प्रस्तुत कर्ता: दिनेश चन्द्र त्यागी, (राष्ट्रीय महामंत्री सांस्कृतिक गौरव संस्थान)सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गठित (तथाकथित) राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC: National Advisory Council ) द्वारा साम्प्रदायिक व लक्ष्यित हिंसा रोकथाम विधेयक, 2011Prevention of Communal and Targetted Violence (Access to Justice and Reparations) Bill, 2011 का प्रारूप तैयार किया गया। मौलिक रूप में तैयार प्रारूप में […]
महीना: दिसम्बर 2013
प्रजातंत्र की विधानसभायें अथवा संसद कैसी हैं? यह तो हम रोज देख रहे हैं। किंतु वेद का अनोखा चिंतन जिन समितियों के गठन की बात करता है, वह कैसी होंगी, यह ऋग्वेद का ये मंत्र बताता है :- समानो मंत्र: समिति: समानी समानं मन: सह चित्तमेषाम् ।समानं मन्त्रभि मंत्रये व: समानेन वो हविषा जुहोमि।।‘ऐश्वर्य के […]
बड़े दिन पर लें बड़े संकल्प – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया का हर पर्व-त्योहार और उत्सव का दिन अपने आप में एक संदेश लेकर आता है। जो इसे ग्रहण कर लेता है उसका जीना सार्थक हो जाता है, जो सिर्फ मौज-मस्ती और उल्लास को ही लक्ष्य मान लेते हैं, उनके लिए ऎसे दिन […]
राकेश कुमार आर्यप्राचीनता और नवीनता दो विरोधी धाराएं नही हैं। समाज की उन्नति के लिए इन दोनों का समन्वय बड़ा आवश्यक है। विज्ञान के नवीन आविष्कारों का और अनुसंधानों का लाभ लेने के लिए हमें सदा नवीनता का समर्थक रहना चाहिए। इसी से सभ्यता का विकास होता है। इसीलिए कालिदास जैसे महाकवि ने अपनी वैज्ञानिक […]
जो पाया है उसे उदारतापूर्वक बाँटें वरना नहीं हो पाएगी गति-मुक्ति – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हमें जो कुछ प्राप्त हुआ है, हो रहा है, होने वाला है, वह सब कुछ इसी धरा से मिल रहा है। इसकी प्राप्ति का उद्देश्य यह नहीं कि हम सब कुछ अपने पास दबाकर बैठ जाएं। बल्कि जो […]
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली प्रदेशों की विधानसभाओं के संपन्न हुए चुनावों ने जो परिणाम दिये हैं, उनसे स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता परिवर्तन की पक्षधर है। लोकतंत्र में हम भूल जाते हैं कि जीत किसी पार्टी की नही हुआ करती है, अपितु जनापेक्षाओं की हुआ करती है। हां, जनापेक्षाओं को […]
अहंकारी और कुटिल व्यवहार देता है बीमारियाँ और समस्याएँ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन का सतत प्रवाह यदि मर्यादाओं, संयम तथा अनुशासन की सीमाओं में रहकर चलता रहे तो आदमी की जिन्दगी निर्बाध रूप से संतोष और आनंद के साथ चलती रहती है और कहीं किसी मोड़ पर कोई खतरा नहीं होता। दैववशात […]
गतांक से आगे….पैगंबर साहब खलीफा और सूफी संतों के जीवन में झांककर देखते हैं तो वे शहद व दूध का बड़े पैमाने पर उपयोग करते थे और आज भी उनके अनुयायी करते हैं।पवित्र कुरान में सूरा अन्नहल में शहद के लिए कहा गया है-व ओ हया रब्बोका इलन्नहले अनित्तखेजी मिनल जिबाले बुयूतन व मिनश्शजरे व […]
ईश्वर को पाने ज्यादा सहज है अनासक्त योग भरा गृहस्थाश्रम – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन लक्ष्यों और ईश्वर को पाने के लिए कलियुग में सर्वश्रेष्ठ, सरल और सहज मार्ग है गृहस्थाश्रम। इसके माध्यम से सेवा और परोपकार की वृत्तियों में जुड़े रहकर तथा पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों की पूर्ति करते हुए प्रसन्नता […]
गतांक से आगे….उनकी भौतिक प्रवृत्ति से यही प्रतीत होता है कि न उनका कोई पशु है न पक्षी। जो है वह मारकर खाने के ही लिये हैं। इसी तरह न उनका कोई इष्टमित्र है न नौकर चाकर। जो है वह अपना स्वार्थ साधन करने के लिए अथवा अपना काम कराने के लिए। इसी तरह न […]