जब लार्ड मैकाले भारत आया था तो यहां की न्याय व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था को दखकर दंग रह गया था। उसके आने से पूर्व सदियों से भारत विदशी शासकों की दासता से लड़ रहा था, परंतु अपनी न्याय व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था को बचान में वह सफल रहा था। सैकड़ों वर्ष […]
Month: November 2013
आज का चिंतन-27/11/2013
औरों को दुःखी न करें यह हिंसा से भी बढ़कर है – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हिंसा का यही मतलब नहीं है कि किसी की हत्या कर देना या हिंसक प्रवृत्तियों में लगे रहना। हिंसा का संबंध हिंसक मानसिकता और क्रूर व्यवहार से आरंभ होता है यही सूक्ष्म मानसिकता जब व्यवहार रूप में […]
भारतीय संस्कृति का विदेशों में प्रचार-प्रसार मानवता का प्रचार-प्रसार था। मेधा के उपासक रहे हमारे पूर्वजों ने विदेशों को भी मेधा का उपासक बनाकर सुशिक्षित और सुसंस्कारित विश्व समाज के बनाने में सहयोग दिया। जीतकर भी विनम्र और मर्यादित रहना भारत की ही परंपरा है, अन्यथा तो लोग जीत में आपा खो देते हैं, पराजित […]
राहुल पर भारी पड़ रहे हैं मोदी?
इक़बाल हिंदुस्तानीकांग्रेस के ना चाहते हुए भी 2014 में होने जा रहे आम चुनाव में पीएम पद का मुकाबला नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी हो चुका है। इसके साथ ही सेकुलर कहे जाने वाले अनेक दलों और लोगों की चाहत के खिलाफ मोदी का ग्राफ दिन ब दिन ना केवल राहुल और उनकी कांग्रेस से […]
स्वामी सांख्यानंदसूर्यवंशीय आर्य क्षत्रिय रघुकुल के महापुरूष पुरूषोत्तम श्रीराम के पुत्र कुश के वंशज बलामी का राजा नागादित्यार्जुन का पुत्र महाप्रतापी योद्घा महाराजा गुहयादित्यासिंह जी ने मेवाड़ साम्राज्य की स्थापना की थी।मेवाड़ साम्राज्य का अंतिम महाराजा उदयसिंह जी की चौदहवीं पत्नी जयवंतीबाई राठौड़ जी का पुत्र चित्तौड़ नरेश महाराजा प्रताप सिंह जी थे।उनकी पत्नी अजय […]
न्यायालय में अन्याय और शोषण
भारत में इस समय एक अनुमान के अनुसार 14735 कानून ऐसे हैं जो ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने भारतीयों पर शासन करने के लिए बनाये थे। 1857 की क्रांति असफल होते ही अंग्रेजों ने भारत में अपना दमनचक्र और भी क्रूरता से चलाना आरंभ कर दिया था। तब सन 1858 में महारानी विक्टोरिया ने ‘ईस्ट […]
-भारत में प्रथम रेलवे लाइन का उद्घाटन 16 अप्रैल 1853 को लॉर्ड डलहौजी द्वारा हुआ।-16 अप्रैल 1853 ई. को प्रथम भारतीय रेल मुंबई और थाणे के मध्य चली।-31 मार्च 2004 तक देश में रेलमार्गों की कुल लंबाई 63,221 कि. मी. थी। मार्च 2004 के अंत तक कुल रेलवे टै्रक में 17,503 कि. मी. मार्ग (कुल […]
आज का चिंतन-26/11/2013
नई किस्म आ गई है ये मोबाइल वाले पागल – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com सनकियों और पागलों की मौजूदगी हमारे यहाँ हमेशा रही है। छोटे से लेकर बड़े कहे जाने वाले हों या दुनिया का कोई सा कोना हो, इन लोगों का वजूद हर युग में अपने आपको सिद्ध करता रहा है। युग के […]
भारत में बरगद का महत्व
बरगदभारत डिस्कवरी प्रस्तुतिबरगदजगत पादपसंघ मैग्नोलियोफाइटावर्ग मैग्नोलियोप्सिडागण रोसेल्सकुल […]
विनोद बंसल पंद्रहवीं शताब्दी में मुगलों के अत्याचारों के चलते पूरे भारत में फ़ैली अराजकता व लूट-खसोट के कारण जन जीवन पूरी तरह असुरक्षित था।हिन्दू धर्म कर्म काण्ड व कुप्रथाओं की जटिलताओं में उलझ गया था। भयाक्रान्त हिन्दू अपना धर्म त्याग मुस्लिम बनने को मजबूर थे और धर्म और मानवता से लोगों की आस्था पूरी […]