बीच राह आएंगे, भौंकते भी रहेंगे आखिर कुत्ते जो ठहरे – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com श्वानों को लेकर किसी को मन खट्टा नहीं करना चाहिए। इनका तो स्वभाव ही है भौंकना, भौंकते ही रहना, गुर्राना और बीच रास्ते सुस्ताना या उछलकूद करते हुए भागदौड़ करना। कुछ वर्षों पहले तक श्वानों की गिनी-चुनी प्रजातियां हुआ […]
Month: October 2013
कश्मीर के गौरवशाली हिंदू इतिहास के विषय में हमने पिछले लेखों में सूक्ष्म सा प्रकाश डाला था। अब पुन: कश्मीर की उस केसर को इतिहास के गौरव पृष्ठों पर खोजने का प्रयास करते हैं, जिसकी सुगंध ने इस स्वर्गसम पवित्र पंडितों की पावन भूमि को भारतीय इतिहास के लिए श्लाघनीय कार्य करने के लिए प्रेरित और […]
बिखरे मोती-भाग 24
अपने सगे संबंधी से, कर अच्छा व्यवहारझूठे पै न यकीन कर,सच्चे पै अति विश्वास।इतना डर नही शत्रु से,जितना डरावै खास।। 374।। आयु धन यश ज्ञान में,जो जन श्रेष्ठ कहाय।मूरख अपमानित करे,मन ही मन हर्षाय ।। 375।। काम, क्रोध के वेग को,रोकना नही आसान।जो नर इनसे विरत हो,समझो बुद्घिमान ।। 376।। अत्याचारी मूर्ख हो,वाणी दुष्टï उवाच।दारूण […]
आज का चिंतन-30/10/2013
सुकून की बुनियाद है सृजन सामग्री की शुद्धता – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर सृजन का शाश्वत सुख और चरम आनंद तभी प्राप्त किया जा सकता है कि जब इनकी बुनियाद शुचितापूर्ण हो तथा इसमें प्रयुक्त सभी तत्व पवित्र भावना से युक्त हों। बात किसी विचार, कल्पना और लक्ष्य की हो अथवा किसी […]
आज का चिंतन-29/10/2013
निर्लिप्त होकर जियें अपने हर किरदार को – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर व्यक्ति का अपना कर्मयोग होता है और अन्यतम जीवन शैली। इसी के अनुरूप वह पूरी जिन्दगी को गुजारता है। कइयों को मिलने वाला काम-धंधा और नौकरी उनके अनुकूल हुआ करती हैं जबकि कई सारे ऎसे होते हैं जिन्हें विवशता में आजीविका […]
राकेश कुमार आर्य अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस जैसे विकसित राष्ट्रों सहित विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों का आकर्षण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के समाज में वहां की कुल आबादी का 24 प्रतिशत भाग भारत और भारत की संस्कृति राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा रखने […]
आज का चिंतन-28/10/2013
शरीर को मुक्त रखें फालतू चीजों से भारीपन औरतनाव लाते हैं ये – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com शरीर के आभामण्डल को साफ-सुथरा, ओजस्वी और पारदर्शी बनाए रखने के लिए हमें सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए। अपना आभामण्डल जितना शुभ्र होता है उसी अनुपात में ब्रह्माण्ड की शक्तियों, प्राकृतिक प्रवाह और नैसर्गिक ताजगी के साथ ही […]
भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता के आधार पर बनाया गया है। परंतु संविधान की विभिन्न धाराएं हैं, जिनमें हिंदुओं के अधिकार घटाकर, मुस्लिम, ईसाई व ऐंग्लो-इंडियन्स के अधिकार सुरक्षित किये गये हैं। अत: आवश्यक है कि भारत के संविधान में निहित हिंदू विरोधी प्रावधानों को बदलकर सब नागरिकों को समान अधिकार दिये जाएं। भारत एक राष्टर […]
कैसे करें गायत्री साधना-2
वेद प्रकाश शास्त्रीगायत्री-महत्व-इस संसार में कीट, पतंग, सरीसृप, पशु, पक्षी, मनुष्य आदि अनेक प्राणी है परंतु इनमें मानव योनि से श्रेष्ठ अन्य कोई नहीं-नहि मानुषात श्रेष्ठतरं हि किञ्चित् ।।महाभा. शा. 180। 12क्योंकि मनुष्य योनि कर्म और भोग दोनों के लिए ही है। जबकि मनुष्येतर सारी योनियां भोग योनियां हैं। मनुष्य शुभ कर्मों के द्वारा अपने […]
आज का चिंतन-27/10/2013
खुदगर्ज होते हैं रास्ते में रोकने वाले – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com प्रायः यह देखा जाता है कि जब भी हम मार्गों पर आवागमन करते हुए जाते हैं, खासकर दुपहिया वाहनों में या पैदल होते हैं तब काफी सारे ऎसे लोग रास्ते में ऎसे मिल जाते हैं जो हमें किसी न किसी प्रकार का अभिवादनसूचक […]