गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव अभियान मुखिया नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के लिए नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए उसे धर्मनिरपेक्षता रूपी बुरके में छिपी होने की बात क्या कह दी कि कांग्रेस अपने लिए ऐसा सुनकर पूरी तरह बौखलाहट में आ गयी है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह हों या मनीष तिवारी और […]
Month: July 2013
आज का चिंतन-19/07/2013
एक को चुन लें पैसा या प्रतिष्ठा – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन में सब कुछ एक साथ पा जाना संभव नहीं होता है। सभी प्रकार के गुण और संपदाओं का स्वामी कोई तभी हो सकता है जबकि उसे दैवी संपदा का वरदान प्राप्त हो तथा पुरुषार्थ का परिपालन पूरी सात्विकता और निरपेक्षता के हो। ऎसे में […]
आज का चिंतन-18/07/2013
बच्चे भारत के भविष्य हैं पैसा कमाने की मशीन न बनाएं – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com संस्कार निर्माण कार्य यों तो शैशव से ही आरंभ हो जाता है जब घर-परिवार, आस-पड़ोस तथा परिवेश एवं क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों, लोगों के हाव-भाव और विभिन्न घटनाओं का बाल मन पर सीधा प्रभाव पड़ने लगता है।सामान्यतः यही वह अवस्था होती है […]
गंगा यमुना में पानी की रफ्तार बढ़ी हुई है-मौसम बाढ़ का है। समय की रफ्तार भी तेज हो रही है-मौसम चुनावों (2014) का है। सही इसी समय न्यायालयों के निर्णयों की रफ्तार भी तेज हो रही है-मौसम सुधारों का है… शायद। पिछले दिनों न्यायालयों ने कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय दिये हैं कि जिनके अवलोकन से भारतीय […]
आज का चिंतन-17/07/2013
हमारे बाद कौन ? इस भ्रम को त्यागें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हममें से ज्यादातर लोगों को हमेशा यही भ्रम बना रहता है कि हम ही हैं जिनमें कुव्वत है और काम करना जानते हैं, यह गुण किसी और में नहीं हैं इसीलिये हमारी अलग ही पहचान बनी हुई होती है जो हममें अहंकार […]
आज का चिंतन-16/07/2013
सम्मान से ज्यादा जरूरी है समय पर संबल और स्वीकार्यता – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com किसी भी व्यक्ति के जीवन में आगे बढ़ने के लिए जिन बातों की सर्वाधिक जरूरत होती है उनमें समय पर मार्गदर्शन, संबल एवं प्रोत्साहन तथा स्वीकार्यता अव्वल स्थान पर है। हर आदमी में अपने आप आगे बढ़ने की अपार क्षमताएं और पूर्ण सामथ्र्य […]
आज का चिंतन-15/07/2013
प्रतिक्रियाओं या विरोध से बेहतर है अपनी गलतियों को सुधारें – डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में कहीं भी कोई ऎसी बात सामने आती है जिसका संबंध हमारे व्यक्तित्व के किसी न किसी पक्ष से आंशिक हो या पूर्ण अथवा उससे हमारा किसी न किसी परिमाण में कैसा भी संबंध क्यों न हो।यह संबंध दृश्यमान हो या […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…गाय के वध के मामले में इस प्रकार के अनेक फतवे समय समय पर आए हैं, जिनमें गाय के मांस को वर्जित घोषित किया है। परिस्थितिवश न तो उसे काटा जाए और न ही उसके मांस का भक्षण किया जाए। भारत में देवबंद, बरेलवी, फुलेरी शरीफ, लखनऊ और हैदराबाद जैसे अनेक दारूल […]
बिखरे मोती-भाग 9
हिंसा बल है दुष्ट का, गुणवानों का खेद दर्शन हों सत्पुरूष के,शास्त्र सुनै चित लाय।उद्योग, सरलता, सौम्यता,हितकारी कहलाय।। 147।। रोगी, ऋणी और आलसी,और हो संयमहीन।लक्ष्मी वहां टिकती नही,जो उत्साह से हीन।। 148।। शक्तिहीन को चाहिए,क्षमा-भाव अपनाए।सामर्थ्यवान को चाहिए,धर्मवान बन जाए।। 149।। सरलता के व्यवहार को,कमजोरी मानै यातुधान।लज्जाशील मनुष्य का,इसलिए करै अपमान।। 150।। अतिदानी, अतिश्रेष्ठ हो,अति […]
डार्विन के विकासवाद के सिद्धान्त ने कुछ लोगों को बहुत अधिक भ्रमित कर दिया ऐसे भ्रमित लोगों का तर्क होता है कि धर्म का विकास धीरे-धीरे हुआ और जैन,बौध,इसाइयत और इस्लाम धर्म के विकास के अगले चरण हैं। उनका मानना है कि इन सब धर्मों के सम्मिलित प्रयास से धर्म का वास्तविक स्वरूप बनकर के […]