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बिखरे मोती

बिखरे मोती-भाग 41

सौंदर्य अंदर बसै, मूरख ढूंढ़े जग मांहिगतांक से आगे….अन्न जल और मीठे वचन,रत्न धरा पर तीन।अन्य पदारथ विश्व में,लगते हैं कान्तिहीन ।। 552 ।। मित्र भार्या सम्पदा,मिल जायें कई बार।लेकिन मुश्किल से मिले,मानव तन एक बार ।। 553 ।। आंखों में जिसके शर्म हो,वाणी में होय मिठास।मन में होय उदारता,जीत लेय विश्वास ।। 554 ।।उदारता […]

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आज का चिंतन

आज का चिंतन-12/03/2014

मूर्तियों का जमावड़ा न करें ईष्ट एक ही रखें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अपने आपको परम धार्मिक, साधक और सिद्ध मनवाने के फेर में कहें या अपनी ढेर सारी अलग-अलग प्रकार की इच्छाओं की पूत्रि्त के लिए,  हम आजकल भटकाव के दौर में जी रहे हैं जहाँ हमारी इच्छाएं चाहे-अनचाहे हमें मनुष्यों, पितरों, भूत-प्रेतों और देवी-देवताओं आदि के आँगन […]

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संपादकीय

संविधान निर्माण पर डा० अंबेडकर के विचार

हमारे देश के संविधान के विषय में समय-समय पर कुछ लोगों को आपत्तियां होती रही हैं, डा. बी.आर. अंबेडकर ने संविधान सभा के अंतिम दिन जो भाषण दिया था वह हमारे लिए बहुत कुछ मार्गदर्शन कर सकता है। इस भाषण में डा. बी.आर. अंबेडकर ने कई शंकाओं का समाधान प्रस्तुत किया। जिसे ध्यान से पढऩे […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-12

गतांक से आगे………सभी जानते हैं कि मनु से सूर्यवंश चला और उन्हीं मनु की इला नामी पौत्री से चंद्रवंश चला। मनु से इक्ष्वाकु हुए और इक्ष्वाकु की पुत्री से चंद्रवंश का मूलपुरूष पुरूरवा हुआ, अर्थात दोनों वंश एक साथ ही आरंभ हुए पर आगे चलकर दोनों की पीढिय़ों में जो घट बढ़ हुई वह बहुत […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हिन्दू राजा वीर राय का मौन स्मारक है-आसाम की धरती

आसाम-अर्थात पूर्वी भारत का अंतिम छोर। जी हां, ये वही पुराना कामरूप है जहां कभी सूर्य सबसे पहले आकर अपनी किरणें बिखेरता था, आज यह सौभाग्य चाहे अरूणांचल प्रदेश को मिल रहा है, पर हमें यह नही भूलना चाहिए कि आज का अरूणांचल प्रदेश भी पुराने आसाम का ही एक भाग है। पूर्व दिशा प्रकाश […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-11/03/2014

एक से प्रेम, औरों से घृणा यह प्रेम नहीं, व्यापार है – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   दुनिया में हर मामले में दो ही ध्रुवों पर सांसारिक मायाचक्र का निरंतर परिभ्रमण होता रहता है। दोनों ही ध्रुव एक-दूसरे के विपरीत हुआ करते हैं। व्यक्ति अपनी मानसिकता के अनुरूप इन्हें अंगीकार करता है और जीवन […]

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महत्वपूर्ण लेख

अपने ही देश में बेगाने हिंदू

सचिन शर्माकांग्रेसनीत संप्रग -2 सरकार व छद्म सेक्यूर पार्टियों ने लगता है कि देश से हिंदुओं के सफाये का मन पूरी तरह बना लिया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तमाम हिंदू विरोधी कार्य किये गये मसलन दंगा रोधी बिल, कश्मीर घाटी से पंडितों की वापसी का प्रयास न करना, असम व पूर्वोत्तर के राज्यों […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-09/03/2014

अपने आपको सौंप दें ईश्वरीय प्रवाह के हवाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर इंसान की अपनी कई ऎषणाएं, इच्छाएं और कल्पनाएं हुआ करती हैं जिन्हें पूरा करने के लिए वह जिन्दगी भर जाने कितने रास्तों, चौराहों और गलियारों की खोजबीन करता रहता है, कितने ही मार्गों को अपनाता और छोड़ता है। कई सारे छोड़े हुए रास्तों को […]

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संपादकीय

आर्यों का आदि देश आर्यवर्त (भारत) है

राकेश कुमार आर्य एक षडय़ंत्र के अंतर्गत भारत को नष्ट करने के लिए जो मिथ्या और भ्रामक कथा-कहानियां गढ़ी गयी है उनमें सबसे प्रमुख है-आर्यों का विदेशी होना। प्रश्न है कि ऐसी कहानियां गढ़ी क्यों गयीं? इसका उत्तर ये है कि भारतीयों के प्राचीन धर्म और इतिहास को मिटाकर भारत में ईसाइयत का प्रबलता से […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

इक्कीसवीं शताब्दी शाकाहार की-7

गतांक से आगे….बर्ड फ्लू भी इसी क्षेत्र में फेेलता है। दुनिया का यह सबसे घनी आबादीवाला क्षेत्र है। इसलिए प्रकृति किसी-न-किसी प्रकार इनसानों की जनसंख्या को संतुलित रखना चाहती है। जब आदमी अपनी संख्या को मर्यादित नही करता है तो फिर माल्थस का सिद्घांत लागू होता है। कुदरत अपने ढंग से अपना काम करती है […]

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