कितने असली नकली हो, जानै जाननहार गतांक से आगे…. पश्चिम दिशा में अस्तांचल में अवसान के समय भी अपने यश की अरूणाई को, तेजस्विता को एक पल के लिए भी छोड़ता नही है। भाव यह है कि सूर्य अपने यश और तेज के साथ उत्पन्न होता है और यश और तेज के साथ ही शाम […]
महीना: मई 2014
राकेश कुमार आर्यइतिहास मे नया अध्याय पलटना बड़ा सरल है,परंतु नया इतिहास लिखना बड़ा कठिन है। वैसे इतिहास की भी ये प्रकृति और प्रवृति है कि वह कदमताल करते काल को धक्का देकर उसकी गति बढ़ाने के लिए समकालीन समाज को प्रेरित भी करता है और आंदोलित भी ।……. और यही हुआ है भारत के […]
जम्मू कश्मीर में शेख़ अब्दुल्ला परिवार आजकल पंथ निरपेक्षता को लेकर आग उगल रहा है। महरुम शेख़ अब्दुल्ला के सुपुत्र और केन्द्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला, आगे उनके फरजन्द और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दोनों घाटी में हकलान हो रहे हैं और लोगों को बता रहे हैं कि केन्द्र में भाजपा की सरकार आ […]
जब सत्ताधीशों के अपनी गलत नीतियों के कारण मस्तिष्क सठिया जाते हैं और जब देश किन्हीं भी कारणों से सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक और धार्मिक आदि मोर्चों पर मार्गदर्शन की मांग करने लग जाता है, तब एक राष्ट्रसाधक लेखक अपनी लेखनी से नवसृजन की नींव रखता है और भटके हुए राजनीतिज्ञों को सही राह दिखाकर अपनी […]
यह वक्त है आत्मचिंतन का – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com संक्रमण का वह दौर अब समाप्त हो चुका है जब चारों तरफ उद्विग्नता और ऊहापोह वाली वो स्थिति थी जिसमें चित्त से लेकर सब कुछ कभी उछाले मारने लगा था, कभी गहरे तक डुबकी। आसमान से जात-जात के बादलों को हवाएं उड़ा ले गई और […]
तुर्कों के भारत में आकर यहां के कुछ क्षेत्र पर बलात अपना नियंत्रण स्थापित कराने में इस्लाम की धार्मिक (पंथीय या साम्प्रदायिक कहना और भी उचित रहेगा) मान्यताओं ने प्रमुख भूमिका निभाई। इन मान्यताओं के अनुसार इस्लाम संपूर्ण मानवता को दो भागों में विभाजित करके देखता है, सर्वप्रथम है-‘दारूल-इस्लाम’ अर्थात वो देश जिनका इस्लामीकरण किया […]
गतांक से आगे……. एक समय था कि विदेशी कंपनियां भारत से कच्ची हड्डी भी खरीदा करती थीं। गुजरात की जिलेटिन कंपनियों ने जब मोरारजी भाई से इस बारे में शिकायत की कि उनका कच्चा माल विदेश चले जाने से उनके बनाए हुए जिलेटिन का मूल्य अधिक हो जाता है, इसलिए हम स्पर्धा में पिछड़ जाते […]
प्रसन्नता से स्वीकारें हर परिवर्तन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com परिवर्तन सृष्टि का आदि क्रम है। हर परिवर्तन हर व्यक्ति, क्षेत्र और परिवेश के लिए अच्छा ही अच्छा हो, यह संभव नहीं है। जिस प्रकार हर सुख और दु ःख को समय सापेक्ष माना गया है और स्पष्ट किया गया है कि एक समय तक ही […]
भारत को प्राकृतिक रचना के आधार पर चार भागों में बांटा जाता है जो इस प्रकार है- 1. उत्तर का पर्वतीय प्रदेश-इस प्रदेश में हिमालय पर्वत की श्रेणियां स्थित हैं। ये 2599 किमी लंबी हैं और असम से कश्मीर तक फेेली हुई हैं। इनकी चौड़ाई 150 से 400 किमी तक है। इनके कारण भारत में […]
हर देश की शासकीय नीतियां कुछ इस प्रकार बनायी जाती हैं कि उनसे उसका पड़ोसी देश उस पर हावी न होने पाए और वह अपने देश की सीमाओं के भीतर पूरी तरह शांति-व्यवस्था बनाये रखकर विकास की राह पर चलता रहे। पर पाकिस्तान की नीतियां इनसे इतर रही हैं। उसे अपने देश की नीतियों का […]