राकेश कुमार आर्यपिछले दिनों 31 अक्टूबर को पटेल जयंती के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने (विश्व में अब तक की सबसे ऊंची प्रतिमा) उनकी प्रतिमा का अनावरण करते समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उपस्थिति में कह दिया कि सरदार पटेल यदि देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश का इतिहास ही कुछ […]
महीना: नवम्बर 2013
रोबोट न बनाएं बच्चों को सेहत के बिना बेकार है ये जिन्दगी – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com वर्तमान पीढ़ी के शारीरिक सौष्ठव को देख कर कहीं नहीं लगता कि हम स्वस्थ और मस्त हैं। अति दुर्बल यश अति स्थूल होती जा रही इस पीढ़ी के भरोसे नौकरी-धंधों को तो पाया जा सकता है कि […]
राकेश कुमार आर्यगाय का दूध मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है। आजकल तनाव का रोग बहुत मिलता है, इसका प्रभाव हमारी स्मरण शक्ति पर भी पड़ता है। तनाव के कारण अथवा चिड़चिड़ाहट मानसिक दुर्बलता, शारीरिक थकान, कार्य की अधिकता, मस्तिष्क में अपेक्षा से अधिक कार्यों को समेटकर रखने की हमारी प्रवृत्ति के […]
सब कुछ हो गया कामचलाऊ न गुणवान रहे, न गुणग्राही – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com व्यक्तित्व विकास में परफेक्शन अर्थात पूर्णता वह शब्द है जो हर पहलू से जुड़ा है और इसी के आधार पर हमारे व्यक्तित्व का समग्र मूल्यांकन किया जाता है। व्यक्तित्व का विकास हमारी शिक्षा-दीक्षा, संस्कारों और गुणों पर निर्भर करता […]
गतांक से आगे….गुरू को फांसी उसके परिवार के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा थी, जिसमें और लोग भी शामिल हो गये थे जो गुरू के उत्तराधिकार के विरूद्घ थे। किंतु यह भी कहा जाता है कि औरंगजेब गुरू तेगबहादुर से इसलिए नाराज था, क्योंकि उसने कुछ मुसलमानों को सिख बना लि या था।पाठ्य पुस्तकों […]
आपराधिक मानसिकताग्रस्त होते हैं नकाब और काले शीशों के कद्रदान – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अंधेरों को वे लोग ही हमसफर बनाते हैं जिन्हें अँधेरा पसंद होता है। इन लोगों की ऊर्जाएं और बुद्धि तभी काम करती है जब अँधेरों का साथ हो। अंधेरा पसंद लोगों की मानसिकता का थोड़ी गंभीरता से अध्ययन […]
राजाओं की गौरवपूर्ण श्रंखला से कश्मीर का इतिहास भरा पड़ा है। जब हम कश्मीर के इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों का अवलोकन करते हैं तो ज्ञात होता है कि भारतीय संस्कृति को अपनी गौरव-गरिमा से लाभान्वित करने में कश्मीर के राजाओं ने महत्वपूर्ण योगदान किया। चूंकि यह योगदान अब से 1000 वर्ष पूर्व या उससे भी […]
पल्ला झाड़ने में माहिर होते हैं नाकाबिल और कामचोर लोग – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com एक समय वह था जब लोग खुद आगे चलकर अपनी रुचि का कोई सा काम हाथ में लेते थे और पूरा करके ही दम लेते थे। समाज के लिए उन दिनों उपयोगी लोगों की संख्या भी खूब थी। हालांकि […]
महंत दिग्विजयनाथआज के अधिकांश नागरिक और संसार के प्रमुख व्यक्ति, जो हिंदुत्व से अनभिज्ञ है हिंदुत्व का अर्थ साम्प्रदायिकता और हिंदू का अर्थ साम्प्रदायिक समझते हैं। यह आज का एक प्रचलित नारा हो गया है और यह भी दावे के साथ कहा जा सकता है कि इसके सदृश भ्रमपूर्ण और अनर्गल नारा दूसरा हो भी […]
समग्र सावरकर ही समग्र राष्ट्र का पर्याय है अनुच्छे (1)-कई हिंदुत्व प्रेमी और साथ ही हिंदू राष्ट्रवादी चिंतकों ने वीर सावरकर जी द्वारा 1936 में हिंदू महासभा के कर्णावती अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में दिये गये अध्यक्षीय भाषण के एक अंश पर गंभी आपत्ति प्रकट की है। इस आपत्ति पर विचार करते हुए प्रस्तुत […]