‘उगता भारत’ चिंतन इतिहास मे नया अध्याय पलटना बड़ा सरल है,परंतु नया इतिहास लिखना बड़ा कठिन है। वैसे इतिहास की भी ये प्रकृति और प्रवृति है कि वह कदमताल करते काल को धक्का देकर उसकी गति बढ़ाने के लिए समकालीन समाज को प्रेरित भी करता है और आंदोलित भी। ……. और यही हुआ है भारत […]
महीना: मई 2014
भारत के लोकतंत्र को बिकाऊ घोड़ों की मण्डी बनाने वालों और यहां आम चुनावों में मिलने वाले जनादेश की मनमानी व्याख्या करके सिरों की गिनती के आधार पर लोकतंत्र के साथ ‘क्रूर उपहास’ करने वाले लोगों के लिए वास्तव में ही सोचने का समय है। 16वीं लोकसभा में देश के मतदाताओं ने जिस परिपक्वता के […]
सृजन में सुगंध चाहें तो लेन-देन की बुद्धि न रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com वह हर सृजन सुगंध देने वाला होता है जो पूर्वाग्रहाें, दुराग्रहों,पक्षपात, स्वार्थ और अपेक्षाओं से मुक्त होता है क्योंकि ऎसा सृजनप्रकृति और ईश्वर प्रदत्त होता है और अन्ततः ईश्वर को ही समर्पित होताहै।आजकल दो प्रकार का सृजन हमारे सामने है। […]
आम चुनाव 2014 में उत्तर प्रदेश के बारे में एक चौंकाने वाला तथ्य ये आया है कि इस बार इस प्रदेश से एक भी मुस्लिम सांसद लोकसभा में नही पहुंच पा रहा है। जबकि सपा, बसपा और कांग्रेस ने इस बार 44 मुस्लिमों को अपना-अपना प्रत्याशी बनाया था। इसके अलावा उलेमा कौंसिल, आम आदमी पार्टी, […]
2 सीटों से शुरू हुआ भारतीय जनता पार्टी का कारवां यूं बढ़ता हुआ इतनी जल्दी 272 के जादुई आंकड़ें को छू लेगा, इसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो। मात्र 3 दशक पुरानी पार्टी यदि 16वीं लोकसभा चुनाव के बाद पूर्ण बहुमत में आकर सरकार बना रही है तो इसका श्रेय नि:संदेह पार्टी के […]
सच्चाई का प्रतीक होते हैं आँसू – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आँसू और पवित्रता के बीच गहरा रिश्ता है। ये एक-दूसरे के पर्याय हैं। आँसू अपने आप में इतने पवित्र होते हैं कि इनसे ज्यादा शुचिता किसी और द्रव में कभी हो ही नहीं सकती। ये केवल बूँदें नहीं होती बल्कि इंसान के मन-मस्तिष्क […]
भारतीय राजनीति में जितनी तेजी से ‘आप’ का उदय हुआ उतनी ही तेजी से उससे लोगों का मोह भी भंग हो गया। वास्तव में इस पार्टी के इतनी शीघ्रता से मिट जाने के लिए इसके नेतृत्व का ‘बचकानापन’ ही अधिक जिम्मेदार रहा। दिल्ली में सत्ता की बागडोर इन्होंने संभाली और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री […]
शब्दों की ताकत खो देते हैं ज्यादा बोलने वाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर अक्षर, शब्द और वाक्य अपने आप में कोई न कोई ऎसा सूक्ष्म प्रभाव व महानतम ऊर्जा समाहित किए हुए होता ही है जो पिण्ड से लेकर ब्रह्माण्ड तक में महापरिवर्तन की भावभूमि रचने में समर्थ होता है। आदिकाल से […]
गतांक से आगे….. कानपुर में हमारे मित्र पं. बेनीमाधवजी प्रसिद्घ पंडित हैं। आपके चार पुत्र थे, चारों के नाम आपने राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रक्खे थे, जिनमें राम और लक्ष्मण अब तक चिरंजीव हैं। प्रयाग जिले के बघेला ताल्लुकेदार कुंवर भरत सिंह जी यूपी में सैशन जज थे। वे चार भाई थे। चारों के […]
भारत में प्राचीन काल में राजा अपने राजतिलक के पश्चात जो शपथ लेता था उसे ऐतरेय ब्राह्मण (8/15) में यूं बताया गया है-”मैं जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त का सारा समय तुम्हें समर्पित करता हूं। यदि कभी भी मैं प्रजा के साथ कोई असत्य व्यवहार करूंगा या उसके साथ कोई छल कपट करूं तो मेरा […]