कान सुनें महिमा तेरी, जिह्वा से हो जाप माता-पिता जहां देवें दुआ,अतिथि का सम्मान।महिला बाल जहां खुश रहें,वो कुल होय महान ।। 57।। जिसके कोप से भय लगे,शक्ति हो व्यवहार।खरगोश की खाल में भेड़िया,जाने कब कर दे प्रहार।। 58।। वयोवृद्घ और ज्ञानवृद्घ का,जो करता नही संग।चंचल चित्त जाको रहे,वो करै रंग में भंग ।। 59।। […]
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