मधुसूदनगुजराती विश्वकोश कहता है, कि,नक्षत्रों की अवधारणा भारत छोडकर किसी अन्य देश में नहीं थी। यह, अवधारणा हमारे पुरखों की अंतरिक्षी वैचारिक उडान की परिचायक है, नक्षत्रों का नामकरण भी पुरखों की कवि कल्पना का और सौंदर्य-दृष्टि का प्रमाण है। महीनों के नामकरण में, उनकी अंतरिक्ष-लक्ष्यी मानसिकता का आभास मिलता है।(दो) अंतरिक्षी दृष्टि, या वैचारिक […]
Month: June 2013
आज का चिंतन-15/06/2013
भूखे-प्यासे रहें आस-पास के प्राणीतो कर्मकाण्ड-अनुष्ठान सब हैं बेमानी डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com धर्म जैसे विराट आकाश को लोगों ने कर्मकाण्ड, यज्ञ और अनुष्ठानों या कि नाम कमाने के लिए किए जाने वाले तथाकथित पुण्य कर्मों तक ही सीमित कर दिया है।भीषण गर्मी के इस दौर में जहां आदमी सारे जतन करने के बाद भी झुलसने लगा […]
आडवाणी अनर्थ की राह पर
भाजपा का गोवा सम्मेलन पूर्ण हो गया है, इसने वही संकेत और संदेश दिये हैं जो इससे उम्मीद की जाती थी। भाजपा नेता आडवाणी अपनी जगहंसाई करा गये, परंतु राजनाथ सिंह अपने स्टैंड पर मजबूत रहे, जैसा कि उन्होंने विगत 14 अप्रैल को जब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी तो उसमें इस विषय पर अपना […]
इंकलाब जिंदाबाद-६
शांता कुमारगतांक से आगे…यदि गांधीजी को स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलने का अधिकार था तो देश के इन जवानों को मां की गुलामी की श्रंखला तोड़ने के लिए उतने ही आदर और सम्मान से हिंसा का मार्ग अपनाने का अधिकार था। सिर इस मार्ग को प्रभु, राम, कृष्ण, शिवाजी, प्रताप, सावरकर […]
आज का चिंतन-14/06/2013
प्रेमपूर्वक उपेक्षित ही रखें मूर्खों और नासमझों कोडॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.comहमारी दैनंदिन जिन्दगी में कई सारे मौके ऎसे आते हैं जब नासमझों और मूर्खों से पाला पड़ता है। हमारे संपर्क में आने वाले लोगों में यदि समझदार हों तो उनसे चर्चा करना और उन्हें समझाना ज्यादा आसान होता है लेकिन खूब सारे लोग ऎसे होते हैं […]
भारत का संविधान कहीं भी ये घोषणा नही करता कि जब आम चुनाव हों तो किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन को अपना भावी पी.एम. पहले ही घोषित कर देना चाहिए। संविधान इस विषय में यही व्यवस्था देता है कि देश का प्रधानमंत्री वही होगा जिसे देश की संसद के निचले सदन में निर्वाचित सदस्यों […]
रोशनी की चकाचौंध में भी इस लबादे का इस्तेमाल कर वक़्त को चकमा दिया जा सकता है.यह लबादा ऑप्टिकल फ़ाइबर में प्रकाश की रफ़्तार बदल सकता है.इसका मतलब है कि ‘वक़्त के गड्ढे’ में घटने वाली कोई भी घटना इस दौरान नहीं पकड़ी जा सकती.यानी प्रकाश की किरण को उसके रास्ते में ही अपने हिसाब […]
आज का चिंतन-13/06/2013
जो हैंजैसे हैं उन्हें स्वीकारें आत्म अनुकूलताएँ लाएंडॉ. दीपक आचार्य941330607dr.deepakaacharya@gmail.com जीवन में सभी प्रकार की अनुकूलताएं हमेशा प्राप्त नहीं होती। हमारे जीवन, आस-पास और परिवेश में जो कुछ होता है उसका हम पर अच्छा-बुरा प्रभाव निश्चय ही पड़ता है। कई बार जब अच्छी स्थितियां होती हैं तब हमें प्रसन्नता होती है और जब हमारे लिए प्रतिकूल […]
संकरी जगहों पर रास्ता बनाने की चींटियों की काबिलियत की नकल करके ऐसे रोबोट तैयार किए जा सकते हैं जिनका इस्तेमाल खोज और राहत-बचाव के काम में किया जा सकता है.ये नतीजा चींटियों के बारे में किए गए एक अध्ययन के बाद सामने आया है.अमरीका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है […]
राकेश कुमार आर्य इतिहास लिखा जाता है, संघर्षों से। संघर्षों की यदि बात करें तो भाजपा के संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी इतिहास लिखकर पटल से अब दूर हो गये हैं, और उनकी कलम वक्त ने अब नरेन्द्र मोदी और राजनाथ सिंह के हाथ में सौंप दी है। अटल और […]