डा0 इन्द्रा देवीलम्बे समय से एक सी मुद्रा, भंगिया एवं तेवर में प्रचलित होने के कारण नारी सशक्ति शब्द धिस पिट सा गया है। इसकी स्थिति उस अप्रचलित नोट या सिक्के की भॉंति है जो मूल्य और उपयोगिता को खो देने के पश्चात भी एक लोभ के वशीभूत बटुए में एक और अपना स्थान सुरक्षित […]
महीना: अप्रैल 2014
उम्र के अनुरूप हो कामकाज बदलती रहे काम की प्रकृति भी – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर काम की अपनी उम्र होती है और हर प्रकार के काम के लिए भी उम्र विशेष होती है। हमारे रोजमर्रा के घरेलू काम-काज हों, सरकारी या गैर सरकारी नौकरी हो या फिर समाज और देश का […]
हमारी नालायकी दर्शाता है यह अलगाव और पलायन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जमाना तेज रफ्तार पा गया है। वैश्वीकरण और अत्याधुनिक संचार सुविधाओं के मौजूदा दौर में कोई क्षेत्र ऎसा अछूता नहीं है जहाँ सभी प्रकार की सुविधाएं न्यूनाधिक रूप में मौजूद न हों। इसके बावजूद एक क्षेत्र के लोग अपने इलाकों में […]
गतांक से आगे…..‘उदय अगस्त पंथजल सोखा’ यह तुलसीदास ने भी लिखा है। संभव है नहुष आकाशस्थ पदार्थों में से बादल ही हो। क्योंकि ऋग्वेद 10/49/8 में वह सप्ताहा-सात किरणों का मारने वाला कहा गया है। जो बादल के सिवा और कुछ नही हो सकता। महाभारत की कथा के अनुसार नहुष ने इंद्र का पद पाया […]
भारत की जनसंख्या चीन के पश्चात विश्व में सर्वाधिक है। यह देश विभिन्न संप्रदायों, जातियों वर्गों और समुदायों में बंटा हुआ है। इसलिए बहुत सारी सामाजिक विसंगतियां भी हमारे यहां बनी हुई हैं। इन सामाजिक विसंगतियों की देश में इतनी भरमार है कि कभी कभी तो इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये देश चल […]
त्याग से जागै प्रेम रस, प्रेम से जागै त्यागजीवन के दो चरण हैं,एक धर्म एक ज्ञान।जो इनका पालन करे,एक दिन बने महान।। 597 ।। जग में धन तो तीन हैं,ज्ञान, समृद्घि, भाव।जो इनसे भरपूर है,उनका पड़े प्रभाव ।। 598 ।। नोट: शरीर को साधनों की समृद्घि चाहिए, जबकि आत्मा को ज्ञान और भावों की समृद्घि […]
किसी से तुलना न करें यह विधाता का अपमान है – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com विधाता ने सृष्टि में हर व्यक्ति और क्षेत्र से लेकर जड़-चेतन सभी कुछ अपने आप में अन्यतम बनाया है। यह उसी की कारीगरी का कमाल है कि दुनिया भर में कोई किसी का मेल नहीं है चाहे वह इंसान […]
राजपूतों की पराजय के राजनीतिक कारणों पर विचार करते हुए हमें प्रचलित इतिहास में जो कारण पढ़ाए जाते हैं, उनमें प्रमुख कारण निम्न प्रकार हैं :- -भारत में राजनीतिक एकता का अभाव होना। -मुसलमानों में एकता की प्रबलता का पाया जाना। -तुर्कों की हिंदुओं से अच्छी शासन व्यवस्था का होना। -राजपूतों की लोक कल्याण की […]
व्यक्ति क्षेत्र यश चोपड़ा – फिल्म निर्देशक सचिन देव बर्मन – संगीतकार सीता देवी – नृत्य श्याम जगोता – कार्टून सोनल मानसिंह – नृत्य ओडिसी सुनील गावस्कर – क्रिकेट तेनजिंग नोर्गे – पर्वतारोहण उदय शंकर – नृत्य उस्ताद अमजद अली खान – सरोद वाद्य संगीत विजय अमृतराज – लॉन टेनिस डब्ल्यू लियोनटीफ – अर्थशास्त्र […]
मुजफ्फर हुसैन गतांक से आगे…… हम तो आपके सेवक थे लेकिन आपने तो हमें कारखाने का कच्चा माल बना दिया। इस माल की आपूर्ति के लिए वह मरेगा, तब तक प्रतीक्षा नही की जा सकती, इसलिए उसकी कुदरती मौत से पहले ही अपने बनाये हुए कत्लखानों में उसे पहुंचा तो ताकि खाने वाले को मांस […]