […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….भारत सरकार की नजरें विदेशी मुद्रा के लिए जब देश की मूल्यवान वस्तुओं की ओर जाने लगी, तब सबसे पहली नजर भारत के पशुधन पर पहुंची। तत्कालीन सरकारों को प्रशासन में बैठे कसाईयों ने एक ही सुझाव दिया कि मांस का निर्यात कर सरकार करोड़ों डॉलर कमा सकती है। तब से न […]
गतांक से आगे…..नदियों के नामजिन शब्दों से यहां लोक की नदियां पुकारी जाती हैं, वेदों में उन्हीं शब्दों के कई अर्थ होते हैं। उन शब्दों का जो धात्वर्थ है, वह चलने वाला-बहने वाला-वेगवाला आदि होता है। नदियां भी इसी प्रकार का गुण रखती हैं। वे भी चलने वाली, बहने वाली और वेगवाली होती हैं, इसीलिए […]
हमारे और तुम्हारे तालिबान
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक पाकिस्तान की फौज ने आतंकवाद के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रखा है। अब तक लगभग पांच लाख लोग अपना घर-बार छोड़ कर उत्तरी वजीरिस्तान से बाहर निकल चुके हैं। हर शरणार्थी को सरकार हजारों रुपए दे रही है और उसका पंजीकरण भी किया जा रहा है। अब एक-दो दिन में फौज […]