पृथ्वीराज चौहान भारतीय त्याग, तपस्या, साधना और पौरूष का प्रतीक है। वह अपने गुणा- अवगुणों से तत्कालीन हिंदू राजाओं में से कई के लिए ईष्र्या और द्वेष का कारण बन गया था। कई इतिहासकारों ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान के एक से अधिक विवाहों के होने का उल्लेख किया है। अत: थोड़ी सी असावधानी से एक […]
महीना: जनवरी 2014
खून नहीं वो पानी है जो देश के काम न आए – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com समाज और देश बुजुर्गों के अनुभवों और युवाओं के ज्ञान तथा ताकत के बूते चलता है और इसीलिए कहा जाता है कि युवा शक्ति समुदाय और देश की रीढ़ है। इस युवा पीढ़ी पर दोहरे-तिहरे दायित्व स्वतः ही […]
पृथ्वीराज चौहान से पराजित होकर मौहम्मद गौरी रह-रहकर अपने दुर्भाग्य को कोस रहा था। गौरी स्वयं को बहुत ही अपमानित अनुभव कर रहा था। यह उसका सौभाग्य रहा और राजपूतों का प्रमाद कि जब वह युद्घक्षेत्र में घायल पड़ा, अपने जीवन की अंतिम घडिय़ां गिन रहा था, तब उसे अपनी ‘सद्गुण विकृति’ से ग्रस्त राजपूतों […]
डा. अशोक आर्यमानव अपने जीवन को सदा सुखों में ही देखना पसंद करता है । वह सदा सुखी रहना चाहता है । सुखी रहने के लिए उसे अनेक प्रकार के यत्न करने होते हैं । अनेक प्रयास करने होते हैं । इन यत्नों के बिना , इन प्रयासों के बिना, इन पुरुषार्थों के बिना वह […]
सज्जनों को हमेशा मिलता है ईश्वरीय शक्तियों का संरक्षण – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया भर में इंसानों की तमाम प्रकार की प्रजातियों के बीच सज्जनों का वजूद भी हमेशा रहा है। वर्तमान कलियुग में भी सज्जनों को भले ही हाशिये पर समझा जाता हो, प्रचार से दूर हों, मगर सज्जनों का अस्तित्व हर क्षेत्र में न्यूनाधिक […]
राकेश कुमार आर्यपड़ोसी देश बांग्लादेश 1971 के भारत-पाक युद्घ के पश्चात भारत की सहायता से एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया था। तब इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी की कूटनीति और युद्घनीति की एक बहुत बड़ी मिसाल के रूप में महिमामंडित किया गया था। 1971 में बने बांग्लादेश में तब 28 […]
अथर्ववेद (3/4/2) में आया है :-ततो न उग्रो विभजा वसूनि।यहां राजा से उसकी प्रजा कह रही है कि तू तेजस्वी होकर हमारे लिए धन का समुचित और यथोचित विभाग कर, अर्थात हमारे खान-पान, ज्ञान-विज्ञान, परिधान आदि के लिए जितना-जितना जिसके लिए आवश्यक है, उतना-उतना उसे दे।वेद का यह मंत्र स्पष्ट कर रहा है कि राष्ट्र […]
गतांक से आगे….कुछ महिलाओं में यह भी भ्रम है कि मांसाहारी महिलाएं अधिक सुंदर होती हैं। उनकी यह दलील है कि दुनिया के अधिकांश पक्षी मांसाहारी हैं। हम देखते हैं कि वे रंग बिरंगे व सुंदर शरीर के होते हैं। लेकिन मांसाहारी महिलाएं जल्द बूढ़ी हो जाती हैं और उनके शरीर की चमड़ी लटकने लगती […]
हमेशा बह जाती हैं भरोसे की भैंसें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com भरोसा एक ऎसा शब्द है जो हर किस कर्म में निश्चिन्तता का मूलाधार होता है। इस एकमात्र शब्द से हर कोई सुकून पा लेता है और पारस्परिक सहकारिता का धर्म निभाने वाले धन्य होते रहते हैं। लेकिन हाल के कुछ वर्षों से […]
गतांक स आग….अनुभवी लोग कहत हैं कि कृत्रिम साधनों क उपयोग स स्त्रियों को कंसर आदि रोग हो जात हैं। स्त्रियों क कोमल स कोमल मज्जातंतुओं पर इन कृत्रिम साधनों का बहुत खराब असर होता है, जिसस अनकों रोग उत्पन्न होत हैं। बहुत स प्रतिष्ठित डॉक्टरों का कहना है कि इन कृत्रिम साधनों क कारण […]