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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

राजकुमारी कल्याणी और बेला का वो अविस्मरणीय आत्मबलिदान

राकेश कुमार आर्य मनु महाराज ने मनुस्मृति (7/14) में लिखा है :- दण्ड: शास्ति प्रजा: सर्वा दण्ड एवाभिरक्षति। दण्ड: सुप्तेषु जागर्ति दण्डं धर्मम बिदुर्बुधा:। अर्थात दण्ड ही है जो सब प्रजा पर शासन करता है, दण्ड ही जनता का संरक्षण करता है, सोते हुओं में दण्ड ही जागता है, अर्थात दण्ड के भय से चोरी-जारी […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-31/03/2014

आओ प्रकृति के साथ मनाएँ सनातन नव वर्ष अपना – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com यों तो साल भर में अनेक नव वर्ष विभिन्न स्वरूपों में आते-जाते रहते हैं जिनका अपना-अपना वजूद है, परंपराएं हैं और मनाने के अंदाज हैं। एक वे नव वर्ष हैं जो इंसान अपनी सहूलियत से स्थापित करता है और उसे मनाकर आनंद […]

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आज का चिंतन

आज का चिंतन-29/03/2014

नयी पीढ़ी को मौका दें, भरोसा रखें क्षमताओं पर – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   समाज और देश का दुर्भाग्य है कि जो जहाँ है वहाँ हमेशा टिका रहना चाहता है और उसके जीवन का एकमात्र सर्वोपरि लक्ष्य यही रहता आया है कि वह हमेशा वर्तमान ही बना रहे। दिन-महीने-साल गुजरते चले जाएं, तारीख […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

केले में भरा पड़ा है पौष्टिक तत्वों का खजाना

वर्षा शर्मामूसासी परिवार का सदस्य केला बहुत प्राचीन फल है। 326 ईसा पूर्व में सिंधु घाटी में केले का उल्लेख मिलता है। इसका वनस्पति नाम मूसा पारादिसिआका लिनिअस है। हमारे देश में यह सर्वत्र तराई वाले स्थानों, मंदिरों, धार्मिक स्थानों में खूब मिलता है। मांगलिक कार्यों में इसकी बड़ी उपयोगिता है। यह धार्मिक कृत्यों तोरण, […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-15

गतांक से आगे…..वेदों के ऐतिहासिक पुरूषों का अर्थात नहुष ययाति के स्वर्ग का वर्णन तो पुराणों मेें किया, पर इस युद्घ का वर्णन क्यों नही किया? बात तो असल यह है कि पुराण तो मिश्रित इतिहास कहते हैं। इसमें तो मिश्रण भी नही है, तो कोरे वैदिक अलंकार हैं, इंद्रवृत्त के वर्णन हैं और तारा […]

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राजनीति

शिक्षा एक बार फिर नही बनी चुनावी मुद्दा

रमेश पाण्डेयशिक्षा देश और समाज की उन्नति का आईना हुआ करती है। भारत की आजादी के 65 वर्ष बाद यहां की आबादी साढ़े तीन गुना बढ़कर 1.20 अरब हो गई है। बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के करीब छह लाख पद रिक्त हैं। सर्व शिक्षा अभियान पर हर साल 27 हजार करोड़ रुपए खर्च किए […]

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विशेष संपादकीय

भावों की उज्ज्वलता से ही दोषों का शमन होता है

संसार में काम, क्रोध, मद, मोह लोभादि के कितने ही विकार बताये गये हैं, परंतु विद्वानों ने ‘भावों की निकृष्टता’ को सबसे अधिक घातक विकार बताया है। चिंतन का दूषित हो जाना सचमुच बड़ा घातक है। इसी चिंतन के कारण मनुष्य कहीं पिता से, कहीं पुत्र से, कहीं पत्नी से, कहीं पुत्री से, माता से […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-28/03/2014

न पालें किसी से शत्रुता प्रतिशोध देता है अंधकार – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   आमतौर पर लोग अपने भ्रमों और आशंकाओं में जीते हुए किसी न किसी को अपना शत्रु मान लिया करते हैं और फिर उसके साथ वैचारिक प्रदूषण तथा मानसिक ध्रुवीकरण को अंजाम देने के लिए जी तोड़ कोशिशों में लगे […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

“गाय का मिटना और हमारा मरना”

राकेश कुमार आर्यभारत के पूर्व कृषि मंत्री रहे डा. बलराम जाखड़ ने कहा था कि ”गाय का गोबर मल नही खाद है, जिसका मूल्य भारतीय किसान भली प्रकार जानता है। कृषि वैज्ञानिकों ने अन्वेषण करने के उपरांत यह निष्कर्ष निकाला है कि गोबर के सेन्द्रिय खाद के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

आज का चिंतन-27/03/2014

समाज और देश सर्वोपरि समय, धन या श्रम का दान करें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com   समाज सेवा से लेकर देश और दुनिया भर की बातें करने वालों की हमारे यहाँ भरमार है। उपदेशकों और निर्देशकों की बाढ़ आयी हुई है। सब अपने-अपने ढंग से समाज के नवनिर्माण और देश की बातें करते हैं। समाज के […]

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