फक्कड़ी जिन्दगी चाहें तो कर दें खुद को महाप्रवाह के हवाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com यह पूरा संसार ही अपने आप में बहुत बड़ा कारोबार है जिसका कोई अंत नहीं है। निस्सीम और अनंत पसरे हुए संसार में जो लोग आए हैं उन्हें इन तमाम प्रकार के सांसारिक व्यवहारों की भूलभुलैया वाली गलियों […]
Month: October 2013
न हिन्दू बचेगा न मुसलमान बचेगा
बजरंग मुनिमुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे दो प्रमुख कारण उभरकर सामने आये हैं। एक, हिन्दू लड़कियों के प्रति मुसलमानों का उग्र और गैर वाजिब व्यवहार तथा दो, इन गैर वाजिब व्यवहार का कुछ सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा किया जानेवाला समर्थन और निषेध। भारत में हिन्दू मुस्लिम सांप्रदायिकता की बुनिया इसी गैर बराबरी वाले व्यवहार […]
विश्व में सूचना एवं तकनीकी क्रांति के कारण संवाद का स्वरुप बदल गया है. आज भारत के पास अत्याधुनिक सूचना एवं संचार के साधन उपलब्ध हैं, इस कारण से किसी भी विकासशील देश को भारत से ईर्ष्या हो सकती है. संचार तकनीकी का सरकार देश के विकास के लिए कितना उपयोग करती है या प्रभावी […]
क्या औचित्य है इन समाचारों का
मैं यह लेख श्री भारत भूषण व श्री संजीव सिन्हा और उनकी ‘प्रवक्ता’ की पूरी टीम के पुरूषार्थ और उद्यम को समर्पित कर रहा हूं जिन्होंने अपने अथक प्रयास से ‘प्रवक्ता’ को देश विदेश में सम्मानपूर्ण स्थान दिलाया है। मैं उनका इसलिए भी आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने राष्ट्रवादी चिंतन धारा को वरीयता दी और राष्ट्रवादी विषयों एवं […]
आज का चिंतन-19/10/2013
दूर रहें उन लोगों सेजो मोबाइल कचरा पात्र हैं – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com यह जरूरी नहीं कि कचरा पात्र स्थिर पड़े रहने वाले ही हों जिन्हें खाली करने के लिए किसी ओर को मशक्कत करनी पड़े। आजकल जहाँ-तहाँ बिखरे पड़े कचरा पात्रों की ही तर्ज पर आदमियों की एक नई प्रजाति खूब चलन में है […]
प्रमोद भार्गवगाजियाबाद। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ चुनावी शंखनाद हो गया। ये निर्वाचन दो चुनाव सुधारों की छाया में संपन्न होंगे, इसलिए पिछले चुनावों की तुलना में अनूठे होंगे। ये दोनों ही सुधार सर्वोच्च न्यायालय की दृढ़ता के चलते निर्वाचन प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बने हैं। अदालत द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून की […]
आज का चिंतन-18/10/2013
सभी की जिन्दगी में रहता है मलाल कुछ काम नहीं कर पाने का – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जो लोग दुनिया में आते हैं उन सभी के लिए कर्मयोग का विस्तृत दायरा होता है। कुछ लोग सीमित दायरों में रहकर नाम कमा जाते हैं और कुछ ऎसा कर जाते हैं कि दुनिया उन्हें युगों […]
मनुज धर्म और पशु
मैं प्रात:काल भ्रमण कर रहा था। मैंने देखा-सड़क के एक किनारे पर दो कुत्ते एक दूसरे के लिए गुर्रा रहे थे। कुछ ही क्षणों में एक कुत्ते ने सहम कर अपनी गर्दन नीची कर ली और अपनी पूंछ पिछली टांगों के बीच में दे ली। दूसरा बलशाली कुत्ता सहमे हुए कुत्ते के ‘आत्मसमर्पण’ के भाव […]
इसलाम और जीव दया-3
गतांक से आगे… उसके बाद वह असली स्थिति में आ जाता है। नमक का पानी उस बकरे को बेहद परेशान करता है, वे बेचैन हो जाता है, जिससे उछलने लगता है। खरीददार समझता है कि बकरा उसे फुरतीला और तगड़ा मिला है। लेकिन एक रात में ही असलियत मालूम पड़ जाती है। आज तक किसी […]
आज का चिंतन-17/10/2013
नालायक और धूत्र्त होते हैं कामों के बोझ का राग अलापने वाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल कामों से जी चुराने वालों की तादाद हर तरफ बढ़ती ही जा रही है। हमारे यहाँ भी ऎसे लोगों की कोई कमी नहीं है जिनके लिए पूरी जिन्दगी एक ही बहाने भर से निकल जाती […]