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आओ कुछ जाने

आओ जानें, अपने प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में-5

गतांक से आगे…पी.सी. महालनोबीस-प्रशांतचंद्र महालनोबीस प्रथम भारतीय थे जिन्होंने सांख्यिकी में विश्व में अपनी पहचान बनाई। वास्तव में सांख्यिकी का भारतीय इतिहास उनका ही व्यक्तिगत इतिहास है। उन्होंने सांख्यिकी को अनेक दिक्कतों को दूर करने का माध्यम बनाया। नदियों में आने वाली बाढ़ का आकलन सांख्यिकी की सहायता से किया। हीराकुंड बांध व दामोदार घाटी […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

देश-द्रोह का बदला-3

शांता कुमारगतांक से आगे….स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद खुदीराम का स्मारक बनाया गया। बिहार के सभी नेताओं ने उसके निर्माण में भाग लिया, परंतु श्री जवाहरलाल नेहरू ने उसमें भाग लेने से इनकार कर दिया था। शायद उनकी देशभक्ति की सूची में इस बाल शहीद को कोई स्थान प्राप्त नही। महात्मा गांधी से पूर्व भारत के […]

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महत्वपूर्ण लेख

नाजायज नहीं है नौजवान का गुस्सा

चौसठवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पिछले साल दिल्ली में घटी दर्दनाक घटना को अपना केन्द्र बनाते हुए देश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को अपने संबोधन के मूल में रखा। राष्ट्रपति जी ने राष्ट्र को दिये अपने संबोधन में कहा है कि देश […]

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राजनीति

शिंदे के बयान से खिलीं कठमुल्लों की बांछें

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का बयान रोजाना नया गुल खिला रहा है। पहले पाकिस्तानी आतंकी हाफीज सईद ने शिंदे के बयान के आधार पर पाक में हुए सभी धमाकों के पीछे भारतीय संगठन का हाथ बताया। अब शिंदे के बयान का ही सहारा लेकर एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने 1992 बाबरी मस्जिद के […]

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राजनीति

महारानी के लिए मुखौटे की तलाश

निरंजन परिहारराजस्थान में बीजेपी नए अध्यक्ष के लिए मशक्कत कर रही है। कहा तो यही जा रहा है कि ऐसा अध्यक्ष चाहिए, जो अगले विधानसभा चुनाव में न केवल कांग्रेस के सर पर सवार हो सके। बल्कि बीजेपी को भी सत्ता के करीब लाने में सक्षम हो। पर, सच यह है कि राजस्थान में बीजेपी […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

झंडे की कहानी : जब था झंडे में वंदेमातरम्

राकेश कुमार आर्यभारत में ध्वजा शब्द झंडे का पर्यायवाची है, प्राचीन काल में राज्यकर्मियों द्वारा उठाकर ले जाने वाली ध्वजा को राजा या सेना के प्रतीक रूप में परिभाषित किया गया है। शुद्घ शाब्दिक रूप में ध्वजा से तीन चीजों का बोध होता है-1. पताका (हवा में फहराने वाला कपड़े या किसी अन्य वस्तु का […]

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भारतीय संस्कृति

महाकुंभ का वास्तविक उद्देश्य नदी संरक्षण है

पियुष द्विवेदी ‘भारत’हजारों सालों से चली आ रही अपनी परम्परा के गौरवशाली इतिहास के अनुरूप एकबार फिर महाकुंभ का आरम्भ हो चुका है । वार्षिक कुम्भ का आयोजन तो प्रतिवर्ष किया जाता है, पर प्रत्येक बारह वर्ष में, एक विशेष ग्रह स्थिति आने पर, आयोजित होने वाले इस महाकुंभ का विशेष महत्व है । वहाँ […]

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भारतीय संस्कृति

गणतांत्रिक भारत में गणतंत्र को चुनौतियां

आशीष वशिष्ठविश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र राष्ट्र कहलाने वाले हमारे इस देश की स्वतंत्रता व गणतंत्रता, स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले महानायकों का स्वप्न था, जिसे उन्होंने हमारे लिए यथार्थ में परिवर्तित कर दिया। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले महानायकों में से एक नायक सुभाषचंद्र बोस ने कभी कहा था कि ‘तुम मुझे […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

गणतंत्र के 63 वर्ष बीत जाने के बाद अभी भी है भारत में अंग्रेजी का गणतंत्र

हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। लेकिन हमारी जनता आजाद गुलाम की मानिंद जिन्दगी बसर करने मजबूर है। और यह सब हमारी सरकार की कुनीतियों एवं अनदेखी का परिणाम है। हमारे थाने अंग्रेजों के समय के थानों से भी खतरनाक है वो इसलिए क्योंकि अंग्रेजों की लाठी खाने पर कम से कम अपने […]

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महत्वपूर्ण लेख

गणतंत्र दिवस हमारा संकल्प दिवस:आर्य

नोएडा। यहां ग्राम भंगेल में स्थित गुरू एसएमजी पब्लिक स्कूल में गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश आर्य के द्वारा झंडा रोहण किया गया। जबकि विद्यालय के छात्र छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर श्री आर्य ने कहा […]

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