दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बीच फोर ईयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) को लेकर चले विवाद में सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी को हुआ तो वे हैं लाखों स्टूडेंट। लेकिन राहत की बात यह है कि फिलहाल यह मुद्दा फौरी तौर पर सुलझ चुका है। एक बात तो साफ है कि यूजीसी […]
Month: June 2014
आचार्य बालकृष्ण गर्मियों में कान के अंदरूनी या बाहरी हिस्से में संक्रमण होना आम बात है| अधिकतर तैराकों को ख़ास-तौर पर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है | कान में फुंसी निकलने,पानी भरने या किसी प्रकार की चोट लगने की वजह से दर्द होने लगता है | कान में दर्द होने के कारण रोगी […]
पुण्य प्रसून वाजपेयी पहली बार संघ के प्रचारक जश्न के मूड में हैं। चूंकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सफर संघ के प्रचारक से ही शुरु हुआ तो पहली बार प्रचारकों में इस सच को लेकर उत्साह है कि प्रचारक अपने बूते ना सिर्फ संघको विस्तार दे सकता है बल्कि प्रचारक देश में राजनीतिक […]
मारने वाली नलकूप क्रांति
देश के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड ने जो भूगर्भीय जल के विषय में रिपोर्ट दी है, वह काफी खतरनाक है। जिसके अनुसार देश के 802 ब्लॉकों में भूजल के अति दोहन से जल संकट गहरा रहा है और यदि यही स्थिति रही तो अगले 15 वर्ष में देश की आधी आबादी जलसंकट से जूझ रही […]
‘दोहन’ का उपाय ‘शोधन’ है
मोदी सरकार ने एन.जी.ओ. के विरूद्घ कठोरता का संदेश देकर उचित किया है या अनुचित, इस पर देश में बहस चल रही है। इसके लिए एक गैर सरकारी संगठन के विषय में यह जानना आवश्यक है कि वास्तव में यह होता क्या है? इसके लिए विद्वानों का मानना है कि समाज का चेहरा बदल देने […]
मनीष पाण्डेय फैजाबाद, विधुत समस्या, किसानो की समस्या, महिलाओं पर हो रहे ताबड़तोड़ अपराध, गिरती कानून व्यवस्था तथा अन्य जन विरोधी नितियों के विरोध में भाजपा ने प्रदेश सरकार के विरूद्ध हजारों की संख्या में तहसील परिसर के सामनें एक दिवसीय धरना कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित 11सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर को प्रेषित किया । […]
हड़बड़ी में कहीं गड़बड़ न हो जाये
पुण्य प्रसून वाजपेयी लहलहाती फसल हो या फिर परती जमीन। जबरदस्त बरसात के साथ शानदार उत्पादन हो या फिर मानसून धोखा दे जाये और किसान आसमान ही ताकता रह जाये। तो सरकार क्या करेगी या क्या कर सकती है। अगर बीते 10 बरस का सच देख लें तो हर उस सवाल का जबाव मिल सकता […]
26 जून 1975… यही वो तारीख है जब भारतीय लोकतंत्र को 28 साल की भरी जवानी में इमरजेंसी के चाकू से हलाल कर दिया गया। ये चाकू किसी सैन्य जनरल के नहीं, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथ में था। 1971 में बांग्लादेश बनवाकर शोहरत के शिखर पर पहुंचीं इंदिरा को अब अपने खिलाफ उठी हर […]
राजीव गुप्ता विश्व प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों कोहराम मचा हुआ है. कहीं पर शिक्षक हडताल कर रहें हैं तो कही पर विद्यार्थी विजय जुलूस निकाल रहें हैं. इसी बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति के इस्तीफा देने की खबर भी आई परंतु उस खबर की पुष्टि नही हो पाई. दिल्ली विश्वविद्यालय में मचे इस […]
आचार्य बालकृष्ण भारतवर्ष में अति प्राचीन काल से जौ का प्रयोग किया जाता रहा है | हमारे ऋषि मुनियों का प्रमुख आहार जौ ही था | प्राचीन वैदिक काल तथा आयुर्वेदीय निघण्टुओं एवं संहिताओं में इसका वर्णन प्राप्त होता है | भावप्रकाश निघण्टुमें तीन प्रकार के भेदों का वर्णन प्राप्त होता है |स्वाद एवं आकृति […]