डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश:शीर्षक देने में, कुछ कठिनाई, अनुभव कर रहा हूँ। यदि प्रश्न उठाए जाएंगे, तो और उत्तर ढूंढने का प्रामाणिक प्रयास किया जाएगा।वैसे यह विषय एक से अधिक आलेखों के लिए उचित है।आ.गङ्गानन्द जी के,अनुरोध पर , इस आलेख में, “पश्चिमी सभ्यता (संस्कृति?) के उन पहलुओं पर रोशनी डालनेका प्रयास किया है, जिन्हों ने उसे आज कीदुनिया […]
महीना: सितम्बर 2013
विष्णुगुप्त तथाकथित सेक्युलर मीडिया के निशाने पर हिन्दू ही क्यों रहता है। तथाकथित सेक्युलर मीडिया हिन्दुओं और हिन्दू संगठनों को ही झूठ और तथ्य विरोधी आधार पर खलनायक व हिंसक साबित करने पर क्यों आतुर रहता है? मुस्लिम सांप्रदायिकता, मुस्लिम आतंकवाद और मुस्लिम हिंसा पर इनकी चुप्पी क्यों रहती है। ‘मुस्लिम पीड़ित हैं’ पर झूठी […]
राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर राष्ट्रीय चेतना के मंत्र हैं उनकी रचनाएं – अनिता महेचा, जैसलमेर मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रथम राष्ट्र कवि थे तो दिनकर उनके सच्चे उत्तराधिकारी थे। गुप्तजी की राष्ट्रीयता में सांस्कृतिक तत्त्व गहरा था, उसी का एक व्यापक पक्ष हमें दिनकर के काव्य में दृष्टिगत होता है। दिनकर ने प्रारंभ से […]
रजाक अहमद गाजियाबाद। ‘बम गुरू’ अब्दुल करीम टूण्डा पकडा गया। ऐसी ही एक और खबर आई कि क्राईम ब्रांच व ए. टी. एस. को दूसरी बड़ी सफ लता मिली है कि इंडियन मुजाहिदिन (आई. एम.) का आतंकी सरगना यासीन भटकल पकड़ा गया। टूण्डा ने अपने पाकिस्तानी आकाओं के बारे में कई राज उगले। उसने भारत […]
धर्मानुरागी को चाहिए, संयम न खो देयवाणी जो चुभै तीर सी,हृदय को जला देय।धर्मानुरागी को चाहिए,संयम न खो देय ।। 329।। वाणी से पहचान हो,अधम है अथवा महान।योग्यता की परख हो,परख्यो जा खानदान ।। 330।। वाणी में कांटे रमे,बंधयो अधरों पै काल।लक्षण सारे अनिष्टï के,ज्यों मकड़ी का जाल ।। 331।। ईश्वर की जो विभूतियां,करते रहो […]
सुखों का अस्तित्व टिका है दुःखों की बुनियाद पर – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com सुख और दुःख दोनों समय सापेक्ष एवं अनित्य हैं। दोनों का अस्तित्व मिटने वाला ही है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में सुख और दुःखों का होना स्वाभाविक है और इनका न्यूनाधिक क्रम हमेशा बना रहता है। कभी सुख […]
आशा की जा रही है कि सरकार और सुरक्षाबलों ने मुजफ्फरनगर दंगों पर नियंत्रण कर लिया है, पर अभी मन में भरे घृणित रंगों पर नियंत्रण किया जाना शेष है। दंगों और इन ‘घृणित रंगों’ का चोली दामन का साथ है। भारत में पंथ निरपेक्ष शासन की स्थापना करने का उद्देश्य भी यही था कि […]
हिंदू समाज के कुछ धर्माचार्य तथा मठ-परंपराओं में यह प्रचारित किया जाता रहा है कि स्त्रियों और शूद्रों को वेद का अध्ययन व पठन पाठन नही करना चाहिए। तर्क दिया जाता है कि शास्त्रों में इसका निषेध किया गया है। आदि शंकराचार्य द्वारा कहा गया बताते हैं कि स्त्रीशूद्रो नाधीयताम। ये निर्देश केवल शब्दों तक […]
सफलता चाहें तो साथ न रखें एक ही किस्म के लोगों को – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com किसी भी कार्य की योजना बनाने से लेकर इनके क्रियान्वयन की पूर्णता तक की पूरी प्रक्रिया में जिन लोगों की भागीदारी होती है उनकी मनोवृत्तियाँ, स्वभाव, आदतों और कार्य करने की क्षमताओं का प्रभाव कार्य की […]
पश्चिम बंगाल में गो-हत्या निषेध को लेकर संघर्ष कर रहे ब्रह्मचारी ऊपानंद का कहना है कि पश्चिम बंगाल में सरकार का गो-रक्षा के प्रति कोई दायित्व बोध नही है। यहां मुस्लिम तुष्टिकरण जमकर हो रहा है, गो-वंश संवर्द्घन की बजाए गो-वंश विनाश की घातक नीतियां बन रही हैं। जिससे गो-वंश के लिए खतरा पैदा हो […]