कभी आंसू बन जाते हैं तकदीर,कभी आंसू मिटा देते हैं तस्वीर।आंसुओं का भी अपना इतिहास है,कभी इनसे घबराती है शमशीर।बादल गरजता है बरसता है,पर पपीहा एक बूंद को तरसता है।हृदयाकाश में उठे गर नेकनीयती की बदरिया,तो आंसू ‘मोदी के मोती’ बनकर झरता है।। 20 मई को भाजपा के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक संसद में हो […]
महीना: मई 2014
नरेन्द्र देवांगन नरेंद्र मोदी ने पड़ोस के सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों/सरकार प्रमुखों को अपने शपथ समारोह में आने का निमंत्रण भेजा है। ऐसा न्योता भारत की ओर से पहली बार गया है। कुछ राष्ट्राध्यक्षों ने कार्यक्रम में आने की स्वीकृति भेज दी है और कुछ अभी कूटनीतिक विचार-विमर्श में जुटे हैं। मोदी की यह […]
अरविंद जयतिलक चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद हार पर मंथन के लिए आहुत कार्यसमिति की बैठक में जिस तरह सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर हार की सामूहिक जिम्मेदारी का प्रहसन किया उससे यही प्रतीत होता है कि उनका मकसद हार पर मंथन करना नहीं, बल्कि हार का ठीकरा सोनिया-राहुल के सिर न फुटे […]
दिखना चाहिए इंसान का प्रताप – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मनुष्य होना अपने आप में ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान है जिसकी वजह से हम करोड़ों प्रजातियों के प्राणियों में अन्यतम एवं खास हैं। इंसान का चौला भगवान ने हमें इसलिए नहीं दिया है कि हम संकीर्ण मनोवृत्ति को अपना कर अपने-अपने दड़बों में […]
चित चिंतन और चरित्र को, राखो सदा पुनीत गतांक से आगे….यदि गंभीरता से चिंतन किया जाए तो आप पाएंगे कि परमात्मा ने मनुष्य को ज्ञान और प्रेम से अलंकृत कर इस सृष्टि में अपने प्रतिनिधि के रूप में भेजा है। ज्ञान यदि इस समष्टि का मस्तिष्क है तो प्रेम इसका हृदय है। इन दोनों के […]
भारत के राजनीतिक क्षितिज पर नया सवेरा हो रहा है। इतिहास ने अपना नया अध्याय लिखना आरंभ कर दिया है, लगता है देश में फिर से मधुमास आ गया है। आज समय है स्वतंत्रता, स्वराज्य और व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की प्रचलित परिभाषाओं की समीक्षा करने का और इन प्रचलित परिभाषाओं की ओट में इन […]
अपने में ही उलझे न रहें समाज और देश सामने रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हम सभी का अस्तित्व देश से जुड़ा हुआ है। और देश समाज की छोटी-छोटी इकाइयों और भौगोलिक क्षेत्रों से मिलकर बना है। पूरी दुनिया में भारतवर्ष ही वह देश है जिसे देशवासी भारतमाता मानकर पूजते, सम्मान और आदर देते […]
26 मई को नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन गये हैं तो जरा याद करें 3 जून 1947 का वो मनहूस दिन जब कांग्रेस ने सत्ता प्राप्ति की चाह में जल्दबाजी दिखाते हुए साम्प्रदायिक आधार पर देश का बंटवारा मान लिया था, और बंटवारे को लेकर की गयी उस बैठक से स्वातंत्रय वीर सावरकर जैसे […]
विश्व में केवल भारत ही एक ऐसा देश है जिसने युद्घ के भी नियम आविष्कृत किये थे और उन्हें युद्घ के समय बड़ा गंभीरता से निभाया भी। इस देश से प्राचीन काल में लोग जहां जहां जाकर बसे वहां-वहां उन्होंने भारत की परंपराओं का प्रचार-प्रसार किया और उन्हें बड़ी श्रद्घा से निभाया भी। राजदूत के […]
किताबी शिक्षा से बढ़कर है मौलिक हुनर और अनुभव – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com यह जरूरी नहीं है कि पढ़ा-लिखा और उच्च शिक्षा पाने के सोपानों तक पहुंचा आदमी ज्ञानी हो। ज्ञान का संबंध डिग्रियों, डिप्लोमाओं और प्रमाणपत्रों से नहीं है बल्कि उस शिक्षा-दीक्षा से है जिसमें व्यक्ति के जीवन के सभी प्रकार के संस्कारों, आदर्शों और […]