चढ़ते सूर्य को नमस्कार करने की भारतीय परंपरा बहुत प्राचीन है, वैज्ञानिक है। सूर्य आकाश में चढ़कर ही ढंग से प्रकाश फेेलाता है। इसलिए इस साधना के पीछे साधक की भावना है कि मैं भी ऊंचा चढ़कर संसार में अज्ञानांधकार को मिटाने के लिए प्रकाश फेेलाने वाला बनूं। इसलिए वेद ने कहा-उद्यानं ते पुरूष नावयानम्। […]
Month: May 2014
आज का चिंतन-02/05/2014
ऎसा कुछ करें जो अक्षय हो – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com व्यष्टि से लेकर समष्टि तक जो कुछ हो रहा है वह क्षय-अक्षय के क्रमिक परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। तत्वों के लिहाज से देखें तो क्षय-अक्षय कुछ नहीं होता बल्कि तत्वों के विभिन्न रूपों में रूपान्तरण की ही प्रक्रिया ही है जो कभी […]
263 अपराधी भी जीत गये तो क्या होगा
राकेश कुमार आर्यनई दिल्ली। अपनी बात दो प्रसंगों से आरंभ करते हैं। पहला प्रसंग है शहीदे आजम भगत सिंह का। भगत सिंह अभी बालक ही थे और विद्यालय में अपनी पढ़ाई कर रहे थे। एक दिन वे अपनी कक्षा में विचार मग्न मुद्रा में चुपचाप बैठे थे। तभी उनकी कक्षा का निरीक्षण करने हेतु अधिकारी […]
आज का चिंतन-01/05/2014
जरा संभल के ….परशुराम सब देख रहे हैं – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com भगवानश्री परशुराम अन्य देवी-देवताओं की तरह नहीं हैं बल्कि चिरंजीव हैं। जब तक सूरज-चाँद और पृथ्वी रहेगी तब तक हमारे बीच में ही रहेंगे। इसलिए परशुराम कल भी हमारे बीच में थे, आज भी वे विचरण कर रहे हैं और कल भी रहेंगे। इस सत्य […]